विश्व संस्कृत दिवस. ३१ अगस्त २०२३. जानिए अद्भुत तथ्य.

आपका सभी का इस ब्लॉग पर स्वागत है ! आज का विषय है – विश्व संस्कृत दिवस – ३१ अगस्त २०२३ – गुरुवार का दिन ! World Sanskrit Day ! गत साल विश्व संस्कृत दिवस १२ अगस्त २०२२ को मनाया गया ! यह दिन हर साल “श्रावण पूर्णिमा” पर मनाया जाता है ! जो हिंदू कैलेंडर में श्रावण के महीने की पूर्णिमा का दिन है (FULL MOON DAY)! इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना है! दुनिया की सबसे पुरानी भाषा के रूप में इसके पुनरुद्धार के लिए, भाषा को बढ़ावा देने और उसकी सराहना करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ! ध्यान दें कि विश्व संस्कृत दिवस पहली बार १९६९ में मनाया गया ! अब संस्कृत के बारे में और जानकारी लेते है ! यह भारत की एक प्राचीन और शास्त्रीय भाषा है ! माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी, लगभग ३५०० साल पहले ! मानते है की, संस्कृत शब्द, दो अलग शब्दों से लिया गया है ! SAM (सॅम) जिसका अर्थ है SAMYAK – सम्यक, मतलब है “पूरी तरह से”! और दूसरा शब्द है – KRIT (क्रीत), जो कि पूरा होने का संकेत देता है ! संस्कृत को वर्गीकृत किया गया है, वैदिक और शास्त्रीय दो अलग-अलग पाठ में ! वैदिक संस्कृत मुख्य रूप से ऋग्वेद, पुराण और उपनिषद में पाई जाती है ! वेदों की रचना १००० से ५०० ईसा पूर्व की अवधि में हुई है ! दुनिया की पहली संस्कृत किताब, ऋग्वेद है ! भारत की कुछ लोककथाएँ संस्कृत भाषा में हैं ! इस भाषा में एक व्यवस्थित व्याकरणिक संरचना है ! यहाँ तक कि स्वर और व्यंजन भी वैज्ञानिक पैटर्न में व्यवस्थित हैं ! ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति संस्कृत में, केवल १ शब्द में, खुद को व्यक्त कर सकता है !

विश्व संस्कृत दिवस

Table of Contents

संस्कृत भाषा के बारे में तथ्य !

१. वर्तमान में संस्कृत भाषा विलुप्त होने की कगार पर है !

किसी मंदिर या गुरुकुल में आपने संस्कृत भाषा के श्लोक के मंत्र तो अवश्य सुने ही होंगे ! या फिर आपने बचपन में भी संस्कृत भाषा की पढ़ाई की होगी ! लेकिन इस संस्कृत भाषा का विस्तार फिलहाल टूटता जा रहा है ! क्योंकि, लोग अन्य भाषाको अपने जीवन के अंदर अमल कर रहे हैं ! संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है ! लेकिन, वर्तमान में ये विलुप्त होने की कगार पर है ! लेकिन आज के दौर में ऐसे कई सारे देश है जो, इस भाषा को समझ रहे हैं, इस भाषा को सीख रहे हैं ! तथा इस भाषा को अपनी टेक्नोलॉजी के अंदर अमल कर रहे हैं ! लेकिन दोस्तों हमारे भारत देश में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है, यह अफसोस की बात है ! तो चलिए उसे संस्कृत भाषा के कुछ टेक्नोलॉजी फैक्ट्स यानी कि रोचक तथ्य जानते हैं !

२. भाषाओं की मातृभाषा !

संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की मातृभाषा (mother language) कहा जाता है ! इसका मतलब यह है कि इस वर्ल्ड (World) में जितनी भी भाषाएँ (Languages) है, वो सभी भाषा संस्कृत भाषा से ही बनी है ! ये काफी बड़ी बात है !

३. राजभाषा !

उत्तराखंड राज्य ने जनवरी, २०१० में संस्कृत भाषा को राज्य की द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया है ।

४. हिंदुस्तान की राष्ट्रीय भाषा !

अरब लोगों के दखल अंदाजी से पहले संस्कृत भाषा हिंदुस्तान की राष्ट्रीय भाषा थी ! यह जान के बहुत अफसोस होता है कि जिस भाषा को पहले राष्ट्रीय भाषा कहा जाता था उसे अब यह दर्जा नहीं मिला है !

५. सबसे स्पष्ट, सबसे क्लीन भाषा है ! !

नासा (NASA) को तो आप सभी जानते ही होंगे ! जो पूरे वर्ल्ड में स्पेस एजेंसीज (Space Agencies) में टॉप पर रहती है ! उसने कई ऐसे मिशन को साकार किये है जो कि सोचना भी काफी मुश्किल है ! उसी नासा (NASA) के मुताबिक, संस्कृत भाषा धरती की बोले जानेवाली सबसे स्पष्ट, यानी कि सबसे क्लीन (Clean) भाषा है !
संस्कृत का शाब्दिक अर्थ यह संस्कार की गई (Holy Procession), जिसमें सुधार की कोई गुंजाइश ना हो ! मतलब परफेक्शन (Perfection) पूर्णता ! और इसे इसका परफेक्ट (perfect) रूप दिया है महर्षि पानीनी ने ! अष्टाध्यायी, संस्कृत अष्टाध्यायी (“आठ अध्याय”), भारतीय व्याकरणविद् पाणिनि द्वारा ईसा पूर्व ५ से ६ शताब्दी में संस्कृत व्याकरण पर लिखा गया पहला ग्रंथ है । इस में शास्त्रीय संस्कृत के लिए भाषाई मानक (Rules) निर्धारित किए गए है ।

६. शब्दकोश में सबसे ज़्यादा शब्द मौजूद हैं !

संस्कृत भाषा में दुनिया में से किसी भी भाषा से सबसे ज़्यादा शब्द मौजूद हैं ! वर्तमान में अगर बात करें तो, संस्कृत के शब्दकोश यानी उसकी डिक्शनरी (DICTIONARY) के अंदर १०२,७८,५०,००,००० एक सौ दो अरब, अठतर करोड़, पचास लाख के लगभग शब्द मौजूद हैं ! (102.78 billion words)

७. साठ हज़ार पांडु लिपियां !

ऐसा माना जाता है की नासा (NASA) के पास संस्कृत भाषा में पान पत्रों पर लिखी साठ हज़ार पांडु लिपियां मौजूद हैं (Manuscripts) ! अफसोस कि बात है की जिस समय हमारा देश गुलाम था, उस समय पाण्डु लिपियों को ब्रिटेन (Britain / England) ने अमेरिका (America) को सौंप दिया !

८. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे बेहतरीन भाषा !

FORBES MAGAZINE (फोर्ब्स मैगज़ीन) को तो आप सभी जानते ही होंगे ! जो पूरे वर्ल्ड में काफी फेमस है ! इसी पत्रिका में, १९८७ में संस्कृत भाषा को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा प्रोग्रामिंग (Computer Software / Programming) के लिए सबसे बेहतरीन भाषा माना है ! लेकिन उसके बाद इस भाषा को इतनी ज़्यादा तवज्जो (ATTENTION) नहीं मिली !

९. बोलने में जीभ (Tongue) की सभी मांस पेशियों का इस्तेमाल होता है !

किसी भी भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दों में वाक्य को पूरा किया जाता है ! संस्कृत दुनिया की अकेली एक ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ (Tongue) की सभी मांस पेशियों का इस्तेमाल होता है ! इसका मतलब ये है कि जिन्हें बोलने में काफी प्रॉब्लम आती है, जो काफी लाऊड नहीं बोल पाते हैं, अगर वो इस भाषा को सीख ले तो उनके बोलने की जो क्षमता है, काफी लाऊड हो सकती है ! और उनका बोलना काफी क्लीन (clean) भी हो सकता है !

१०. स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव !

अमेरिकन हिंदू यूनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला व्यक्ति बीपी (BP), मधुमेह (डायबिटीज – Diabetes), कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol) आदि रोग से मुक्त हो जाता है ! और आपको यह जान के और भी बहुत गौरव महसूस होगा कि संस्कृत भाषा का स्पीच थेरेपी (Speech Therapy) में भी उपयोग किया जाता है !

११. संस्कृत भाषा का कोई न्यूज़ पेपर !

क्या दोस्तों आपने संस्कृत भाषा का कोई न्यूज़ पेपर (newspaper), वर्तमानपत्र देखा है ? तो मैं आपको चलिए बता देता हूँ सुधर्मा (Sudharma) संस्कृत का पहला अखबार है ! इसे १९७० (उन्नीस सौ सत्तर) में शुरू किया गया था ! आज भी इसका ऑनलाइन (Online) संस्करण उपलब्ध है !
इस समाचार पत्र के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें।

१२. वाक्य का अर्थ एक ही रहेगा !

दूसरी किसी भी भाषामें अगर वर्ड्स की जगह उलट (reverse) की जाती है तो वाक्य का मतलब पूरी तरह से बदल जाता है ! संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नहीं बदलते हैं ! यह काफी बड़ी बात है ! उदाहरण (Example) के तौर पर अहम् विद्यालयं गच्छामि ! = विद्यालयं गच्छामि अहम् ! = गच्छामि अहम् विद्यालयं ! मतलब “मैं स्कूल जा रहा हूँ !”. वाक्य का अर्थ एक ही रहेगा ! आप ऐसा बदलाव अगर किसी दूसरी भाषामें नहीं कर सकते ! इस खास वजह से स्पेस मिशन के लिए भी संस्कृत एक आदर्श भाषा है ! कंप्यूटर प्रोग्रामिंग/लैंगेज में संस्कृत के प्रयोग के संबंध में यह भी एक अद्भुत कारण है। कौन जानता है, इन असाधारण गुणों के संबंध में, संस्कृत का उपयोग उन्नत और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में किया जा सकता है। इसलिए, व्यावसायिक विकास के लिए संस्कृत सीखने की सलाह दी जाती है।

१३. संस्कृत का प्रचलन !

यूरोपीय और गैर-यूरोपीय देशों में संस्कृत का प्रचलन बढ़ रहा है। कई विश्वविद्यालयों ने संस्कृत संकाय (Faculty) शुरू किया है। विश्व स्तर पर संस्कृत पर उपलब्ध संसाधनों के आदान-प्रदान में छात्र और शिक्षक शामिल हैं। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, रूस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, जापान, अमेरिका, भूटान, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और नेपाल यह देश अध्ययन के लिए संस्कृत भाषा प्रदान करते हैं। जाहिर है, भारत शीर्ष पर है! संस्कृत सीखने से दिमाग तेज होता है और याद करने की शक्ति भी बढ़ती है ! विभिन्न देशों / विश्वविद्यालयों में संस्कृत का बढ़ता उपयोग प्रौद्योगिकी (Technology) में इसके प्रभावी उपयोग के कारण भी है।

१४. किसी भी अन्य भाषा की तुलना में सबसे अधिक पर्यायवाची शब्द !

विश्व की सभी भाषाओं के अंदर,अगर हम, किसी भी एक शब्द को ले लें, तो उसके कम से कम, दो या तीन पर्यायवाची शब्द मौजूद होते है ! यानी कि उन सबके सिमिलर (Similar) शब्द मौजूद होते है ! Synonymous ! लेकिन अगर संस्कृत भाषा की बात करें तो दोस्तों एवरेज (Average) के तौर पर, एक शब्द के तकरीबन पच्चीस (२५) सिमिलर (Similar) शब्द मौजूद हैं ! एक्साम्पल (Example) के तौर पर हाथी के लिए संस्कृत भाषा के अंदर सौ से भी ज़्यादा शब्द मौजूद है ! यह अपने आप में काफी बड़ी बात है !

संस्कृत भाषा का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ! (The Guinness World Record)

हिंदी और अंग्रेजी में सबसे लंबे शब्द !

हिंदी में सबसे लंबे शब्द के रूप में उद्धृत किया जाने वाला शब्द  लोहपथगामिनीसूचकदर्शकहरिताम्रलौहपट्टिका है ! जिसमें २४ व्यंजन और १० स्वर विशेषक हैं ! जो कुल ३४ वर्ण/अक्षर बनाते हैं। इस शब्द का शाब्दिक अर्थ है “तांबे-लोहे से बना एक हरा रेलवे चेतावनी साइनबोर्ड”।

अंग्रेजी भाषा के किसी भी प्रमुख शब्दकोश में सबसे लंबा शब्द ४५ अक्षर वाला है ! pneumonoultramicroscopicsilicovolcanoconiosis – न्यूमोनौल्ट्रामाइक्रोस्कोपिकसिलिकोवोल्केनोकोनियोसिस ! एक शब्द जो विशेष रूप से ज्वालामुखी से बहुत महीन सिलिका कणों के साँस लेने से होने वाली फेफड़ों की बीमारी को संदर्भित करता है !

संस्कृत भाषा का सबसे लंबा शब्द !

निरन्तरान्धकारित-दिगन्तर-कन्दलदमन्द-सुधारस-बिन्दु-सान्द्रतर-घनाघन-वृन्द-सन्देहकर-स्यन्दमान-मकरन्द-बिन्दु-बन्धुरतर-माकन्द-तरु-कुल-तल्प-कल्प-मृदुल-सिकता-जाल-जटिल-मूल-तल-मरुवक-मिलदलघु-लघु-लय-कलित-रमणीय-पानीय-शालिका-बालिका-करार-विन्द-गलन्तिका-गलदेला-लवङ्ग-पाटल-घनसार-कस्तूरिकातिसौरभ-मेदुर-लघुतर-मधुर-शीतलतर-सलिलधारा-निराकरिष्णु-तदीय-विमल-विलोचन-मयूख-रेखापसारित-पिपासायास-पथिक-लोकान् I
nirantarāndhakārita-digantara-kandaladamanda-sudhārasa-bindu-sāndratara-ghanāghana-vr̥nda-sandehakara-syandamāna-makaranda-bindu-bandhuratara-mākanda-taru-kula-talpa-kalpa-mr̥dula-sikatā-jāla-jaṭila-mūla-tala-maruvaka-miladalaghu-laghu-laya-kalita-ramaṇīya-pānīya-śālikā-bālikā-karāra-vinda-galantikā-galadelā-lavaṅga-pāṭala-ghanasāra-kastūrikātisaurabha-medura-laghutara-madhura-śītalatara-saliladhārā-nirākariṣṇu-tadīya-vimala-vilocana-mayūkha-rekhāpasārita-pipāsāyāsa-pathika-lokān

विश्व साहित्य में किसी भी भाषा में प्रयुक्त सबसे लंबे शब्द का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड एक संस्कृत शब्द है जो १९५ देवनागरी अक्षरों ((रोमन वर्णमाला में ४२८ अक्षरों में अनुवादित) से बना है)। ये शब्द उपर के पैराग्राफ में लिखा है !

भारत में दैनिक संस्कृत बोलने वाला गाँव !

मत्तूर (Mattur) भारत के कर्नाटक राज्य (Karnataka State) में शिवमोग्गा शहर (Shivamogga City) के पास शिवमोग्गा जिले (Shivamogga District) का एक गाँव है ! गाँव दैनिक संचार के लिए संस्कृत के उपयोग के लिए जाना जाता है ! हालाँकि, राज्य की सामान्य भाषा कन्नड़ है। मत्तूर भारत के संस्कृत भाषी गांव के लिए जाना जाता है। उनकी मूल भाषा संकेती है। यहाँ के गुरुकुल में वेदों का पारंपरिक विद्यादान आज भी प्रचलित हैं ! यहाँ पर सब एक साथ एक ही छतके नीचे वेद का ज्ञान प्राप्त करते हैं !

भारत के और ६ (छह) गांव जहां संस्कृत है दैनिक भाषा !

१. झिरी गाँव (Jhiri)– मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील में स्थित है। (It is situated in Sarangpur tehsil of Rajgarh district of Madhya Pradesh.)
२. ससना गाँव (Sasana)– उड़ीसा के तटीय गजपति जिले का एक सुदूर गाँव। (a remote village in the coastal Gajapati district of Orissa.)
३. बघुवार (बघवार) गाँव – मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील में स्थित है। (Baghuwar -Baghwar – village is located in Kareli Tehsil of Narsimhapur District in Madhya Pradesh.)
४. गनोड़ा/गनोरा गाँव – राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की घाटोल तहसील में एक गाँव है। (Ganoda / Ganora is a village in Ghatol Tehsil in Banswara District of Rajasthan.)
५. मोहद गाँव – मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित एक ग्राम पंचायत है। (Mohad is a village panchayat located in the Burhanpur district of Madhya Pradesh.)
६. होसाहल्ली गाँव – दक्षिणी भारत के कर्नाटक राज्य में तुंगा नदी के तट पर स्थित है। यह गजनूर तुंगा एनीकट बांध के बहुत करीब है। (Hosahalli lies on the banks of Tunga River in Karnataka state, southern India. It is very close to Gajanur Tunga Anicut Dam.)

निष्कर्ष !

मुझे आशा है कि आपको संस्कृत विश्व दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी वाला यह पूरा ब्लॉग पसंद आया होगा। कृपया अपनी टिप्पणी छोड़ना न भूलें। यदि आप एक भाषा के रूप में संस्कृत के कल्याण के लिए थोड़ा ही सही, प्रयास कर सकें तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी।

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CREDITS:
1. INTERNET.
2. PHOTO IMAGES GOOGLE.
3. TECHNICAL MAHAVIR.

By gyanbyjabulani.in

मैं एक प्रमुख साइकिल चालक हूं और घूमना पसंद करता हूं। मैं प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील हूं और कृतज्ञता के साथ-साथ ब्रह्मांड में मौजूद अनंत ऊर्जाओं में भी विश्वास रखता हूं। मैं कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट हूं और मुझे आईटी के साथ-साथ प्रबंधन में भी लगभग २१ वर्षों का पेशेवर अनुभव है।