आज का विषय काफी अलग है !जिस सफर पर हम आज जाने वाले हैं वो है मैनिफ़े̮स्टेश्न (manifestation) की शक्ति, यानी जो भी चीज़ हमें चाहिए उसे आकर्षित करना ! आज हम सिर्फ २१ दिनों में परिवर्तन तथा मैनिफ़े̮स्टेश्न की शक्ती को सीखेंगे ! जी हां, सिर्फ इक्कीस दिन में ! आज के इस ब्लॉग में हम हर एक दिन को अलग अलग समझेंगे और देखेंगे कि कैसे सीढ़ी दर सीढ़ी हम अपनी मन चाही इच्छा को पा सकते हैं ! तो आइए चलते हैं इस सुनहरे सफर पर !
इस आर्टिकल मे Meaning of manifest in Hindi या Manifest in Hindi का उपयुक्त मतलब – उजागर, व्यक्त करना, प्रदर्शित करना, साफ़ दिखाई देना, स्पष्ट भाषा में कहना, सुस्पष्ट, स्पष्ट, स्पष्ट हो जाना, ऐलाननामा, अभिव्यक्ति, प्रकट करना, व्यक्त, प्रकाशित करना, घोषणापत्र, स्पष्ट करना, साबित करना, घोषणा करना, एलान करना, साफ दिखाई देना ! यदि आप कहते हैं कि कुछ प्रकट है, तो आपका मतलब है कि यह स्पष्ट रूप से सत्य है और कोई भी इससे असहमत नहीं होगा यदि उन्होंने इसे देखा, या इस पर विचार किया। हमें पूरे लगन से २१ / 21 दिन का नियम समझकर, अनुशासन से बर्ताव करना होगा !
विश्वास प्रणाली की अवधारणा ! (Concept of Belief system)
हम वही क्यों हैं, जो हम सोचते हैं? या फिर हम जो सोचते हैं उससे आकर्षित क्यों होते हैं? क्योंकि जितना अधिक हम किसी बात पर बार-बार सोचेंगे (चिंतन और मनन करेंगे), उतना ही अधिक हमारा मन उस दिशा में कार्य करने के लिए आकर्षित होगा। तब हमारे विचार हमारे कार्यों को निर्देशित करेंगे। ऐसा नहीं है कि आप अमीरी के बारे में सोचते रहते हैं और अमीरी दिखाई देती है ! बल्कि हमेशा गरीबी के बारे में सोचने से आपका मन उस ओर आकर्षित नहीं होता है जो अमीरी पैदा कर सकता है। बल्कि, यह आप पर निर्भर है कि आप गरीबी के सभी कारणों को पहचानें और उसके बारे में विलाप करें।
यदि आप धन की मानसिकता पर स्विच करते हैं, तो आप यह पता लगाने की कोशिश करते रहते हैं कि क्या चीज आपको अमीर बना सकती है, इसे कैसे हासिल करें, धन की आपकी अपनी परिभाषा क्या है और फिर आपके कार्य उसी पंक्ति में आ जाएंगे क्योंकि आपका दिमाग और विचार इसी पर केंद्रित हैं। इस तरह की खोज में, आप केवल धन की तलाश कर सकते हैं और अंततः उसे प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस सिद्धांत के प्रदर्शन की, निश्चित रूप से उन लोगों के जीवन में अभिव्यक्ति होती है, जो इस पर विश्वास करते हैं।
२१ दिनों में परिवर्तन – पहला दिन!
इन इक्कीस दिनों के पहले दिन हमकुछ साधारण व्यायाम करेंगे, जैसे सांस अंदर और बाहर खींचना, थोड़ा stretching करना,ध्यान इत्यादि ! इसके साथ हम अपने दिमाग को शांत रखने की कोशिश करेंगे ! आने वाले दिनों में हमें जो कुछ भी सीखना है उसके लिए हम अपने दिमाग में जगह बनाएंगे ! इसके लिए ज़रूरी है हम पुरानी बेवजह बातों को भूल जाएं ! माफ करने वालों को माफ करें और आगे बढ़ें ! पहले दिन हम सिर्फ शांत रहकर आने वाले बदलाव का स्वागत करेंगे !
हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि (nature abhors a vacuum) प्रकृति शून्यता से घृणा करती है। मन-मस्तिष्क में खाली जगह हमेशा अनावश्यक, गैर-मूल्यवान चीजों को घेरे रहती है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम केवल सकारात्मक विचारों पर ही ध्यान केंद्रित करें। भले ही हम धीरे-धीरे शुरुआत करें, फिर भी यह सही है।
२१ दिनों में परिवर्तन – दूसरा दिन!
आइए बढ़ते हैं अब दूसरे दिन की तरफ ! पहले दिन हमने हमारे मन की सफाई की थी !अब हमें हमारे घर की सफाई करनी है ! अपने आसपास देखी जो कोई भी चीज़ आपके लिए ज़रूरी नहीं है, या आपको किसी बुरी चीज़ की याद दिलाती हो उन्हें दूर रखें ! अपने घर को साफ रखने में भी आपका दिमाग शांत होगा या नई चीज़ के लिए जगह बनेगी ! इस बात को समझें कि आपका घर कितना भी बड़ा क्यों ना हो, बेकार की चीज़ों को इकट्ठा करने से आपका कोई लाभ नहीं होगा ! इसके विपरीत, जो चीज़ें आपके मन को उत्साह से भरती हैं जैसे कोई किताब, चित्र , सुनहरे बचपन की यादें, उन्हें संभाल कर रखिए ! आप देखेंगे कि अपने आस पास की सकारात्मक वस्तुओं को रखने से आप भी खुश और उत्साहपूर्ण महसूस करेंगे !
इसे ही विज्ञान आकर्षण का नियम / आकर्षण का सिद्धांत (Law of Attraction) कहता है।आपको अपने आप को सकारात्मकता से, या उन सभी चीजों से घेरना चाहिए जो आपको खुश करती हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने अध्ययन स्थल के पास एक मिट्टी का दीपक जला सकते हैं। आप इसे अपने व्यावसायिक स्थान पर भी कर सकते हैं। जब आप उठें, तो उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें जो सुखद हों। जैसे कोई फूल या उगता हुआ पौधा या आकाश ! जब भी आप जागते हैं तो आप इस ब्रह्मांड के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं! ये सभी छोटी-छोटी सकारात्मक चीजें आपकी खुशी और शांति के अनुभव को कई गुना बढ़ा देंगी।
तीसरा दिन!
तीसरा दिन !आज के दिन हम खोजेंगे कि हमें जीवन से क्या चाहिए? हमारे लिए एक आदर्श जीवन कैसा होना चाहिए? ना सिर्फ यह बल्कि हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि हमें यह सब क्यों चाहिए? बिना यह जाने कि हमारे मकसद के पीछे कारण क्या है, हम अपनी मकसद के प्रति समर्पित नहीं हो सकती ! केवल इसलिए जागना कि सूरज उग रहा है और सूरज डूबने पर सो जाना, जीवन जीने का कारण नहीं हो सकता। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक इंसान होने के नाते, हम इस धरती पर सबसे प्रतिभाशाली प्रजाति हैं। अगर हम जीवन के उद्देश्य को समझे बिना या कोई लक्ष्य निर्धारित किए बिना जीते रहते हैं, तो यह वास्तव में मूर्खता है।
जब भी आप जीवन के उद्देश्य को समझने की कोशिश करेंगे तो आप खुद को एक अलग इंसान के रूप में पाएंगे। फिर आप केवल उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे जो आपको अपने उद्देश्य की ओर ले जाती हैं। आपको बस यह देखना है कि आप सभी विकर्षणों को अपने से दूर रख रहे हैं। एक बार उद्देश्यपूर्ण ढंग से आगे बढ़ना शुरू करने के बाद, आप पाएंगे कि ध्यान केंद्रित करना कितना शांतिपूर्ण है।
चौथा दिन!
आज हम अपने सभी लक्ष्यों को लिखेंगे ! इसे आप कोई डायरी में लिख सकते हैं ! चाहें तो किसी काग़ज़ पर कोई चार्ट पेपर, पर लिख सकते हैं ! आप एक दीवार पर, अलमारी पर या घर में कहीं भी, जहां आप इसे रोज़ देख सकें, इसे चिपका दें ! लेकिन जो आप पाना चाहते हैं, सीमाओं में बंद कर नहीं आज़ाद लिखिए ! हर बड़ी से बड़ी चीज़ लिखिए ! बड़े से बड़ा लक्ष्य लिखिए ! कुछ भी नामुमकिन नहीं है ! हर रोज़ सुबह , दोपहर, श्याम को देखने से और पढ़ने से आपका अवचेतन मन (subconscious mind) उन्हें हासिल करने के प्रति pre program होने लगेगा ! This is also known as Power of goal settings / Power of Writing your goals.
२१ दिनों में परिवर्तन – पाँचवा दिन!
अब बढ़ते हैं पांचवें दिन की तरफ ! इस दिन आपको एक योजना बनानी होगी! एक step by step plan अपनी मकसद को पाने का ! उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपका लक्ष्य है दस किलो वज़न कम करना !अब आप एक योजना बनाए कि आप को कितने महीनों में वज़न कम करना है ? हर महीने में कितना वज़न कम करना है?कितने दिनों में वज़न कम करना है? इत्यादि ! आपको ये भी प्लॅन करना होगा के आप वज़न कैसे कम करेंगे ! जैसे कि आप योगा करेंगे या जिम जायेंगे या टहेलने जायेंगे इत्यादि ! यानें कि आपको एक व्यापक योजना बनानी होगी आपने मकसद की ! आपके मन में एक साफ़ तस्बीर होनी चाहिए कॆ आप उस मकसद को कैसे पायेंगे ! ये तस्बीर इतनी साफ़ होनी चाहिये की आपके मन में ऐसा लगे के जैसे आप उस चीज को पहले ही पा चुके है ! यानी कि एक आदर्श बदन ! जैसे कि इस उदाहरण में आप कल्पना कर चुके है की आप पतले होके कैसे लगेंगे !
इसे योजना बनाने की शक्ति और कल्पना करने की शक्ति भी कहा जाता है। जब भी आप खुद को विजेता के रूप में देखते हैं, तो आपका अवचेतन मन आपको इसे पाने में मदद करता है। विस्तृत योजना बनाकर, आप स्वयं को प्रत्येक गतिविधि के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इससे आपको कठिन परिस्थितियों को पहले से समझने में भी मदद मिलती है, जहां आप बेहतर योजना बना सकते हैं। इसके अलावा, इस तरह के अनुशासन के माध्यम से आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं।
योजना के लाभ. Some of the benefits of Planning.
१. बेहतर उत्पादकता (Improved productivity) – योजना (planning)आपको अनावश्यक कार्यों पर अपनी ऊर्जा बर्बाद करने से रोकती है।
२. बढ़ा हुआ फोकस (Increased focus) – योजना बनाने से यह जानने में मदद मिलती है कि आपको आज क्या करने की ज़रूरत है और क्यों।
३. अधिक आत्मविश्वास (Greater self-confidence) – एक बार जब आपके पास एक योजना बन जाए और लक्ष्य पूरा करना शुरू कर दें, तो आप यह देखकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि आप कितना कुछ हासिल करने में सक्षम हैं।
४. अधिक आत्म-जागरूकता (Greater self-awareness) – आप अपनी व्यक्तिगत प्रवृत्तियों, झुकावों और घृणाओं के बारे में सीखते हैं – और उन पर कैसे काबू पाया जाए!
छठा दिन!
इस दिन हमें बनाना है एक ड्रीमबोर्ड या स्वप्नतख़्त ! ये आप एक बडे कार्डबोर्ड , पर या नोट बुक पर या कोई ड्रॉईंग बोर्ड / बुक में बना सकते हैं ! अगर आप चाहें तो ऑनलाईन भी बना सकते ! हैं जैसे कि Pinterest, Facebook इत्यादि पर ! अगर आप चाहें तो आप अपनी मोबाइल गॅलरी में भी बना सकते हैं ! अब आपको खोजना है वो सब चीज़ें,जो आपके सपने से ताल्लुक रखती हैं ! जैसे हमारे पांचवें दिन के उदाहरण को ले लें !अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं तो फिट बॉडी की कतराने, अखबार या मॅगझिन्स में से काट सकते हैं ! हां, अगर आप ऑनलाईन या गॅलरी में ड्रीमबोर्ड बना रहे हैं, तो इन तस्वीरों को सेव्ह करें या फिर पोस्ट कर सकते हैं ! इसको और आगे बढ़ाते हुए आप चाहें तो एक्सरसाइज (exercise) के विडिओ सेव्ह कर सकते हैं ! इसके अतिरिक्त आप प्रेरक उद्धरण (motivational quotes) भी लिख सकते हैं ! यह आपका निजी जगह (personal space) है ! इसे आप जैसा चाहें वैसा सजा सकते हैं !
इसे विज़न बोर्ड भी कहा जाता है, ताकि आप यह सोच सकें कि आप जीवन में क्या चाहते हैं। यह मुख्य रूप से आपके विचारों और महत्वाकांक्षाओं को इस तरह से जोड़ता है जिससे आप उन्हें एक साथ काम करते हुए देख सकते हैं। जब भी आपको अपने जीवन में कोई निर्णय लेना होता है, तो ड्रीमबोर्ड आपको यह याद दिलाने में मदद करता है कि आपके लिए क्या मायने रखता है। जैसे-जैसे आप इस ड्रीमबोर्ड को समय-समय पर देखते रहते हैं, अनजाने में आप अपने आप को अपने चरम लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तैयार कर रहे होते हैं। ड्रीमबोर्ड जितना अधिक विस्तृत होगा, उतना ही अधिक आप अपनी इच्छाओं के अनुरूप हो जाएंगे। किसी लक्ष्य के बारे में सपना देखना और फिर उसका लगातार पीछा करना सफलता की कुंजी है।
सातवां दिन!
सातवां दिन, यह दिन बहुत ही रोचक है ! इस दिन आपको कोई ऐसा गीत सुनना है जो आपके सपने से मेल खाता हो ! जैसे कोई प्यार भरा गीत, अच्छे जीवन साथी के लिए ! कोई प्रेरणात्मक गीत , पढ़ाई के लिए ! अब इस गाने को चलाइए, इसके धुन में नाचे और गाइए ! अपने आप को इस गाने के साथ इतना जोड़ लीजिए कि जाब भी ये गीत चले, आप झूम उठे !
संगीत आपके मस्तिष्क को उत्तेजित करता है। यह तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है। संगीत पर नृत्य आपको थका सकता है और अच्छी नींद दिला सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने लक्ष्य की ओर अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलती है।
हिंदी में कुछ बेहतरीन प्रेरक गीत जो आपको प्रेरित कर सकते हैं, जानने के लिए यहां क्लिक करें।
आठवां दिन!
इस दिन किसी एकांत जगह मे बैठिये ! अपने दिमाग में जब इस लक्ष्य की साफ तस्वीर बना लीजिए ! बल्कि ना केवल उसकी तस्वीर,बल्कि उसके भाव, संवेदना, संगीत आदि सभी को महसूस करें ! खुद को इसमें इतना मिला लीजिए कि आप यह महसूस करने लगे कि वह लक्ष्य आप पा ही चुके हैं ! इसे बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने आप से बात करना भी कहा जाता है। आपको अपनी कमियों को समझना, विश्लेषण करना और उन पर सहमत होना चाहिए। स्वयं को जानकर और आवश्यक परिवर्तन करके परिवर्तन लाने का यह सही तरीका है। This is also called as the Power of VISUALIZATION.
लोग जीवन में असफल क्यों होते हैं ?
नौवां दिन!
याद करें, आपने चौथे दिन आपके लक्ष्य तथा उसकी कुछ बातें एक डायरी या किसी ड्रीम बोर्ड पर लिखी थी ! नौवें दिन इन्हीं बातों को दोहराना है ! एक शीशे के सामने खड़े हो जाइए और इन्हें ज़ोरज़ोर से बोलिए ! ऐसा महसूस कीजिए कि यह आपके लिए ही बने हैं ! या फिर आप इन्हें पा चुके हैं !आइए जानते हैं आपको इन्हें बोलना कैसे है ! मान लीजिए आपका लक्ष्य है खूब सारा धन ! तो आपको शीशेके सामने बोलना है, मेरे जीवन में धन का भंडार है ! या मैं असीम दौलत कमाना चाहता हूं , या चाहती हूं ! अगर आप चाहते हैं कि आपसे सब प्यार करें तो खुद से कहें कि मैं प्यार के काबिल हूं ,या मुझसे हर कोई प्यार करता है !आप ऐसा हर रोज़ करें ! इसके अतिरिक्त अगर आप चाहते हैं कि आप बहुत सुंदर हो तो खुद को शीशे में हर रोज़ देखिए और कहिए कि मैं खूबसूरत हूं ! मेरी नज़र में तो आप सब खूबसूरत हैं ! यकीन मानिए, इस सुंदरता को महसूस कीजिए ! ऐसा बिल्कुल भी ना करें कि आप बोल कुछ रहे हो और मन में इसके विपरीत भाव ला रहे हो ! एक एक बात को महसूस करें और माने तथा विश्वास करें कि यह सौ प्रतिशत सत्य है ! यह सकारात्मक पुष्टि की शक्ति है ! This is power of positive affirmations.
२१ दिनों में परिवर्तन – दसवाँ दिन!
दसवां दिन – इस दिन आपको लिखना है अपने लक्ष्य के बारे में दिल खोलकर, जो भी आपके दिमाग में आता है उसे लिखिए ! चाहे कितनी भी बुरे विचार क्यों ना आते हों, अपने लक्ष्य को केंद्र में रखते हुए उसके बारे में लिखिए ! लिखिए कि उसे पाना कैसा होगा ? आप लिखिए कि उसे पाकर कैसा महसूस करेंगे? लिखिए कि आपके आसपास के लोगों का आपके प्रति व्यवहार कैसे बदलेगा? हर एक चीज़ जो आपको महत्वपूर्ण लगे, लिखिए! दसवें दिन आपको बस अपने लक्ष्य को हासिल करने के बारे में विस्तार से लिखना है ! जितना ज़्यादा लिखना है, विस्तार से लिखिए ! कोईसीमा नहीं है ! पूरी स्वतंत्रता से लिखिए ! बस. दसवें दिन आपको इतना ही करना है !
ग्यारहवाँ दिन!
दसवें दिन जो भी संदेह या बुरे विचार अपने लक्ष्य के प्रति लिखे हैं, उन्हें देखें ! सोचें, कि यह क्यों है? आपके साथ ऐसा क्या हुआ कि आपके मन में उस लक्ष्य के प्रति यह संदेह है ! इस बारे में सोचिए ! उदाहरण के लिए अगर आपका लक्ष्य एक अच्छा जीवनसाथी है, लेकिन आपको संदेह है ! क्यों कि, आपके पहले के संबंधों में आपको हार मिली है, तो सोचिए ऐसा क्यों हुआ ? किस कारण से आपका संबंध आगे नहीं बढ़ा, इस बारे में सोचिए ! अगर आपका लक्ष्य है, क्लास में सबसे अच्छे मार्क्स लाने का, लेकिन आपको संदेह है, क्योंकि अभी तक आप दूसरे या तीसरे स्थान पर हैं ! तो सोचिए, आपको ऐसा संदेह क्यों है? आप ऐसा क्या अलग या क्या ज़्यादा कर सकते हैं जिससे आप और अधिक मार्क्स ला सकते हैं? इसी तरह अपने हर एक संदेह को आंखों में आंखें डालकर देखिए ! आप पाएंगे कि वह इतनी भी बड़े नहीं है जितना आपने उन्हें बनाया है ! आपको एहसास होगा कि एन संदेह को इतनी इज्जत देना, आपके लिए बेहतर नहीं है ! आप महसूस करेंगे कि आपके सभी बुरे विचारों का कोई पॅटर्न है ! जैसे कि किसी एक व्यक्ति का आप के व्यक्तित्व एवं विचारों पर प्रभाव, या किसी घटना का आप पर प्रभाव आदि ! इनकी तरफ गौर कीजिए और इन्हें लिख लीजिए !
जब तक आप नहीं जानते कि कहां सुधार करना है, आप कैसे सुधार करेंगे? साथ ही अपनी कमियों को खुले दिल और दिमाग से स्वीकार करना, आज़ादी की यात्रा शुरू करने का तरीका है। पुरानी गलत आदतों को तोड़ना अपने आप में बदलाव का एक महत्वपूर्ण कदम है।
बारहवां दिन!
इस दिन आपको, कल आपने जो भी विचार लिखे हैं उन सभी पॅटर्न्स को चुनना है !अब अपने उन विचारों को चुनिए जो नकारात्मक थे (negative patterns of thinking / thinking of negative patterns), जो संदेह पूर्ण थे और विचारों के इन पॅटर्न के लिए व्याख्या लिखिए कि वह कैसे गलत है ! अपने सभी बुरे विचारों को बदलिए और उनके सामने अच्छे विचार लिखिए ! यानी अब आपके बुरे विचारों वाली सूची बदल चुकी होगी ! आपके अच्छे विचारों वाली सूची से आप महसूस करेंगे, कि आपके सभी बुरे विचार गायब हो चुके हैं और अब जो बचे हैं वह है आपके सिर्फ अच्छे और लाभदायक विचार !
तेरहवां दिन!
अब बढ़ते हैं तेरहवें दिन की तरफ ! हम जानते हैं पिछले दो दिन बहुत मुश्किल थे ! इसलिए इस दिन आपको कुछ आराम देना है ! बस अपने बारे में कुछ दस या दस से अधिक ऐसी बातों को लिखना है जिन्हें आप पसंद करते हैं ! जैसे कि एक अच्छा दोस्त, एक अच्छा वक्ता आदि ! अपने व्यक्तित्व की उन सभी बातों को सोचिए जिन्हें आप पसंद करते हैं ! जिनके कारण आप खुद से प्यार करते हैं ! उम्मीद है आपका यह दिन बहुत ही अच्छा होगा और आप एन्जॉय भी करेंगे ! आप को अपने आप में छुपे हुवे एक शक्तिशाली तथा अच्छा व्यक्तित्व कि भी पेहचान होगी, जो शायद आपको पता ही नही था !
चौदहवां दिन!
चौदहवा दिन ! इस दिन आपको खुद को किसी चीज़ के साथ जोड़ना है ! यह वस्तु ऐसी होनी चाहिए जो आपके लक्ष्य को परिभाषित करती हो ! जो आपको हर वक्त आपके लक्ष्य की याद दिलाए ! जैसे कि कोई मोती, कोई क्रिस्टल (crystal), कोई किताब इत्यादि ! इस चीज़ को हमेशा अपने साथ रखें ! वह कोई बुक भी हो सकती है, कोई घड़ी हो सकती है, कोई पोस्टर हो सकता है, कुछ भी ! अपने लक्ष्य के साथ जुड़ी चीज़ों को अपने साथ रखने से आपका चेतन और अवचेतन मन हर वक्त आपको उस लक्ष्य की याद दिलाएगा ! उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप चाहते हैं कि आपका गुस्सा कम हो जाए या आप शांत व्यक्तित्व के रूप में उभरे ! तो कोई ऐसी धातु या क्रिस्टल अपने साथ रखिए जो आपके गुस्से को शांत रखें ! सबसे महत्वपूर्ण बात ये है के, आप अपने लक्ष्य से हर क्षण जुडे रहे और आपका ध्यान विचलित ना हो !
२१ दिनों में परिवर्तन – पंद्रहवाँ दिन!
इस दिन आपको खुद से अलग होकर किसी दूसरे की नज़रसे खुद को, या खुद के लक्ष्य को देखना है ! आप महसूस करेंगे कि यह क्रिया आपके लक्ष्य के चित्र को और बढ़ाएगी और इसमें और रंग भर के इसे और भी रंगीन बना देगी ! आपको खुद के व्यक्तीमत्व से बाहर निकलकर अपने लक्ष्य के तरफ ध्यान देना है ! बहोत बार, हम हमारी सीमित सोच की वजह से आपने आप की क्षमता को कम समझते है ! और जब हम स्वयं को एक अलग दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करते हैं, तो हम बहुत सी छुपी हुई आत्म संभावनाओं को पा सकते हैं ! इससे आपके अंदर बहुत आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण आता है !
सोलहवाँ दिन!
इस दिन आपको वो सभी चीज़ें, वस्तु या विकल्प के बारे में लिखना है ,जिनके लिए आप अपने जीवन में आभार व्यक्त करते हैं ! यह कुछ भी हो सकता है ! जैसे अच्छा घर, अच्छा खाना, अच्छे पिता, अच्छी माता, अच्छा दोस्त कुछ भी ! उन सभी चीज़ों को लिखकर या, उन्हें रोज़ पढ़ कर उनके प्रति आभार व्यक्त कीजिए ! इसे कृतज्ञता की शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। विश्वास करें या न करें, लेकिन यह एक असाधारण शक्ति विषय है। जब हम दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, तो बदले में हमें बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह आपके स्वास्थ्य, रिश्तों, प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की क्षमता और कई अन्य चीजों को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह आपको एक अच्छा मानवीय चरित्र बनाने में मदद करता है। This is called as Power of Gratitude.
आप अपने साथ हुई हर अच्छी चीज़ के लिए अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं। यद्यपि आप पैसे की कीमत पर किसी भी सेवा का लाभ उठा रहे हैं, इन सेवा प्रदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना भी आपके लिए एक सकारात्मक भावना उत्पन्न करने वाला है। जो भोजन आपको प्रतिदिन मिलता है, जो पानी आपको प्रतिदिन मिलता है, जो सांस आप प्रतिदिन लेते हैं, आपका भौतिक शरीर, आपका घर, आपका वाहन, आपके घर में काम करने वाले लोग, कुछ भी और हर चीज आपकी कृतज्ञता की पात्र हो सकती है।
सत्रहवाँ दिन!
सत्रहवां दिन -अब जो प्लॅन आपने पांचवें दिन लिखा था, उसको फिर से पढ़िए ! देखिए कि, आप कहां तक पहुंचे और कहां तक सफल रहे ! कहां आप गलत रहे ! या आप क्या कर सकते हैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए ! अपनी इस प्रोग्रेस के प्रति अच्छा महसूस करें और गलतियों से सीखें ! सबसे खास बात तो ये है कि ये विश्लेषण ही आपको बहुत आनंद देगा. इससे आपके अंदर यह भावना जागृत होगी कि आप चीजों की योजना बना सकते हैं और लक्ष्यों की ओर बढ़ सकते हैं। आप अपनी सीमाओं को समझना पसंद करेंगे ताकि आप सुधार कर सकें। आपकी योग्यताएं आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएंगी। संक्षेप में, यह समझने के लिए एक खूबसूरत स्थिति है कि आप कैसे प्रगति कर रहे हैं। और यह अभ्यास आपकी सीमाओं पर काबू पाने में मदद करेगा – चाहे शारीरिक हो या मानसिक या भावनात्मक या फिर धन संबंधी।
अठारहवाँ दिन!
आपने तो सुना ही होगा किअगर आप किसी चीज़ को दिल से चाहें तो पूरी काईनात आपको उससे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं ! पर क्या कभी आपने सोचा है कि ये काईनात ऐसा करती कैसे है? दरअसल जो कुछ भी हम दिल से चाहते हैं उसके लिए हमें यह कायनात संकेत देती है ! संकेतों के मुताबिक हमें सही राह मिलती हैं ! आज के दिन हम इन्हीं संकेतों को पहचानेंगे ! हम देखेंगे कि कैसे कायनात हमारे लक्ष्यों को पाने में हमारी मदद कर रही है ! इस दिन हम उन संकेतों की तलाश करेंगे और उन्हे डिकोड करने की कोशिश करेंगे ! प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना और ध्यान करना इन कंपनों को महसूस करने का सबसे अच्छा तरीका है !
ब्रह्ममुहूर्त में उठने से अत्यधिक लाभ होता है। ब्रह्म मुहूर्त के दौरान ध्यान संपूर्ण जीवन परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है। यही वह समय है जो आपकी आत्मा को ब्रह्मांड से जोड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, इस दौरान किया गया आत्म विश्लेषण ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित कर सकता है। इस दौरान किया गया ध्यान कई स्वास्थ्य, मानसिक, भावनात्मक समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। इस समय-सीमा को मनुष्य के लिए ईश्वरीय उपहार भी कहा जा सकता है।
उन्नीसवां दिन!
इस दिन हम न सिर्फ ये मेहसूस करेंगे, बल्की इन बातोंको अपने व्यक्तिव में ढालेंगे ! आगर आप गुस्सा शांत करना चाहते होंगे तो इस दिन से कोशिश किजीये ! सबसे विनम्रता से बात करने की , गहेरी सांसे लेने की ! ये होता है अपने लक्ष्य को अपने जीवन में ढालना ! आप जो भी पाना या बदलना चाहते हैं, आपको उस पर अभ्यास शुरू करना होगा। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपनी गलतियों को बदलने, खुद को बेहतर बनाने के लिए जान बूझकर प्रयास कर रहे हैं। शुरुआत में आपको यह थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आपको इसका परिणाम मिलना शुरू होगा, आपको पता चलेगा कि यह अभ्यास कितना फायदेमंद है। हमें यह समझना चाहिए कि हम जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, उसके लिए हमें प्रयास करने होंगे।
२१ दिनों में परिवर्तन – बीसवाँ दिन!
इस दिन आप आपके मन में ये विचार लायेंगे के अगर आप आपके लक्ष्य को पा लेंगे तो आप क्या करेंगे ! अगर आप ऑफिस में बेस्ट एम्प्लॉयी चुने जायेंगे या बेस्ट स्टुडन्ट चुने जायेंगे, तो आप कैसे उत्सव मनायेंगे? आप अगर अमीर बन जायेंगे , तो कहा घुमने जायेंगे ! अगर आप मन चाहा जीवनसाथी पा लेंगे , तो उसे कैसे खुश रखेंगे ?, इत्यादी ! ऐसे करणे से आप अपने लक्ष्य को खुद के और करीब खिंच लेंगे ! लक्ष्य पूरा होने के बारे में ऐसे विचार मन में लाना और कुछ नहीं बल्कि अपने लक्ष्य प्राप्ति का सपना देखना है। इसका मतलब है, आप अपने अवचेतन मन से अपने लक्ष्य की कल्पना कर रहे हैं। यह आपको चिंता कम करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति करने और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करता है ताकि आप एक स्मार्ट निर्णय लेने वाले बन सकें। यह भी एक बेहतरीन दिमाग को आराम देने वाली तकनीक है। स्वप्न का संदेश निराशावाद को अस्वीकार करना है
इक्कीसवाँ दिन!
आज आखिरी दिन आपको यह विश्वास रखना होगा कि आप जो चाह रहे हैं, वह आपको जरूर मिलेगा। यह निश्चय बिल्कुल पक्का होना चाहिए। बस अपने आप को पहले दिन की याद दिलाएं, जब आपने यह सफर शुरू कीया था और यह २१वां दिन, अब आप कहां पहुंच गए हैं। या फिर आप अपने लक्ष्य के करीब कैसे पहुंच गए हैं ! आपको एहसास होगा कि २१ दिनों के ये प्रयास, आपको जीवन में २१ साल से आगे ले गए हैं। अपनी सफलता का जश्न मनाएं और अपनी गलतियों से सीखें। पूरा भरोसा रखें कि आप अपना लक्ष्य हासिल कर ही लेंगे। निरंतरता की शक्ति ही व्यक्तित्व में हर परिवर्तन लाने की कुंजी है। निरंतरता महत्वपूर्ण है ! This is also known as the power of Consistency. यही वह तत्व है जो भटकाव से बचाता है और सोच के स्तर पर दिशा बनी रखने में पूरी सहायता करता है।
२१ दिनों में परिवर्तन – शुभकामनाएं !
इस संपूर्ण ब्लॉग को पढ़ने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। साथ ही मैं आपको इस २१ दिन के अभ्यास के लिए शुभकामनाएं देता हूं। और आपको आपकी सफलता या लक्ष्य पाने के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं। यदि कोई व्यक्ति अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करना चाहता है तो अभिव्यक्ति प्रक्रिया (power of manifestation) के लिए उसकी ओर से कार्रवाई की आवश्यकता होती है। कृपया सूचित रहें कि इन सभी दैनिक गतिविधियों में आपका अधिक समय नहीं लगेगा। हालाँकि इसे समग्र रूप से 21 दिनों तक करने से निश्चित रूप से आपकी जीवन शैली में अत्यधिक लाभ होगा।
कृपया मुझे अपना जीवन बदलने वाला २१ दिन के सफर का अनुभव कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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