९/११ हमला ! उस दिन अमेरिका में क्या हुआ था ?

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९/११ या 9/11 या ११/०९/२००१ या ११ सप्टेंबर २००१ या 11 September 2001 ! ये तारीख / दिन है ,जिसने अमेरिका में आतंकी हमले और विमानों को दुर्घटनाग्रस्त कर पूरी दुनिया को दहला दिया था ! यह वह दिन है जिसने पूरी दुनिया को आतंकवाद का असली और घिनौना चेहरा दिखाया ! बिना किसी कारण के, हजारों भोले-भाले नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी ! देश/सार्वजनिक संपत्ति की हानि कल्पना से परे है ! २२ साल बाद भी इस घटना की यादें हर किसी को झकझोर देती हैं। उस दिन अमेरिका में आख़िर क्या हुआ था ? ऐसा क्यों हुआ था ? इसके पीछे मास्टर माइंड कौन था ? इस हमले का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा ? आतंकवाद के खिलाफ समाधान क्या है ? आइए इस ब्लॉग में इन प्रश्नों और कई अन्य चीज़ों के बारे में जानें !
मैं इस ब्लॉग के माध्यम से वास्तविक जीवन की घटनाओं को पढ़ने की अद्भुत यात्रा पर आपका स्वागत करता हूं !

९/११
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Table of Contents

अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह एक नियमित सुबह थी !

११ सप्टेंबर २०११ – मंगलवार. दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स यानी यू,एस. प्रेसिडेंट (US President) के लिए किसी आम दिन जैसा ही था ! वॉशिंग्टन डीसी (Washington DC) से करीब एक हज़ार मील दूर, फ्लोरिडा (Florida) के एक स्कूल में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (President George W. Bush) का एक प्रोग्रॅम चल रहा था ! बुश और छात्रो के बीच खुशनुमा बात शुरू होने ही वाली थी ! उसी वक्त व्हाईट हाऊस (White House) के चीफ ऑफ स्टाफ (Chief of Staff) एंड्रयू हिल कार्ड जूनियर (Andrew Heal card Junior) आए और बुश के कान में फुसफुसाते हुए कुछ कहा ! प्रेसिडेंट बुश के चेहरे का रंग थोड़ा उड़ जाता है,लेकिन जल्द ही वह खुद को नॉर्मल कर लेते हैं ! और सब कुछ पहले की रफ़्तार से चलने लगता है ! क्लास में स्टुडंट्स के साथ बातचीत का सिलसिला चल पड़ता है !

कुछ ही देर बाद चेहरे पर बेचैनी छिपाएँ एंड्रयू हिल कार्ड (Andrew card) फिर क्लास में एन्ट्री करते हैं ! इस बार वो बुश के कान में बेहद नाप तोड़कर कुछ ग्यारह शब्द बोलते हैं ! प्रेसिडेंट बुश, एंड्रयू कार्ड की बात सुनकर चौंक जाते हैं और खौफ में आ जाते हैं ! लेकिन फिर भी वह शांत रहते हैं ! आप सोच रहे होंगे एंड्रयू कार्ड ने उनके कान में क्या कहा ? तो बता दें कि एंड्रयू हिल कार्ड ने, अमेरिका (America) पर हवाई हमले / आक्रमण (Air Attack) के बारे में प्रेसिडेंट बुश को बताया था ! जिसे आज ९/११ हमला (9/11 Attack) के नाम से जाना जाता है ! दोस्तों, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशके ऊपर यह एक आतंकी हमला (terrorist attack) था !

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर पहला विमान हादसा – नॉर्थ टॉवर !

११ सप्टेंबर २००१ की सुबह का वक्त था और अमेरिका के लोग दैनिक जीवन जी रहे थे ! अमेरिकन एरलाईन्स (American Airlines) की फ्लाईट ११ (Flight 11) बोस्टन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डेसे (Boston International Airport) टेकऑफ (Take Off) करती है ! इस फ्लाईट की डेस्टिनेशन (Destination) गंतव्य स्थान – लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया (Los Angeles, California) हैं ! करीब बानवे (९२) लोग इस प्लेन (Plane) में सवार हैं ! जिनमें से ग्यारह (११) चालक दल के सदस्य (Crew Members – क्रू मेंबर्स ) हैं ! और इक्यासी (८१) पॅसेंजर्स (यात्रि) हैं ! टेकऑफ करने के करीब पंद्रह मिनट बाद पता चलता है कि इन इक्यासी पॅसेंजर्स में से (५) पांच (hijackers) (हाय जैकर्स) हैं !

थोड़ी देर बाद ही ये सभी हाई जैकर्स प्लेन को हाय जैक (hijack) कर लेते हैं ! और जबरदस्ती कॉकपिट (Cockpit) में घुसते हैं ! इन हाई जैकर्स में से एक पायलट (Pilot) की तरह प्रशिक्षित है ! और इसका नाम है मोहम्मद अट्टा (Mohammed Atta) ! राष्ट्रीयता से, यह एक (Egyptian – मिस्र निवासी) इजिप्शियन है और तैंतीस साल का है ! यह पायलट और सह पायलट से प्लेन का नियंत्रण छीन लेता है ! और प्लेन को सीधा (World Trade Center – विश्व व्यापार केंद्र) वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की ओर उड़ाता है ! हाई जैकर्स प्लेन को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर (North Tower) में ले जाकर क्रॅश करवा देते है – टकरा देते हैं ! यह पहला विमान हादसा सुबह ८.४६ बजे होता है ! ट्विन टावरों (Twin Towers) में से एक टावर ध्वस्त हो जाता है! एकदम से अमेरिका में हड़कंप मच जाता है !

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दूसरा विमान हादसा – साऊथ टॉवर !

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ! दोस्तों, उस वक्त की बड़ी ही स्मारकीय ऐतिहासिक इमारत (Monumental Historical Building) थी ! और एक समय में यह यूएसए की सबसे ऊंची इमारतों में से हुआ करती थी ! जब राष्ट्रपति बुश को पहली बार इस घटना के बारे में बताया गया, जब वह एक स्कूल समारोह में थे, तो उन्हें इस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ। बल्कि उनका मानना था कि, पायलट को दिल का दौरा पड़ा होगा और इसलिए उसने अपना नियंत्रण खो दिया होगा, जिसके कारण विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वह कक्षा के छात्रों के साथ अपनी रिडींग एक्सरसाइस जारी रखते है।

लेकिन इस घटना के सिर्फ १७ सत्रह मिनट बाद ही पता चलता है कि यूनाइटेड एयरलाइन्स की फ्लाइट १७५ (Flight 175) को भी ५ हाय जैकर्स द्वारा हाय जैक किया जा चुका है ! एक बार फिर से हाय जैकर्स, फ्लाइट को जबर्दस्ती से अपने कंट्रोल में ले लेते हैं ! और एक बार फिर वही सब होता है ! हाय जैकर्स प्लेन को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Center) की तरफ ले जाते हैं ! और इस बार साऊथ टॉवर (South Tower) में क्रॅश कर देते हैं ! राष्ट्रपति बुश के लिए एंड्रयू कार्ड के शब्द थे – एक दूसरा विमान दूसरे टॉवर से टकरा गया है। अमेरिका पर हमला हो रहा है ! लोग अभी पहले क्रॅश को ही समझ नहीं पा रहे थे कि इस दूसरे क्रॅश ने उन्हें झकझोर कर रख दिया ! वक़्त 9:03:02: फ्लाइट 175 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टॉवर (2 डब्ल्यूटीसी) के दक्षिणी हिस्से में, मंजिल 77 और 85 के बीच क्रैश कर जाती है ! लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकती !

अमेरिका पर तीसरा विमान हमला – पेंटागन !

कुछ समय बाद ही खबर आती है कि और दो प्लेन हायजॅक हो चुके हैं ! एक थी अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट ७७ (American airlines flight 77) ! और दूसरी यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट ९३ (United Airlines Flight 93) ! फ्लाइट 77 ने लॉस एंजिल्स के लिए अमेरिका के वाशिंगटन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेक ऑफ किया था ! और फ्लाइट 93 ने न्यूयॉर्क (New York) के न्यू जर्सी (New Jersey) से कैलिफोर्निया (California) के लिए टेक ऑफ किया था ! फ्लाइट 77 में ५ हाय जैकर्स थे ! और फ्लाइट 93 में ४ हाय जैकर्स थे ! हाय जैकर्स दोनों फ्लाइट को रीरूट कर वाशिंगटन डीसी की ओर टर्न कर देते हैं ! बता दें कि वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी है ! वाशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर पर ही मौजूद है अमेरिका के रक्षा विभाग का मुख्यालय भवन (Department of Defense Headquarters Building) ! जिसका नाम है The Pentagon – पेंटागन ! पेंटागन भी अपने आप में एक बहुत ही प्रतिष्ठित इमारत (Iconic Building) है ! हाय जैकर्स फ्लाइट 77 को पेंटागन बिल्डिंग की तरफ मोड़ देते हैं और सुबह ९:३७ (9:37 am) पर प्लेन को इस बिल्डिंग में क्रैश करा देते हैं ! इसकी वजह से बिल्डिंग को काफी नुकसान होता है ! विमान कॉरिडोर ४ और ५ के बीच पहले डेक स्तर पर ई रिंग से टकराया ! विमान के विनाश का मार्ग सी रिंग और बी रिंग के बीच की गली में समाप्त हुआ !

इस समय पर तक यूएसए के सभी एयरपोर्ट्स को शट डाउन (shut down) किया जा चुका था ! सभी प्लेन्स जो हवा में मौजूद थे उनको यह आर्डर दिए जाते हैं कि अपने निकटतम हवाई अड्डे पर लैंडिंग करें ! सुबह ९:५९ को (9 59 am) पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का साउथ टावर बुरी तरहसे आग लगने की वजह से गिर (collapse) जाता है !

चौथा अपहृत विमान कहाँ है ?

इसी बीच चौथा हाईजैक विमान यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट 93 क्रैश होने का डर सबको सताने लगता है ! सब अब ये अंदाज़ा लगाते हैं कि ये प्लेन एक्चुअली में व्हाइट हाउस (White House) या यूएसए कैपिटोल (Capitol Hill) में क्रैश कराया जा सकता है ! व्हाइट हाउस, आप सभी को पता है, कि यह यूएसए के लिए कितना महत्वपूर्ण है ! यह यूएसए के राष्ट्रपति का निवास है ! और वहीं यूएसए की कैपिटोल बिल्डिंग (Capitol Hill) ! येयूएसए फ़ेडरल गवर्नमेंट की लेजिस्लेटिव सीट (US Federal Government Legislative Seat) है ! तो बेसिकली आप कैपिटोल बिल्डिंग (Capitol Hill) को भारतीय संसद से तुलना कर सकते हैं ! अब यह समझना मुश्किल नहीं है, कि इन दोनों में से किसी भी बिल्डिंग पर प्लेन क्रैश करना कितनी बड़ी घटना हो सकती है ! लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है ! क्योंकि इस फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर्स को इस बात का पता लग गया था कि उनका प्लेन हाईजैक हो चुका है ! उन्हें जल्द ही समझ गया था कि उनका प्लेन भी क्रैश कर दिया जाएगा ! जिसके बाद उन्होंने हाय जैकर्स से फाइट करना शुरू कर दिया !

जब चौथा अपहृत विमान हवा में था, तो अंदर मौजूद कई यात्रियों को डब्ल्यूटीसी विमान दुर्घटना के बारे में पता चल गया था! साथ ही उन्हें इस बात की जानकारी थी कि उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त होने की कगार पर है! हालाँकि, कहानी यहाँ एक अलग मोड़ लेती है! सभी यात्रियों ने अपहर्ताओं से मुकाबला किया ! सोचा कि यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में अंदर क्या हुआ, लेकिन यह सच है कि विमान किसी सार्वजनिक स्थान या लोकप्रिय स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ। यदि ऐसा नहीं होता तो अन्य तीन दुर्घटनाओं की तरह कई निर्दोष लोगों की जान चली गई होती। ये सभी यात्री 9/11 घटना के असली हीरो थे जिन्होंने देश/अन्य लोगों के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

सुबह १०:०३ बजे, जोरदार संघर्ष के बाद, विमान पेंसिल्वेनिया के शैंक्सविले (Shanksville, Pennsylvania) के पास एक मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे विमान में सवार सभी ४४ लोगों की मौत हो गई। जब विमान 580 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से ज़मीन पर गिरा, तब वाशिंगटन से लगभग २० मिनट की दुरी पे था !

अल कायदा नाम का आतंकवादी संगठन और ओसामा बिन लादेन !

खौफनाक सुबह से शुरू हुआ ये दिन दोपहर तक तीन हज़ार लोगों की मौत का और छह हज़ार लोगों के घायल होने का गवाह बन चुका था ! एंड्रयू कार्ड उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि उस घटना ने सभी को एकजुट कर दिया था ! उस दिन ना कोई रिपब्लिकन था और ना कोई प्रजातंत्रवादी (Democrat). उस दिन सभी अमेरिकन थे ! १०२ मिनट एक सौ दो मिनट में दुनिया में बहुत कुछ बदल गया था ! अब सभी के दिमाग में एक सवाल यह रहा होगा कि यह क्रैश कराया किसने और इसके पीछे किसका हाथ होगा ? इसकी योजना कैसे हुई और सबसे बड़ा सवाल कि इसे अंजाम कैसे दिया गया ? क्योंकि इतने शक्तिशाली देश में प्रवेश करना और उस पर हमला करना कोई आम बात नहीं थी ! इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी अल कायदा नाम के आतंकवादी संगठन ने और अल कायदा का सरगना था ओसामा बिन लादेन ! लादेन इसके बाद ही लोगों की नज़रों में आया था ! इससे पहले इसका नाम शायद ही किसी ने सुना था ! लादीन ने इस हमले के लिए अमेरिका को ही ज़िम्मेदार ठहराया था ! दरअसल १९७९ से लेकर १९८९ तक चले अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका ने यूएसएसआर को हराने के लिए इन उग्रवादियों का समर्थन दिया था !

जिहादी आंदोलन (JIHADI MOVEMENT) की शुरुआत !

तो इस कहानी की शुरुआत २००१ में नहीं बल्कि २८ साल पहले १९७३ में ही शुरू हो गई थी ! जब अफगानिस्तान पर कम्युनिस्ट समर्थन से मोहम्मद दाऊद ने राजा जाहिर शाह की सरकार का तख्ता पलट कर दिया था, और वहां अपनी सरकार बना ली थी ! इस तरह अफगानिस्तान में भी साम्यवादी (communist) पॉवर में आ चुके थे ! पॉवर में आते ही इन्होंने वहां के धर्म को तोड़ना शुरू कर दिया ! इस धार्मिक दरार की वजह से बहुत से इस्लामी, अफगानिस्तान छोड़ दूसरी पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश बसने लगे ! ये समय शीत युद्ध का था, जब अमेरिका और सोवियत संघ (soviet union) एक दूसरे के आमने सामने थे ! ऐसे में अमेरिका और ब्रिटेन यह बिल्कुल भी नहीं देख पा रहे थे कि सोवियत संघ, अफगानिस्तान पर अपना क़ब्ज़ा जमाने में कामयाब हो गया है !

ऐसे में अमेरिका और ब्रिटेन ने सोवियत संघ के खिलाफ लोगों को देश छोड़ कर जाने के लिए प्रभावित करना शुरू कर दिया ! अमेरिका ने पाकिस्तान गए अफगानियों को हथियार और पैसा देना शुरू कर दिया !और यहीं से एक जिहादी आंदोलन (JIHADI MOVEMENT) की शुरुआत हुई – उन लोगों के खिलाफ जो अल्लाह में विश्वास नहीं रखते थे, यानी साम्यवादी (communist) के खिलाफ ! इस मूवमेंट में कई यंग नेता शामिल हुए थे, जो आगे चलकर तालिबान जैसे संगठनों का हिस्सा बनते हैं ! इसमें अहमद शाह मसूद(Ahmad Shah Masood) जैसे लोग भी शामिल थे ! जो कट्टर इस्लाम के खिलाफ थे ! तो ऐसे लोग भी थे जिन्हें पाकिस्तान की तरफ से फंडिंग दी जा रही थी ! आगे चलकर इन्हीं ही मुजाहिद्दीन आतंकवादियों के नाम से जाना गया !

अफगानिस्तान में अस्थिरता !

इनकी वजह से अफगानिस्तान में अस्थिरता पैदा हो गई ! ये अस्थिरता इतनी ज़्यादा बढ़ गई थी कि सोवियत संघ को यह लगने लगा कि अफगानिस्तान, उस सरकार से कुछ संभल नहीं रहा ! जिसके बाद सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर हमलाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया ! और अगले दस सालों तक उस पर राज किया ! ऐसी परिस्थिति में सऊदी अरब (Saudi Arabia) जैसे देश भी खुद को कम्युनिस्ट खतरे में देख रहे थे ! उनको इस बात का डर था कि कहीं कम्युनिस्ट, अफगानिस्तान के जरिये ईरान, इराक और मध्य पूर्व (Iran, Iraq, Middle East) में ना फ़ैल जाए ! अगर ऐसा हुआ तो यह इस्लाम धर्म के लिए किसी खतरे से कम नहीं होगा ! वो नहीं चाहते थे कि सोवियत संघ, खाड़ी देशों की तरफ बढ़े ! इनको रोकने के लिए सऊदी अरब के अमीर लोगों ने पाकिस्तान में बैठे मुजाहिद्दीन को पैसा उपलब्ध करवाना शुरू किया ! उसी समय सऊदी अरब के कई अमीर लड़के भी जिहाद की लड़ाई में शामिल हुए और उन्हीं मेंसे एक ओसामा बिन लादेन भी था !

(9/11) ९/११ की योजना कैसे शुरू हुई !

एक तरह से पाकिस्तान यूएसएसआर को रोकने के लिए अग्रिम देश (frontline country) बन गया था ! लेकिन १९९१ में जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया, तो ओसामा अमेरिका विरोधी (Anti US) हो गया क्योंकि इराक एक इस्लामिक देश (Islamic Country) था ! कुछ सालों बाद १९९६ में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का क़ब्ज़ा हो गया ! और उनकी सरकार बन गई ! इसके बाद लादेन फ़ग़ानिस्तान में उचित (proper) तरीके से रहने लगा ! लादीन ने १९९६ से लेकर १९९८ तक कुछ आतंकी घटना (terror events) को अंजाम दिया ! इनमें से सबसे लेबनान हमला महत्वपूर्ण था (Lebanon attack) ! इस में लादेन ने अफ्रीका के दूतावास पर हमला किया था ! इसमें काफी लोग मारे गए थे ! इससे लादेन को प्रेरणा मिली कि वो अमेरिका पर भी हमला कर सकता है ! उससे अपना बदला ले सकता है ! और यहीं से ९/११ (9/11) attack की प्लानिंग (planning) शुरू हो गई !

लादेन ने इसके लिए अफगानिस्तान से १९ आतंकवादी को चुना और उनको इस हमले के लिए प्रशिक्षित किया ! .बता दें कि इनकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में ही की गई थी ! उनकी यह ट्रेनिंग १९९९ में जाकर खत्म हुई थी ! जिसके बाद २००१ के मार्च तक सबको एक एक कर छोटे छोटे ग्रुप में अमेरिका भेजा गया ! इनमें से कुछ को प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी, और वह भी अमेरिका में ही ! यूएस टुडे ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफडीआई की रिपोर्ट के आधार पर अपने लेख में हमले से जुड़ी हुई कई अहम जानकारियां लिखी थीं ! इस लेख में बताया गया था कि हानी हंजूर (Hani Hanzoor) और नवाफ़-अल हाजमी (Nawaf-al Hajmi) नाम के दो आतंकी, हमले से काफी पहले ही अमेरिका पहुंच गए थे ! ये न्यू जर्सी (New Jersey) में आम ज़िंदगी जी रहे थे ! हंजूर ने यहाँ प्लेन उड़ाना भी सीखा था !

जांच एजेंसियों की लापरवाही ?

इन दोनों आतंकियों ने किसी भी तरह की फर्जी पहचान पत्र (fake ID) का इस्तेमाल नहीं किया ! ना ही ये लोग भूमिगत (underground) रहे ! बल्कि अमेरिका में एक आम इंसान की तरह ही रहते थे ! सभी १९ आतंकियों ने अमेरिका में उचित दस्तावेज के साथ एंट्री की ! इनके पास वीजा (VISA) भी कानूनी था ! हालांकि, इनमें दो आतंकी ऐसे भी थे जो अमेरिकी एजेंसी के रडार पर थे ! सीआईए (CIA) को पता था कि नवाफ़-अल हाजमी (Nawaf-al Hajmi) और खालिद अल-मिहधर (Khalid al-Mihdhar), अल कायदा (al-qaeda) के कार्यकर्ता हैं ! लेकिन सीआईए ने ये जानकारी एफबीआई (FBI) को नहीं दी ! जब कि अलकायदा चीफ़ ओसामा बिन लादेन की धमकी का भी सबको अंदाज़ा था ! अमेरिकी एजेंसि को भी यह पता था कि ०५ जनवरी २००० मलेशिया में हुई बैठक में हमले की योजना बनाई गई है ! एफडीआई के कई विशेष एजेंट आज भी सवाल उठाते हैं कि आखिर CIA ने FDI से वो जानकारी शेयर क्यों नहीं की ? इसके बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं है और अमेरिका की इस बड़ी लापरवाही की वजहसे आतंकवादियों ने इतने बड़े हमले को अंजाम दिया !
सभी अपहर्ताओं (Hijackers) के नाम जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें !

कितने लोगों की मौत हुई ?

कुल मिलाकर, २९७७ लोगों (१९ अपहर्ताओं की गिनती नहीं) ने अपनी जान गंवाई, जिनमें से अधिकांश न्यूयॉर्क में थे। चारों विमानों में सवार सभी २४६ यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए ! ट्विन टावर्स पर २६०६ लोगों की मृत्यु हो गई – तब या बाद में ! चोटों के कारण पेंटागन में १२५ लोग मारे गये ! सबसे कम उम्र की पीड़िता दो वर्षीय क्रिस्टीन ली हैनसन थी, जो अपने माता-पिता पीटर और सू के साथ एक विमान में मर गई थी ! सबसे बुजुर्ग ८२ वर्षीय रॉबर्ट नॉर्टन थे, जो एक शादी में जाने के लिए अपनी पत्नी जैकलीन के साथ दूसरे विमान में थे ! जब पहला विमान टकराया, तो अनुमानतः १७४०० लोग टावरों में थे। उत्तरी टॉवर में प्रभाव क्षेत्र के ऊपर कोई भी जीवित नहीं बचा, लेकिन १८ लोग दक्षिण टॉवर में प्रभाव क्षेत्र के ऊपर की मंजिलों से भागने में सफल रहे ! हजारों लोग घायल हुए या बाद में हमलों से जुड़ी बीमारियाँ विकसित हुईं, जिनमें जहरीले मलबे में काम करने वाले अग्निशामक भी शामिल थे !

लादेन से अमेरिका का बदला !

९/११ के इस हमले ने कुछ ही घंटों के भीतर दुनिया की भू-राजनीति (Geopolitics) को बदल कर रख दिया ! अमेरिका के खिलाफ हुए आतंकी हमले ने एक नए युग की शुरुआत कर दी थी ! जब आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के नए राजनैतिक विचार का जन्म हुआ था ! इसके तहत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चिमी देशों की सैन्य शक्ति का सबसे बड़ा जमावड़ा देखने को मिला ! ९/११ हमले के नौ दिन बाद, २० सितंबर २०११ को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने आतंक के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की गई ! बुश ने कहा आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अलकायदा से शुरू होती है ! लेकिन, यह यहीं खत्म नहीं होगी ! यह लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक दुनिया के हर आतंकी संगठन का पता नहीं लगा लिया जाता,उन्हें रोका नहीं जाता और उन्हें हराया नहीं जाता ! इसके बाद ही अमेरिकी सेना की कार्रवाई जारी हुई ! आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तहत पहले अफ़ग़ानिस्तान और फिर इराक में सैन्य अभियान (Military Operations) शुरू किए गए ! और अल कायदा के नेटवर्क को बर्बाद करना शुरू किया गया ! एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के १३६ देशों ने अमेरिका को सैन्य सहायता की पेशकश की ! १४२ देशों ने आतंकियों की संपत्तियां फ्रीज कर दी हैं ! अकेली अमेरिका ने ही १५३ आतंकवादियों और आतंकवादी सैनिकों की आर्थिक कमर तोड़ दी ! हालांकि ९/११ हमले के असली गुनहगार ओसामा बिन लादेन को मारने में अमेरिका को दस साल लगे ! २०११ में पाकिस्तान में हमला कर लादेन को मारा गया !

अमेरिका द्वारा पैट्रियट एक्ट की स्थापना ! (USA PATRIOT Act)

यूएसए पैट्रियट अधिनियम का आधिकारिक शीर्षक “आतंकवाद को रोकने और बाधित करने के लिए आवश्यक उचित उपकरण प्रदान करके अमेरिका को एकजुट करना और मजबूत करना (यूएसए पैट्रियट) अधिनियम 2001 है। यूएसए पैट्रियट अधिनियम का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका में आतंकवादी कृत्यों को रोकना और दंडित करना है। और दुनिया भर में, कानून प्रवर्तन जांच उपकरणों को बढ़ाने के लिए, और कुछ अन्य उद्देश्यों के लिए भी। हालांकि यह कहा जाता है कि इस कानून का उद्देश्य और इसका कार्यान्वयन एक साथ नहीं हुआ। सबसे बड़ी आलोचना यह है कि पैट्रियट अधिनियम चौथे संशोधन का उल्लंघन करता है सरकार को अमेरिकी नागरिकों की निजी जानकारी तक पहुँचने की अनुमति देकर। यह भी कहा जाता है कि अमेरिकी सरकार ने इस अधिनियम के माध्यम से नागरिकों की गोपनीयता को कई अनुचित रूपों में नियंत्रित और उपयोग किया है।

हवाई अड्डों पर सुरक्षा तंत्र में बदलाव !

९/११ के बाद एक और चौंकाने वाला बदलाव आया एयरपोर्ट सुरक्षा मानदंडों में ! आप हैरान हो गए जानकार ! २००१ से पहले दुनिया के जो नज़दीकी हवाई अड्डे थे, वहां अधिक सुरक्षा जांच नहीं की जाती थी ! बस आईडी कई बार चेक करते थे ! आप शॉपिंग मॉल में जाते हुए देखे होंगे वैसे मेटल डिटेक्टर से, सुरक्षा जांच की जाती थी, हवाई जहाज़ में चढ़ने से पहले ! अधिक समय पहले आना भी नहीं था ! आपको उड़ान भरने से १५ मिनट, आधे घंटे पहले पहुंचना काफी था। लेकिन ९/११ के बाद सब कुछ बदल गया ! आज के दिन फुल बॉडी स्कैन, अनिवार्य व्यक्तिगत आईडी जांच , पासपोर्ट जांच, बोर्डिंग पास दिया जाता है ! आपकी जेब खाली करने को कहा जाता है ! बैग भी जब चेक किए जाएं तो आपको लैपटॉप और बाकी डिवाइसेज को बाहर निकाल कर रखना होगा ! तरल पदार्थ आप विमान में जितना भी ले जा सकते हैं, यह भी प्रतिबंधित है ! और इतनी सारी अलग-अलग छोटी छोटी पाबंदियां हैं जो पहले कभी नहीं होती थीं ! २००२ दिसंबर के बाद अमेरिका में विस्फोटक पहचान प्रणालियाँ तैनात की गईं और बाद में बाकी दुनिया में भी ऐसा किया गया ! २००३ की शुरुआत में पहली बार पायलटों को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार दिए गए थे ! कॉकपिट किलेबंदी को सुदृढ़ किया गया, ताकि वे छोटे आग्नेयास्त्रों और गोलियों से भी घुसपैठ की रक्षा कर सकें !

९/११ तथा आतंकवाद पर आपके क्या विचार हैं ?

इस घटना को २२ साल पूरे हो गए हैं। अमेरिका के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व इतिहास में यह काला दिन है। देखा जाए तो अमेरिका ने भले ही ओसामा बिन लादेन पर हमला कर अपना बदला ले लिया हो, लेकिन इस जंग में लाखों बेकसूर लोगों ने अपनी जान से हाथ धो लिए ! दशकों के आतंकवाद विरोधी अभियानों के बावजूद दुनिया में आज भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खतरा बना हुआ है ! अमेरिका ने इस घटना के बाद उठाया कदम, एक बिना सोचे समझी हाइपर प्रतिक्रिया थी ! हां, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि पश्चिमी दुनिया में आतंकवाद की इस घटना पर निश्चित रूप से खुलासा हुआ है ! उन्हें मानना पडा कि आतंकवाद सिर्फ एक क्षेत्र की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक खतरा है ! सभी को मिलकर लड़ने की जरुरत है! आपके इस बारे में क्या विचार हैं ? अपनी राय हमारे टिप्पणी अनुभाग में अवश्य साझा करें!

CREDITS:
१. INTERNET
२. PHOTO IMAGE CANVA & GOOGLE.
३. DHRUV RATHEE
४. STUDY IQ IAS
५. BBC NEWS

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By gyanbyjabulani.in

मैं एक प्रमुख साइकिल चालक हूं और घूमना पसंद करता हूं। मैं प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील हूं और कृतज्ञता के साथ-साथ ब्रह्मांड में मौजूद अनंत ऊर्जाओं में भी विश्वास रखता हूं। मैं कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट हूं और मुझे आईटी के साथ-साथ प्रबंधन में भी लगभग २१ वर्षों का पेशेवर अनुभव है।