चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग के आखिरी १५ मिनट !

चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग
चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग

चंद्रयान ३ के अल्गोरिदम (algorithm) ने आखिरी मौके पर दिखाया कमाल ! इसरो (ISRO) की स्वचालित लैंडिंग तकनीक (Automatic Landing Technique) थी इतनी बेमिसाल, जिसे देखकर दुनिया भर में गूंजा हमारे देश भारत का नाम ! विक्रम लैंडर (Lander) के सामने फेल हुए अमेरिका – नासा,,रुस और चीन के महंगे अंतरिक्ष यान ! दोस्तों, २० अगस्त २०२३ के दिन रूस (Russia ) के लुनार २५ (lunar 25) के क्रैश के बाद पूरी दुनिया की नज़र सिर्फ इसरो (ISRO) के चंद्रयान ३ पर ही टिकी हुई थी !और हर तरफ विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) को लेकर कौतूहल का माहौल बना हुआ था ! चारों तरफ इसरो (ISRO) और चंद्रयान ३ की ही बातें चल रही थी ! इसी बीच इसरो (ISRO) ने इतनी बड़ी गुड़ न्यूज़ (good news) दे दी, जिसे सुनकर हर भारतीय के आंखों में खुशी के आंसू छलक आए हैं ! पूरी दुनिया में भारत के इसरो के चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग अद्भुत सफलता के गुणगान गाए जा रहे हैं !

२०१४ में इसों द्वारा देखा हुआ सपना आज पूरा हो चुका है ! और चंद्रयान ३ के विक्रम लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव (SOUTH POLE) की सतह पर सफल लैंडिंग (landing) करके ऐसा कमाल कर दिखाया है जो अमेरिका, चायना और रशिया जैसे कड़े देश भी नहीं कर पाए ! तो कैसे थे, इस मिशन (mission) के आखरी १५ मिनट ? कैसे चंद्रयान ३ के विक्रम लैंडर (lander) ने चखा सफलता का स्वाद ? कैसे हो गई चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग ? जानने के लिए कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, चलिए मेरे साथ विक्रम की लैंडिंग के रोमांचक सफर पर !

चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग

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चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग – २३ अगस्त २०२३ की शाम – दिल की धड़कन तेज़ होने की स्थिति !

२३ अगस्त २०२३; बुधवार, के दिन पूरे भारत में टेंशन का माहौल छाया हुआ था ! और जैसे जैसे शाम करीब आ रही थी, सभी की धड़कनें तेज होती जा रही थी ! क्योंकि इसी शाम चंद्रयान ३ की लैंडिंग होने वाली थी ! इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों की कठिन परीक्षा होने वाली थी ! और यही श्याम भारत की किस्मत लिखने वाली थी ! इसलिए श्याम के ५.२० (१७:२०) मिनट पर जब इसरो ने चंद्रयान ३ की लैंडिंग का लाइव टेलिकास्ट (live telecast) शुरू किया तो १४० करोड़ भारतवासी अपने मोबाइल और टीवी स्क्रीन के सामने नजरे गड़ाए बैठ गए ! और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी साउथ अफ्रीका ( south Africa) से इसरो के साथ लाइव जुड़ गए थे ! और सभी उस पल का इंतज़ार कर रहे थे जब विक्रम लैंडर के लैंडिंग शुरू होने वाली थी ! इंतज़ार के इन घड़ियो में हर एक पल एक घंटे के जैसा मालूम पड़ रहा था ! लेकिन आखरी में वह पल आ ही गया जब विक्रम लैंडर की लैंडिंग शुरू होने वाली थी ! जिसे देखने के लिए सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग उत्सुक थे !और इस मिशन को लाइव देखने से भारत के दुश्मन देश यानी चीन और पाकिस्तान भी खुद को नहीं रोक पाए थे ! तो आखिर क्या हुआ आखिरी के उस १५ मिनट में , जिसके बाद चंद्रयान ३ ने इतिहास रच दिया ! जानने के लिए चलिए चलते हैं, विक्रम लैंडर के साथ मून लैंडिंग के इस रोमांचकारी सफर पर !

एक्टिवेशन ऑफ़ स्वचालित लैंडिंग अनुक्रम ! (Automatic Landing Sequences)

तो, शाम के करीब ५.४४ (१७:४४) पर चंद्रयान ३ अपनी कक्षा में लैंडिंग की तैयारी करते हुए ६०४८ किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दहाड़ते हुए आगे बढ़ रहा था ! तभी इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स में बैठे चीफ़ एस. सोमनाथ ने आखरी बटन दबाया और इससे A. L. S. (Automatic Landing Sequences) को एक्टिवट कर दिया ! यानी कि अब विक्रम लैंडर अपने आप खुद को कंट्रोल करने वाला था ! और इसरो ISRO के वैज्ञानिक बैठकर बस इस खूबसूरत नजारे को निहारने वाले थे ! तो इस कमांड के बाद विक्रम लैंडर ने तुरंत अपना कमाल दिखाना शुरू किया ! और अपनी ऑर्बिट (orbit) छोड़ते हुए चांद की तरफ बढ़ने के पहले चरण की ओर निकल पड़ा !

रफ ब्रेकिंग चरण ! (Rough Breaking Phase)

दोस्तों, लैंडिंग के पहले पड़ाव में विक्रम लैंडर ने ३० किमी की ऊंचाई से चांद की की तरफ बढ़ना शुरू किया ! और,धीरे धीरे गोल चक्कर लगाते हुए यह नीचे उतरने लगा ! इस दौरान शुरुवात में इसकी रफ़्तार ६००० (छह हज़ार) किमी प्रति घंटा थी ! लेकिन इसके अपने चारों थ्रस्टर इंजन (thruster engines) को ऑन करके विपरीत दिशा में दबाव देने से धीरे धीरे रफ़्तार कम होने लगी ! करीब ११ मिनट ३० सेकंड्स के बाद इसने अपनी रफ़्तार को १३०० किमी प्रति घंटा कर दिया था ! और यह सतह से सिर्फ और सिर्फ सात दशमलव चार किमी ऊंचाई तक पहुंच चुका था ! यहाँ रफ ब्रेकिंग चरण का पूरा हुआ !

ऊंचाई पकड़ चरण ! (Altitude Hold Phase)

अपने लैंडिंग मिशन के इस पड़ाव में चंद्रयान ३ के विक्रम लैंडर ने दो महत्वपूर्ण काम किए ! जिसमें से पहला था लैंडिंग में सहायक “KARA – कारा” और “LASA – लासा” सेंसर्स (sensors) को ऑन करना ! और दूसरा था चांद की सतह से अपनी ऊंचाई को कम करते हुए छ दशमलव आठ किमी तक लाना ! यह दोनों काम करने में इसे महज़ दस सेकण्ड्स का समय लगा !
KARA=Ka-Band Altimeter. LASA=Laser Altimeter. LPDC=Lander Position Detection Camera.
LIRAP=Laser Inertial Referencing and Accelerometer Package.

फाइन ब्रेकिंग फेज ! (Fine Breaking Phase)

लैंडिंग का यह तीसरा पड़ाव, चंद्रयान ३ की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण था ! क्योंकि, इसी चरण में पिछली बार चंद्रयान २ का विक्रम लैंडर डगमगा गया था और चांद की सतह पर गिरकर तबाह हो चुका था ! ऐसे में इसरो के इस मिशन ऑपेरशन कॉम्प्लेक्स कार्यालय में कौतूहल का माहौल बना हुआ था ! और मन में चल रही दुविधा के साथ अगले तीन मिनट निकालना वैज्ञानिकों के लिए काफी कठिन था ! इसलिए लाइव टेलीकास्ट में भी सन्नाटा छाया हुआ था ! लेकिन आपको ये जानकर खुशी होगी कि चंद्रयान ३ ने इस पड़ाव को चुटकियों में पार किया ! जी हां इस पड़ाव में चंद्रयान ३ के विक्रम लैंडर ने, ना सिर्फ अपनी पोज़िशन (स्थिती) को क्षैतिज (Horizontal) से खड़ा (Vertical) किया, बल्कि ऊंचाई को भी छह दशमलव आठ किमी से ८०० मीटर तक कर दिया !और इस पड़ाव के अंत में विक्रम लैंडर की Velocity यानी रफ़्तार ० / ज़ीरो (ZERO) हो चुकी थी !.मानो ऐसे की वो चांद की सतह के ऊपर बाहुबली की तरह सीना ताने स्थिर खड़ा हो ! इस तरह ३ मिनट में Fine Breaking Phase पूरा हुआ !अगले बीस से बाइस सेकंड्स इसी स्थिति मेंखड़े रहने के बाद, इसने चांद की तरफ जानेके लिए अपने आखिरी पड़ाव में एंट्री ले ली ! इस फेज को Fine Breaking Field – फाइन ब्रैकिंग फील्ड- भी कहेते है !

वर्टीकल डेसेन्ट फेज ! (Vertical Decent Phase)

८०० मीटर की ऊंचाई पर शुरू हुआ ये पड़ाव अब चांद की सतह को छूकर विजय पाने पर पूरा होने वाला था ! जिसके लिए पूरे भारत में उत्सुकता का माहौल बना हुआ था ! हर तरफ चंद्रयान ३ की सफलता के लिए प्रार्थना की जा रही थी ! मिशन के इसी चरण में विक्रम लैंडर धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए सतत से १५० मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा ,और इसने अपने चार में से दो इंजिन्स बंद कर दिए ! इस दौरान इसकी रफ़्तार फिर से शून्य हो चुकी थी और यह फिर से २२ सेकण्ड्स के लिए चाँद के पतले वातावरण में होवर (Hover) करने लगा यानी तैरने लगा ! इसी बिच, इसके अंदर लगे ११ कैमरा (cameras) और ९ सेंसर्स लैंडिंग के लिए सही स्पॉट ढूंढ़ रहे थे ! और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चंद्रयान ३ के Automatic Landing Sequences Algorithm और इसके सभी उपकरण ने साथ मिलकर, रियल टाइम डाटा स्टोर (Real Time Data Store) करके सिर्फ २० सेकण्ड्स में निर्णय लिया ! और अगले २० सेकण्ड्स में जैसे ही हमने पलकें झपकाई, तो विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सीना ताने खड़ा था !

चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग की अभूतपूर्व जीत !

भारत की एक ऐतिहासिक जीत ! इसरो का एक असाधारण कार्य ! जिससे पूरा भारत / पूरी दुनिया तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा / उठी और हर तरफ उमंग और उल्लास का माहौल बनने लगा ! लोग एक दूसरे को बधाईयां देने लगे ! भारत के दुश्मन भी इसरोकी इस अपार सफलता को देखकर जल कर राख हो गए ! दोस्तों, चंद्रयान ३ की ये जीत भारत के लिए इतनी ऐतिहासिक इसलिए है, क्यों कि इस मिशन के साथ भारत ने वो कर दिखाया जो पूरी दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया था ! जि हां.. विक्रम लैंडर ने चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर ली, जहां जाने की हिम्मत नासा, रूस और चीन भी नहीं कर पाया ! यानी इस कामयाबी के साथ भारत दुनिया का, वो पहला देश वन चुका है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर फतेह हासिल की है !

चंद्रयान ३ का बजट / लागत ! (Chandrayaan 3 Budget / Costing)

इतना ही नहीं दोस्तों, आपको और एक बात जानकर गर्व होगा ! नासा (NASA) के अपोलो इलेवन मून मिशन (Apollo Eleven Moon mission) का बजट (budget) ३०,००,००,००,००० ( तीन हज़ार करोड़ रुपए) था !रूस के हाल ही में बदकिस्मत से फ़ैल हुए लूनर २५ lunar 25 का बजट १६,००,००,००,००० सोलह सौ करोड़ रुपए था ! वहीं चीन के चेंज इ ४ (Chang’e 4) नामक चांद के मिशन का बजट भी २०,००,००,००,००० (दो हज़ार हज़ार करोड़ के पार था) ! इसरो ने वही काम सिर्फ ६१५,००,००,००० (छहसौ पंद्रह) करोड़ में करके दिखाया है ! इसलिए दुनिया भर की स्पेस एजेंसीज (space agencies) में इसरो ISRO के नाम की जय जयकार हो रही है ! अमेरिका,रुस और यूरोप (Europe) जैसी स्पेस एजेंसीज जो शुरुआती दिनों में इसरो की तरफ देखती तक नहीं थी,वो सभी स्पेस एजेंसीज आज इसरो के साथ स्पेस मिशन करने के लिए लाइन लगाकर खड़ी है ! सोचिए इससे बड़ी गर्व की बात आखिर क्या हो सकती है?

चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग ! जय हिंद ! जय भारत !

साथियों, चंद्रयान ३ मिशन की इस सफलता को देख कर साउथ अफ्रीका (South Africa) में बैठे पंतप्रधान (Prime Minister) श्री नरेंद्र मोदी भी खुशी से गदगद हो गए थे ! और उन्होंने अपने भाषण में इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर प्रशंसा भी की ! साथ ही उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि आज के दिन हर भारतीय अपने घर में उत्सव मना रहा है ! क्योंकि, भारत अब चन्द्रमा पर है ! दोस्तों, अगर आपको चंद्रयान ३ का ये रोमानचक सफर पसंद आया है और आपको भी इसरो पर गर्व है तो कमेन्ट (Comment) में आप लिखिए – I love ISRO ! (आय लव इसरो ) ! ज़रूर यह लिख दीजिये ! और अगर आप शुरुआत से चंद्रयान ३ मिशन को सपोर्ट करते हैं तो इस ब्लॉग को शेयर (share) / फॉरवर्ड (forward) ज़रूर कीजिए ! धन्यवाद ! जय हिंद ! जय भारत !

इसरो के चंद्रयान ३ की महिला वैज्ञानिकों की वेबस्टोरी ! यहाँ क्लिक करें !

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चंद्रयान ३ की सफल लैंडिंग – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) !

१. चंद्रयान ३ लॉन्च की तारीख / जगह- १४ जुलाई २०२३ को ! भारत, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था ! भारतीय मानक समय दोपहर २:३५ बजे !
२. चंद्रयान ३ परियोजना निदेशक (Project Director) चंद्रयान ३ – P Veeramuthuvel (पी वीरमुथुवेल) !
३. चंद्रयान २ और चंद्रयान ३ के बीच अंतर (डिफरेंस) Difference – चंद्रयान २ में एक ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, जबकि चंद्रयान ३ में एक लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है। यह प्रोपल्शन मॉडल से सुसज्जित, स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) नामक एक पेलोड ले जाता है।
४. Chandrayaan 3 Drishti IAS Link – Click here
५. चंद्रयान ३ में क्या शामिल है? – चंद्रयान ३ में एक लैंडर शामिल है, जिसे चंद्रमा की सतह पर धीरे से छूने के लिए डिज़ाइन किया गया है ! और एक रोवर है, जो लैंडर की सफल लैंडिंग पर चंद्र इलाके का पता लगाने के लिए तैयार है। लैंडर और रोवर को चंद्रमा की ओर ले जाने के लिए, चंद्रयान ३ एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) पर निर्भर है।
६. चंद्रयान ३ के भाग कौन-कौन से हैं? चंद्रयान ३ का मॉडल (Model)
जो लोग अपरिचित हैं, उनके लिए चंद्रयान ३ में तीन भाग हैं: एक लैंडर (विक्रम), एक रोवर (प्रज्ञान), और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) !

७. चंद्रयान ३ को विक्रम लैंडर क्यों कहा जाता है?
डॉ. विक्रम साराभाई को व्यापक रूप से “भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक” के रूप में मान्यता प्राप्त है। उनके मूलभूत कार्य ने अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों के लिए मंच तैयार किया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के सम्मान में, चंद्रयान ३ लैंडर का नाम “विक्रम” रखा गया है, यह नाम संस्कृत में “साहस” का भी प्रतीक है।
८. चंद्रयान ३ रोवर का नाम – “प्रज्ञान” है ! इसमें तत्व और रासायनिक संरचना प्रयोगों का संचालन करने के लिए दो उपकरण हैं ! और भविष्य की खोज के लिए एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास है।
९. इसरो साइट पर चंद्रयान 3 के विभिन्न वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें !
१०. इसरो साइट पर चंद्रयान 3 के विभिन्न फोटो / पहला चांद का फोटो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें !
११. क्या है प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) का काम? – इसे सौर ऊर्जा पर संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। रोवर छह पहियों पर चलता है और इसका उद्देश्य प्रति सेकंड १ सेमी (०.३९ इंच) की दर से चंद्र सतह पर ५०० मीटर (१,६०० फीट) की दूरी तय करना, साइट पर विश्लेषण करना और डेटा को वापस पृथ्वी पर रिले के लिए अपने लैंडर को भेजना है।

चंद्रयान ३ की लैंडिंग के लिए २३ अगस्त २०२३ की तारीख ही क्यू रखी गई थी ?

कभी सोचा है चंद्रयान ३ की लैंडिंग के लिए २३ अगस्त २०२३ (23 August 2023) की तारीख ही क्यू रखी गई थी ? २३ अगस्त २०२३ (23 August 2023) दिन / तारीख को ही क्यों चुना गया था ! (चयन चयन क्यों किया गया !) ? चलिए , इसे भी इस ब्लॉग में समझते है ! पृथ्वी की तरह चाँद पर एक दिन २४ घंटे का नहीं बल्कि ७०८.७ घंटे का होता है ! (708.7 hours) ! चाँद का एक दिन पृथ्वी के २९ दिनों के बराबर है ! (1 day of Moon = 29 days of Earth). चाँद पर २२ अगस्त २०२३ तक अँधेरा है ! जैसा हमारी पृथ्वी पे दिन के बाद रात होती है और रात के बाद दिन होता है, ठीक उसी तरह ! २३ अगस्त २०२३ को चाँद पर सूरज की रोशनी पड़ेगी ! ऐसी वजह से चंद्रयान ३ की लैंडिंग के लिए २३ अगस्त २०२३ (23 August 2023) की तारीख रखी गई है ! (Pragyan Rover)प्रज्ञान रोवर, जो विक्रम लैंडर के साथ भेजा गया है वो सोलर पावर (Solar Powered) है ! सूरज की रोशनी से, चंद्रयान ३ के रोबोट से चाँद की सतह की बेहतरीन तस्बीरें इसरो को भेजीं जा सके ! और हम सभी ने ये लाइव देखा है , के ऐसा ही हुवा है ! 🙂

प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) क्या है?

प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) भारत द्वारा विकसित किया गया एक अंतरिक्ष रोवर हैं। ये सोलर पावर पे कार्य करता है ! इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन बनाया गया है। (मेड इन इंडिया ) ! इसे चन्द्रयान २ के साथ, २२ जुलाई २०१९ को लॉन्च किया गया था । प्रज्ञान जिसका अर्थ संस्कृत में ‘बुद्धिमत्ता’ है।

शिव शक्ति प्वाइंट (Shiv Shakti Point) क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने , २६ अगस्त २०२३ शनिवार, बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि चंद्रमा पर वह स्थान जहां चंद्रयान -3 के लैंडर विक्रम ने छुआ था, उसे ‘शिव शक्ति प्वाइंट’ के रूप में जाना जाएगा। पीएम मोदी की बड़ी घोषणा बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में हुई, जहां वह ऐतिहासिक चंद्रयान -3 मिशन के वैज्ञानिकों का स्वागत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा, “‘शिव शक्ति’ नाम की ‘शक्ति’ महिला वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत, प्रेरणा और सशक्तिकरण से आती है।”

तिरंगा प्वाइंट (Tiranga Point Point) क्या है?

चंद्रमा पर वह बिंदु जहां २०१९ में चंद्रयान २ दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसे ‘तिरंगा पॉइंट’ नाम दिया गया है। मोदीजी ने कहा – आज, जब चंद्रयान ३ सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा है, तो साथ साथ में उस बिंदु पर एक नाम समर्पित करने का यह सही समय है जहां चंद्रयान २ ने अपनी छाप छोड़ी थी । चूंकि अब हमारे पास “हर घर तिरंगा” है और चंद्रमा पर भी तिरंगा है, इसलिए इस बिंदु का नाम ‘तिरंगा प्वाइंट’ रखना ही उचित है ! तिरंगा प्वाइंट – चंद्रमा की सतह के साथ भारत का पहला संपर्क !

Credits:-
१. इंटरनेट
२. फोटो छवि क्रेडिट गूगल ( PHOTO IMAGE CREDIT GOOGLE)
३. Paramedical Education.
४. ndtv.com

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By gyanbyjabulani.in

मैं एक प्रमुख साइकिल चालक हूं और घूमना पसंद करता हूं। मैं प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील हूं और कृतज्ञता के साथ-साथ ब्रह्मांड में मौजूद अनंत ऊर्जाओं में भी विश्वास रखता हूं। मैं कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट हूं और मुझे आईटी के साथ-साथ प्रबंधन में भी लगभग २१ वर्षों का पेशेवर अनुभव है।

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