उमंगोट नदी-भारत के स्वच्छ नदी के बारेमें क्या आप जानते है?

उमंगोट नदी एशिया भारत मेघालय में स्वच्छ नदी
उमंगोट नदी एशिया भारत मेघालय में स्वच्छ नदी

भारत में मेघालय राज्य में शिलांग से लगभग १०० कि.मी से कम दूर है उमंगोट नदी ! यह मेघालय का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह नदी एशिया महाद्वीप की सबसे स्वच्छ नदियों में से भी एक है !
अगर हम आपको भारत की एक ऐसी नदी के बारे में बताएं, जो कांच की तरह पारदर्शी है, तो क्या आप विश्वास करेंगे? जी हां, अगर यकीन नहीं हो रहा तो इस खास लेख  को पूरा पढ़ना !  भारत देश में स्थित इस नदी का पानी क्रिस्टल  से भी ज़्यादा साफ़ है ! जिस नदी के बारे में हम बात कर रहे है, वो भारत की सबसे साफ और स्वच्छ नदियों मे से एक नदी है ! इस नदी का नाम है उमंगोट नदी ! यह मेघालय का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह नदी एशिया महाद्वीप की सबसे स्वच्छ नदियों में से भी एक है !

उमंगोट नदी

  PHOTO IMAGE CREDIT GOOGLE

“उमंगोट नदी” के बारे में बुनियादी जानकारी:

उमंगोट नदी को "डॉकी नदी", "डाउकी नदी" और "वाह उमंगोट" के नाम से भी जाना जाता है ! नदी भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम जैन्तिया हिल्स जिले में जैन्तिया हिल्स के निचले भाग में स्थित एक छोटे से शहर डॉकी / डाउकी से होकर बहती है। इसे "पहाड़ों में छिपे स्वर्ग" के नाम से भी जाना जाता है ! वह इसलिए क्योंकि यह नदी इतनी खूबसूरत है कि लोग देखतेही इससे मोहित हो जाते हैं ! जब सूरज उगता हैतो ये नदी बिल्कुल पारदर्शी रंगहीन (transparent colorless) हो जाती है !नौका विहार करते वक्त,आपको लगेगा कि आप काँच पर तैर रहे हैं,नदी के नीचे का एकएक पत्थर आपको क्रिस्टल (crystal) की तरह साफ नज़र आएगा,ये नदी इतनी साफ़ है !
यह नदी बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के करीब मेघालय के मावलिनोंग ("भगवान का अपना बगीचा") गांव में है, जिसे एशिया का सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है। (village of Mawlynnong ("God's Own Garden") in Meghalaya)!"उमंगोट" अंततः बांग्लादेश में बहने से पहले, जैंतिया और खासी पहाड़ियों के बीच एक प्राकृतिक विभाजन का काम करती है। ये देखने में एक खूबसूरत नजारा है ! यह पूर्वी शिलांग चोटी से निकलती है, जो समुद्र तल से १८०० मीटर ऊपर स्थित है।
नदी के माध्यम से नाव की सवारी करते कोई व्यक्ति वास्तव में नदी के तल को देख सकेगा है,  भले ही वह लगभग १५/२० फीट गहरा हो। उमंगोट नदी इतनी साफ है कि सूर्य के प्रभाव से यह गहरी हरी झील रंगहीन और पारदर्शी नदी बन जाती है।

“उमंगोट नदी” / “डाउकी नदी” की सफाई:

उमंगोट नदी के चारों ओर का नज़ारा बहुत खूबसूरत  है ! औरकुछ लोग इसकी तुलना स्वर्ग से भी करते हैं ! जो भी यहाँ पहली बार आता है उसे यही लगता है कि वो किसी और  संसार में है ! क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं होता कि नदी इतनी साफ हैं ! इस नदी  में धूल का एक भी कण, और कचरे का एक भी टुकड़ा आपको नज़र नहीं आएगा ! अब आप सोच रहे होंगे कि जहां एक और हमारी बाकी नदीयाँ, प्लास्टिक (plastic) और कूड़े कचरे से भरी पड़ी हैं,तो हमारे देश की यह नदी इतनी साफ कैसे हैं?

नदीकी सफाई की ज़िम्मेदारी सरकार  नहीं, बल्कि वहांके के आदिवासी गांववाले उठाते हैं ! यहाँ पर रहने वाले आदिवासी, इस नदी की सफाई,पीढ़ियों से करते आ रहे हैं ! ये नदी, तीन गाँव से होकर बहती है ! और इन्हीं तीन गाँवके लोगों के ऊपर इसकी सफाई की ज़िम्मेदारी भी है ! गाँव में करीब तीन सौ से ज़्यादा घर हैं, जो मिलकर सफाईकरते हैं ! समय और रहनेवाले की संख्या के हिसाब से महीने में एक दो या फिर चार दिन कम्युनिटी डे (community day) होते हैं ! इस दिन गांव के हर घर में कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई के लिए आता है ! यहाँ आने वाले सभी यात्रियों से ये कहा जाता है कि वे किसी भी तरह की गंदगी ना फैलाए !
स्वच्छता के साथ-साथ, गाँव ने एक दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल की है – १००% साक्षरता दर।

उमंगोट नदी / डाउकी नदी / डाउकी गाँव. इस स्थान पर कब जाएँ और कहाँ ठहरें:

डॉकी(डाउकी)गाँव की यात्रा का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल / मे तक शुष्क महीनों के दौरान है। मॉनसून डॉकी(डाउकी)गाँव की यात्रा के लिए एक बुरा समय है क्योंकि नदी हमेशा उफान पर रहती है और नौकायन बंद रहता है। आप शिलांग के होटलों में रुक सकते हैं और उमंगोट नदी / डॉकी(डाउकी)गाँव की एक दिवसीय यात्रा कर सकते हैं। शिलांग,रिवाई और मावलिनोंग में आवास विकल्प उपलब्ध हैं ! शिलांग में गांवों की तुलना में अधिक बजट अनुकूल बैक पैकर हॉस्टल हैं ! गांवों में होमस्टे हैं लेकिन जेब पर बहुत हल्के नहीं हैं।
डॉकी(डाउकी) गांव तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका कार किराए पर लेना है। गाँव की ओर जाने वाली सड़क घाटियों और छोटे-छोटे गाँवों से होकर गुजरती है, जिसमें १५/२० घर हैं और खेत का कभी न खत्म होने वाला विस्तार है। कार द्वारा शिलांग और डॉकी(डाउकी) गांव के बीच की अनुमानित दूरी लगभग ढाई घंटे है। आखिरी कुछ किलोमीटर की ऊबड़-खाबड़ यात्रा आनंद को खराब नहीं कर सकती।
रिवई के रूट ब्रिज गांव और एशिया के सबसे स्वच्छ गांव मावलिननॉन्ग की यात्रा के साथ, डॉकी(डाउकी) की सड़क यात्रा को,जोड़ा जा सकता है ! ये तीनों स्थान एक ही मार्ग के अंतर्गत आते हैं और इन्हें एक ही दिन में तय किया जा सकता है।

नौका विहार एवं तैराकी:

लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा या असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित गुवाहाटी हवाई अड्डा, डॉकी से निकटतम हवाई अड्डा है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन (जीएचवाई) डावकी और श्नोंगपडेंग के पास सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। डॉकी के नजदीक स्थित अन्य रेलवे स्टेशन कामाख्या (केवाईक्यू) रेलवे जंक्शन और न्यू बोंगाईगांव (एनबीक्यू) हैं, दोनों असम में हैं।

नदी के उथले छोर की ओर, यात्री तैरने के लिए भी पानी में उतर सकते हैं क्योंकि धारा बहुत तेज़ नहीं है। यह ठंडे पानी में गहरी गोता लगाने के लिए एक उत्कृष्ट जगह है, जबकि छोटी मछलियाँ आपके पैरों के चारों ओर तैरती हैं। केबल सस्पेंडेड ब्रिज निकट तक चलने से पहाड़ियों और बांग्लादेशी मैदानों का सुंदर मनोरम दृश्य दिखाई देता है।

प्रत्येक नाव अधिकतम चार लोगों और एक नाविक बैठता है। पूरी नाव यात्रा में एक घंटा या उसके आसपास का समय लगता है ! वास्तविक नौकायन आधे घंटे के लिए किया जा सकता है और बाकी समय पास के एक छोटे से द्वीप पर बिताया जा सकता है।
नाव की सवारी का शुल्क लगभग रु. ८०० /- प्रति नाव। डाउकी में नाव की सवारी पर सुरक्षा जैकेट अनिवार्य है। भीड़ कम होने के कारण सुबह-सुबह नाव की सवारी पर जाने का सुझाव दिया जाता है। नाव में डीएसएलआर कैमरा और मोबाइल साथ ले जाना बिल्कुल सुरक्षित है। कयाकिंग (kayaking) के लिए अंदाजन ५०० रूपये होते है !

भोजन/खाद्य सामग्री:

डॉकी नदी, डॉकी शहर, श्नोंगपडेंग या दारांग के आसपास अधिक रेस्तरां नहीं हैं। जो हैं उनका मेनू सीमित है। डॉकी, श्नोंगपडेंग और दारंग में कई दुकानें हैं जो पैकेज्ड चिप्स, कोल्ड ड्रिंक बेचती हैं। डाउकी शहर में फलों की भी कई दुकानें हैं। आपको उत्तर पूर्व भारत के स्वादिष्ट स्थानीय संतरे और अनानास का स्वाद अवश्य चखना चाहिए। शाकाहारी भोजन उपलब्ध होने की पूरी संभावना है !

स्थानीय भाषाएँ:

मेघालय की आधिकारिक भाषाएँ खासी, जैंतिया, गारो और अंग्रेजी हैं। भारत के अन्य स्थानों की तुलना में मेघालय में लोग बहुत अच्छी अंग्रेजी बोलते और समझते हैं। मेघालय में हिंदी भी बहुत अच्छी तरह समझी और बोली जाती है। पनार-सिंटेंग, नेपाली, और हैजोंग, असमिया और बंगाली यहां बोली जाने वाली अन्य भाषाएं हैं। 

भारत बांग्लादेश सीमा:

जो बात इस गांव को दिलचस्प बनाती है वह यह है कि यह गांव भारत और बांग्लादेश के बीच स्थित है। लगभग ५०० मीटर दूर, आप बांग्लादेश सीमा देख सकते हैं। फिलहाल सीमा पर जाने के लिए कोई शुल्क नहीं है। बेहतर होगा कि आप वहां जाने से पहले सेना के जवानों से अनुमति ले लें! डॉकी बोटिंग प्वाइंट के नजदीक, १९३२ में अंग्रेजों द्वारा निर्मित एक सस्पेंशन ब्रिज (SUSPENSION BRIDGE)है। यह पुल भारत और बांग्लादेश के बीच एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार राजमार्ग के रूप में महत्वपूर्ण कार्य करता है। डावकी गांव और सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने के लिए इस पुल को पार करना पड़ता है। सस्पेंशन ब्रिज पार करते ही जाफलोंग ज़ीरो पॉइंट आता है। ज़ीरो पॉइंट के पास नदी के उस पार अंतरराष्ट्रीय सीमा है। डाउकी में एक झूला पुल है और वहां से दृश्य शानदार है, लेकिन वे आपको उस पर चलने की अनुमति नहीं देंगे।
इस सस्पेंशन ब्रिज के बारे में अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

कुछ अतिरिक्त जानकारी:

डाउकी में बहुत कम एटीएम स्थित हैं। यहां डिजिटल पेमेंट बहुत लोकप्रिय नहीं है ! डॉकी, श्नोंगपडेंग या दारंग में नकद ले जाना एक अच्छा विचार है। डाउकी बाज़ार में भारतीय स्टेट बैंक है। यहां का एटीएम काम कर भी सकता है और नहीं भी, यह आपकी किस्मत पर निर्भर करता है।
मोबाइल नेटवर्क पाने के लिए आपको चुनौती का सामना करना पड़ सकता है!

उमंगोट नदी नौका दौड़ के लिए एक स्थल है जो मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाती है ! लेकिन अन्यथा भी, इस विशाल पन्ना सर्प जल निकाय को पहाड़ियों के माध्यम से अपना रास्ता बनाते हुए देखना, मछुआरों की नावें इसकी सतह पर, बांग्लादेश के मैदानी इलाकों में घूमती हैं, एक अद्भुत अनुभव है। वह दृश्य, जिसकी महिमा आपके इसे छोड़ने के बाद भी लंबे समय तक गूंजती रहती है।

उमंगोट नदी / डाउकी नदी / डाउकी गाँव.अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर:

  • “डॉकी नदी” / “डाउकी नदी” / “उमंगोट नदी” / “डाउकी गाँव” क्यों प्रसिद्ध है?
    यह गांव और नदी क्रिस्टल साफ पानी के लिए प्रसिद्ध है।
  • “डाउकी नदी” / “डाउकी गाँव” कहाँ स्थित है?
    भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम जैन्तिया हिल्स जिले में जयन्तिया हिल्स के निचले भाग में स्थित है।
  • क्या डाउकी यात्रा के लिए एक दिन काफी है?
    हाँ ! केवल एक ही बात बेहतर है कि आप सुबह-सुबह गांव पहुंच जाएं।
    यदि आप अधिक स्थानों का पता लगाना चाहते हैं और जलवायु का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप अधिक समय के लिए रुक सकते हैं।
  • क्या मैं “डॉकी नदी” / “डाउकी नदी” / “उमंगोट नदी” / “डाउकी गाँव” / झील में तैर सकता हूँ?
    हाँ, उमंगोट में नदी का प्रवाह हल्का है और हर कोई लाइफ जैकेट पहनकर तैराकी कर सकता है। गुनगुने पानी में तैरने से निश्चित रूप से सड़क यात्रा की सारी थकान दूर हो जाएगी !
  • “डॉकी नदी” / “डाउकी नदी” / “उमंगोट नदी” / “डाउकी गाँव” / की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
    इसकी अपार प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए डाउकी की यात्रा का सबसे अच्छा समय नवंबर से मई तक सर्दी और गर्मी का मौसम है।
  • गुवाहाटी से डाउकी कैसे पहुँचें?
    रेल द्वारा। डावकी से निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग १७० किमी दूर स्थित है। स्टेशन से बस या निजी टैक्सी ले सकते हैं और सड़क मार्ग से डाउकी पहुँच सकते हैं, जो रास्ते में शिलांग से होकर गुजरती है। पूरी यात्रा में लगभग 5 घंटे लगते हैं।
  • उमंगोट नदी कितनी गहरी है?
    १५ /२० फीट तक गहराई
  • एशिया की सबसे स्वच्छ नदी मेघालय कौन सी है?
    मेघालय में उमंगोट नदी, जिसे आम तौर पर डॉकी नदी के नाम से जाना जाता है, अपने क्रिस्टल-स्पष्ट पानी के कारण एशिया की सबसे स्वच्छ नदी के रूप में व्यापक रूप से प्रशंसित है।
  • शिलांग में ओला (OLA) है या उबर (UBER)?
    नहीं, डॉकी को पढ़ाने के लिए आपको लोकल टैक्सी बुक करनी होगी। यह आपसे लगभग रु.३००० का शुल्क ले सकता है. दिन के लिए ! यह मौसम, भीड़, यात्रियों की संख्या और कार के प्रकार पर निर्भर करता है !

उमंगोट नदी निष्कर्ष:

“डॉकी नदी” / “डाउकी नदी” / “उमंगोट नदी” / “डाउकी गाँव” निश्चित रूप से एक अवश्य घूमने योग्य स्थान है ! और उमंगोट नदी प्रमुख आकर्षण है। क्रिस्टल साफ़ पानी को देखना और उसमें तैरने का आनंद लेना एक बिल्कुल असाधारण अनुभव है। यहां प्रकृति अपने सर्वोत्तम रूप में है। इसके अतिरिक्त, यह कोई महँगा सौदा नहीं है! यात्रा के बाद आप जो यादें लेकर जाएंगे, वे निश्चित रूप से जीवन भर के अनुभव के रूप में रहेंगी। यह एशिया, भारत, मेघालय, सिक्किम के पास सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।

उमंगोट नदी टिप्पणियाँ:

यदि आप पहले ही दौरा कर चुके हैं या जाने की योजना बना रहे हैं, तो अपने अनुभव/प्रश्न के बारे में टिप्पणी करें। इस पर प्रतिक्रिया देना अच्छा लगेगा !

“माना” – भारत का पेहला गांव – इसके बारेमें जानने के लिए यहाँ क्लिक करे !

क्या आप हिंदुस्तानके स्वामिभक्त “शुभ्रक” घोड़े के बारे में जानते है ? इसके बारेमें जानने के लिए यहाँ क्लिक करे !

By gyanbyjabulani.in

मैं एक प्रमुख साइकिल चालक हूं और घूमना पसंद करता हूं। मैं प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील हूं और कृतज्ञता के साथ-साथ ब्रह्मांड में मौजूद अनंत ऊर्जाओं में भी विश्वास रखता हूं। मैं कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट हूं और मुझे आईटी के साथ-साथ प्रबंधन में भी लगभग २१ वर्षों का पेशेवर अनुभव है।

17 comments

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *