मोना लिसा पेंटिंग के २६ आश्चर्यजनक तथ्य. क्या आप जानते हैं?

लियोनार्डो दा विंची (Leonardo da Vinci) इटली (Italy) की (Mona Lisa painting) मोना लिसा पेंटिंग (१५०३ – १५१७) ने अपनी शुरुआत से ही अनेक रहस्य के लिए उच्च स्तर की प्रसिद्धि हासिल की है। इसके इर्द-गिर्द कई सिद्धांत हैं और कई अनुत्तरित प्रश्न हैं। सबसे रहस्यमय गुणों में से एक जो इस पेंटिंग को इतना प्रसिद्ध बनाता है वह है मोना लिसा की मुस्कान। माना जाता है कि मोना लिसा का बीमा मूल्य $८०० से $९०० मिलियन से भी अधिक है ! जिसका अनुमान २०२१ से लगाया गया था। १९६२ में, इसका बीमा मूल्य $१०० मिलियन अनुमानित किया गया था।

लगबग पांच सौ बिस (५२०) साल पहले, इटली के जिनियस लियोनार्डो दा विंची ने एक ऐसी तस्वीर / चित्रकारी (Painting) बनाई थी, जो आज भी एक रहस्य (Mystery) बनी हुई है – मोना लीसा ! आखिर ऐसे क्या राज़ छुपे हैं इस पेटिंग में, जो इसे दुनियाके सबसे रहस्यमय और सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग बनाते हैं ? आप इस लेख में मोनालीसा के बारे में २६ ऐसी बातें जानोगे जो वाकई आपको हैरानी में डाल देंगी !

मोना लिसा पेंटिंग

PHOTO IMAGE CREDIT GOOGEL – मोना लिसा पेंटिंग

Table of Contents

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य १

दोस्तों अगर आप पेरिस (Paris) के Louvre museum (लूव म्यूजियम) में जाते हो तो मोना लीसा के पेंटिंग रूम में जाने के बाद, जहां मोना लीसा कि पेंटिंग रखी है उसके बिल्कुल उल्टी दिशा (opposite direction) में आपको एक बहुत बड़ी पेंटिंग मिलेगी ! जो कि मोना लीसा से कई गुना बड़ी है ! इसका नाम है द वेडिंग फिअस्ट ऐट काना – the wedding feast at Cana ! इसे इटली के ही एक पेंटर पाओलो वेरोनीज़ (Paolo Veronese) ने १५६३ में बनाया था ! दोस्तों यह पेटिंग इतनी खूबसूरत है कि इसकी तारीफ के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे ! लेकिन क्योंकि यह पेटिंग इतनी प्रसिद्ध (famous) नहीं है, इसलिए लोग इसे देखने में ज़्यादा इच्छुक नहीं है ! यही वजह है कि मोना लीसा पेंटिंग के सामने तो आपको बहुत भीड़ नज़र आएगी, लेकिन इस बड़ी पेंटिंग देखने के लिए बहुत कम लोग खड़े मिलेंगे !

पेरिस (Paris) का यह Louvre museum (लूव म्यूजियम) दुनिया के सबसे बड़े कला संग्रहालय (art museum) में से है ! इसमें पैंतीस हज़ार से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएँ (ऑब्जेक्ट्स – Objects ) रखे हैं ! लेकिन ज़्यादातर लोग सिर्फ मोना लीसा को देखने आते हैं और उसके सामने सेल्फी (selfie) लेकर चले जाते हैं !

तथ्य २

मोनालीसा को इंग्लिश में Mona Lisa (मोना लीसा ) लिखा जाता है लेकिन इसकी सही स्पेलिंग है – Monna Lisa ! कोई इसे मोनालीसा कहता है , तो कोई मोन्ना लिज़ा कहता है.लेकिन इटालियन में इसका सही उच्चारण (correct pronunciation) है.मोना लीजा ! इसका मतलब होता है माय लेडी (my lady) ! (मेरी हमदम) !

तथ्य ३

मोनालिसा की प्रशंसक (फैन) (fans) दुनिया भर में है ! इस पेटिंग पर बहुत सी कविताएँ (poems) भी लिखी जा चुकी है ! और गाने (songs) भी बन चुके हैं ! जब से इसे पेरिस के Louvre museum (लूव म्यूजियम) में रखा गया है, तब से इसे वहां लव लेटर्स (love letters) मिलते हैं ! चाहने वालों की तरफ से फूल (flowers) मिलते हैं !.

तथ्य ४

पैरानॉर्मल क्रूसिबल (The Paranormal Crucible website) नाम की एक वेबसाइट ने ये दावा किया था की मोना लीसा की पेंटिंग में कोई एलियन (Alien) छिपा है ! कहा गया कि अगर इस पेटिंग को बाईं तरफ (left side) से आईने (मिरर) के साथ जोड़ कर देखा जाए तो एलियन जैसी आकृति बनती है ! यह बात तब सोचने पर मजबूर करती है जब एक और थेअरी सामने आती है जिसमें यह कहा गया कि दविंची ने इस पेंटिंग के बाईं तरफ (left side) में बड़े ही गुप्त (secret) तरीके से एक संदेश (message) छुपाया है !

थेअरी बताती है कि पेटिंग में इटालियन भाषा में लिखा गया है – La Risposta Si Trova Qui – ला रिसपोत्रा सी त्रोवा की ! इसका मतलब है – The Answer Is Here यानी उत्तर यहां है. ! हालांकि इस में कितनी सच्चाई है इसकी कोई पुष्टि नहींकी जा सकी !
इस संदिग्ध दावे के बारे में और अधिक पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।(English)

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य ५

जब आप इस पेटिंग को देखते हो तो आप पाओगे की मोना लीसा की भौहें (eye brows)और पलकें (eye lashes) नहीं दिखती !अब सवाल उठता है कि लियोनार्डो दा विंसी ने मोना लीसा की आइब्रो (eyebrows) और आईलैशेस (eyelashes) क्यों नहीं बनाई? संयोगवश अक्टूबर २००७ में, एक फ्रांसीसी इंजीनियर और आविष्कारक, पास्कल कॉट,पास्कल कोट्टे (Pascal Cotte) का कहना है कि उन्होंने एक हाई-डेफिनिशन कैमरे से पता लगाया कि लियोनार्डो दा विंची ने मूल रूप से भौहें और पलकें पेंट की थीं।उसने बताया कि यह वक़्त के साथ धीरे धीरे गायब हो गई , शायद अति सफाई (over cleaning) की वजह से !

तथ्य ६

जितना आपको लगता है यह पेंटिंग उससे काफी छोटे आकार (size) की है ! इसका आकार ३०” * २१” इंचेस (inches) है ! और इसका वज़न ८ किलोग्राम है ! लियोनार्डो दा विंसी ने इसे पेपर और कैनवास (canvas) पर नहीं बनाया था ! बल्कि बारीक दाने वाले इटली के चित्रकारों की पसंदीदा लकड़ी सफेद चिनार (White Poplar) के पैनल (panel) पर ऑइल पेन्ट (oil paint) से बनाया था ! और इतनी खूबसूरती से बनाया था कि इस पर ब्रश (brush) के निशान देखना बेहद मुश्किल है ! दा विंसी के समय में कैनवास और पेपर मौजूद थे ! लेकिन उस वक्त के पेंटर यह सोचते थे कि छोटी पेंटिंग के लिए लकड़ी का इस्तमाल करना ही सही रहेगा !

तथ्य ७

१५१९ में लियोनार्डो दा विंसी की मृत्यु के बाद पेंटिंग फ्रांस के राजाओं के निजी संग्रह का हिस्सा बन गई ! दा विंची की मृत्यु के बाद, मोना लिसा पेंटिंग को १५१८ में चित्रकार के पसंदीदा छात्र और सहायक, फ्रांसेस्को मेल्ज़ी (Francesco Melzi) द्वारा ४००० सोने के डुकाट में राजा फ्रांसिस प्रथम को बेच दिया गया था। (कुछ लोगों का मानना ​​है कि पेंटिंग दा विंची ने ही बेची है) ! इसके बाद राजा ने इसे फॉनटेनब्लियू के महल में प्रदर्शित किया। बाद में, राजा लुई १४ (XIV) ने मोना लिसा को वर्सेल्स के ग्रैंड पैलेस में स्थानांतरित कर दिया और फिर १८०० में मोना लिसा नेपोलियन बोनापार्ट के कब्जे में आ गई।

फ्रेंच क्रांति (French revolution) के बाद मोना लीसा पेंटिंग को पेरिस (Paris) के Louvre museum (लूव म्यूजियम) में रख दिया गया !

तथ्य ८

मोना लीसा दुनिया की सबसे मूल्यवान पेंटिंग है ! गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) के अनुसार भी मोना लीसा ही इतिहास की उच्चतम मूल्यांकन वाली पेंटिंग है ! १९६२ में इसकी कीमत १०० मिलियन डॉलर (Hundred Million Dollars) आंकी गई थी ! २०१९ यह ७००,०००,००० डॉलर (Seven Hundred Million Dollars) के आसपास थी ! लेकिन फ्रांसीसी विरासत कानून (French Heritage law ) के अनुसार इसे बेचा और खरीदा नहीं जा सकता ! क्योंकि यह पेंटिंग जनता के लिए है !

तथ्य ९

लियोनार्डो ने मोना लीसा को पेंट करने में तीस से भी ज़्यादा परतों (layers) का इस्तेमाल किया था और उनमें से कुछ परतें तो एक इंसानी बाल से भी बारीक थी !

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य १०

लियोनार्डो के ही एक विद्यार्थी ने १५१४ से १५१६ के समय के बीच मोना लीसा का एक नग्न संस्करण (nude version) भी बनाया था ! जिसे मोना वेना, “मोना वन्ना” या “न्यूड मोना लिसा” कहा जाता है ! (“Monna Vanna” or “Nude Mona Lisa,”) ! इसके हाथ और शरीर की पोजीशन बिल्कुल लियोनार्डो की मोना लीसा जैसी ही है ! कहा यह भी जाता है कि शायद इसे भी लियोनार्डो दा विंची जी ने ही बनाया हो ! यह एक चारकोल ड्राइंग है ! यह पेंटिंग पेरिस (Paris) के कॉन्डे म्यूजियम शानटीली, फ्रांस (Condé Museum in Chantilly, France) में रखी है !

तथ्य ११

द्वितीय विश्व युद्ध के वक़्त मोनालीसा को छह बार अपनी जगह से बदला गया ! ताकि यह बेश कीमती पेंटिंग जर्मन नाजियो के हाथों में ना चली जाए ! उदाहरण के लिए, मोना लिसा को चम्बोर्ड से कई महलों और मठों में ले जाया गया और छुपा दिया गया था ! फिर, अंततः यह उत्कृष्ट कृति १६ जून, १९४५ को लौवर में अपने सही स्थान पर लौट आई।

तथ्य १२

लियोनार्डो दा विंसी एक लेखक भी थे,लेकिन हैरानी होती है कि उन्होंने अपनी सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग मोना लिसा के बारे में कहीं कुछ भी नहीं लिखा है ! इस सन्दर्भ में अब तक कुछ नहीं मिल पाया है !

तथ्य १३

मोना लिसा पर पहला और सबसे हिंसक हमला १९५६ में हुआ था। यह कलाकृति फ्रांस के दक्षिण में मोंटौबैन में एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जा रही थी, तभी एक बदमाश ने इस पर तेजाब फेंक दिया। यह कैनवास के निचले भाग से टकराया था। इस खूबसूरत पेंटिंग को नुकसान पहुंचाने की और भी कई बार कोशिश हो चुकी हैं ! १९५६ में ही उगो उन्गाज़ा विलेगास (Ugo Ungaza Villegas), एक बेघर बोलिवियाई व्यक्ति ने तस्वीर पर एक पत्थर फेंका था ! उन्होंने कहा कि उनकी जेब में एक पत्थर था और अचानक उन्हें मोनालिसा पर फेंकने का ख्याल आया।जिसकी वजह से मोनालीसा कि बाएं हाथ की कोहनी के पास एक छोटा सा निशान आ गया था !

बाद में पेंटिंग को पुनर्स्थापित कर दिया गया ! लेकिन निशान अब भी हल्का दिखता है ! इसके बाद मोनालिसा की सुरक्षा उद्देश्य को देखते हुए इसे बुलेट प्रूफ ग्लास (Bullet Proof Glass) के अंदर रखा गया ! लेकिन इसके बाद भी एक महिला ने मोनालिसा पर लाल रंग (Red Paint) से स्प्रे (फुहार – Spray) करने की कोशिश की थी ! और २००९ में एक रूसी महिला (Russian Lady) ने इसकी तरफ सिरैमिक मग फेंका ! पर पेंटिंग दोनों ही घटना में सुरक्षित रही !

मोना लिसा के खिलाफ नवीनतम हमला मई २०२२ में हुआ , जब व्हीलचेयर में एक बूढ़ी महिला के भेष में एक व्यक्ति ने पेंटिंग के डिस्प्ले केस पर क्रीम केक लगाया। अपराधी ने लोगों को पृथ्वी ग्रह की गिरावट के बारे में अधिक चिंता करने के लिए कहते हुए कांच के डिब्बे को तोड़ने की भी कोशिश की। सौभाग्य से, इस हमले ने पेंटिंग को कोई खास नुकसान नहीं पहुँचाया!

तथ्य १४

आज तक यह बात रहस्य है कि मोनालीसा कौन थी? मतलब लियोनार्डो दा विंसी ने यह किसकी तस्वीर बनाई थी? ये कोन औरत थी ? ज़्यादातर विद्वानों का ये मानना है कि इस चित्रकारी में जो तस्वीर है वो लिसा घेरार्दिनी (Lisa Gherardini) की है ! जिनका जन्म १५ जून १४७९ को वाया मैगियो (Via Maggio), फ्लोरेंस गणराज्य,इटली में हुआ था और उनकी मृत्यु १५ जुलाई १५४२ को हुई थी। घेरार्दिनी, फ्रांसेस्को डेल जिओकोंडो (Francesco del Giocondo) नामक एक फ्लोरेंटाइन व्यापारी की पत्नी थीं।! लेकिन एक थेअरी ये भी कहती है कि मोनालीसा लियोनार्डो दा विंसी की खुद की तस्वीर है ! मतलब उन्होंने इस तस्वीर में खुद को एक औरत के रूप में बनाया था!

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य १५

मोना लीसा की एक जुड़वां पेंटिंग भी मौजूद है, जो बिल्कुल लियोनार्डो दा विंसी की मोना लीसा जैसे ही दिखती है ! कहा जाता है कि दूसरी पेटिंग को दा विंसी के समय में ही उनके एक विद्यार्थी Francesco Melzi (फ्रांसेस्को मेल्ज़ी) ने बनाया था ! यह दूसरी पेंटिंग स्पेन (स्पेन) की राजधानी Madrid (मैड्रिड) के प्राडो म्यूजियम में रखी है !

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य १६

यह बात तो सच है कि मोनालीसा एक बेहद खूबसूरत पेंटिंग है और शुरू से ही यह काफी मशहूर है ! लेकिन इतनी मशहूर यह कभी नहीं थी जितने की यह तब हुई जब इसे पेरिस (Paris) के Louvre museum (लूव म्यूजियम) से चुरा लिया गया !

तथ्य १७

दुनिया के सबसे मशहूर पेंटिंग को दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय (museum) से चुरा लिया जाना एक बड़ी हैरान कर देने वालीघटना थी ! लेकिन उससे भी ज़्यादा हैरान कर देने वाली बात तोयह है कि इसके चोरी के इलज़ाम में जिस आदमी को शक के घेरेमें लिया गया ! वो थे हमारे एक ओर महान पेंटर पॉब्लो पिकासो (Pablo Picasso) !, जी हां, शुरुआत में पॉब्लो पिकासो (Pablo Picasso) पर इसे चोरी करने का इलज़ाम लगा ! लेकिन बाद में काफी पूछताछ और जाँच पड़ताल के बाद उनसे यह आरोप हटा लिया गया !

तथ्य १८

वह कौन इंसान था जिसने मोना लीसा को चुराया था? २१ अगस्त १९११ के दिन इसे चुराया गया ! लेकिन उस दिन इस चोरी की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया और अगले दिन ये बात समझ में आ गई ! Louvre museum (लूव म्यूजियम) को जाँच पड़ताल के लिए एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया ! इस उलझन की वजह से कि शायद पेंटिंग को संग्रहालय में ही कहीं और रख दिया गया होगा ! बाद में पता चला कि मोनालीसा को म्यूजियम के ही एक कार्यकर्ता, Vincenzo Peruggia (विन्सेन्ज़ो पुरुजिया) ने चुराया था ! वो संग्रहालय के एक छोटे से कमरे में छिप गया ! संग्रहालय के बंद होने के बाद वह पेंटिंग को कोट (Coat ) में छिपाकर फरार हो गया !

तथ्य १९

Vincenzo Peruggia (विन्सेन्ज़ो पुरुजिया) इटली (Italy) का एक देश भक्त नागरिक था ! उसका यह विश्वास था कि लियोनार्डो की यह पेंटिंग उनके देश में वापस आनी चाहिए ! और इसे इटली के संग्रहालय में दिखाया जाना चाहिए ! दो साल बाद विन्सेन्ज़ो पुरुजिया को तब पकड़ लिया गया ! जब वो मोना लीसा को लेकर इटली के Florence (फ़्लोरेंस) शहर के कला संग्रहालय के मालिक मारियो फ्रेटेली ( Mario Fratelli) को इसे बेचने जा रहा था ! दो हफ्तों तक मोना लीसा को इटली के उसी संग्रहालय में रखने के बाद ४ जनवरी १९१४ को वापस से पेरिस के संग्रहालय में लाया गया ! विन्सेन्ज़ो पुरुजिया को उसके अपराध के लिए छे महीने की जेल हुई ! लेकिन इटली ने उसकी देशभक्ति के लिए उसका स्वागत किया !

जब वह चोरी हो गई तो जनता ने शोक मनाया तथ्य १९.१

डकैती ने मोनालिसा को इतना लोकप्रिय बना दिया कि उसके चले जाने पर जनता ने शोक मनाया था। पेंटिंग चोरी हो जाने के बाद, हजारों लोग तुरंत Louvre museum (लूव म्यूजियम) संग्रहालय में उस खाली दीवार को देखने के लिए आ गए जहां यह एक बार टंगी हुई थी। लोगों ने लापता पेंटिंग के सम्मान में अनगिनत नोट, फूल और अन्य स्मृति चिन्ह भी छोड़े। बाद में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने दुःख के इस सार्वजनिक प्रदर्शन की तुलना १९९७ में राजकुमारी डायना की मृत्यु (Princess Diana’s death) के बाद देखे गए शोक से की।

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य २०

लियोनार्डो दा विंची ने मोना लिसा को १५०३ में बनाना शुरू किया था और वो १५१७ तक इस पर काम करते रहे ! उनको सबसे ज़्यादा समय मोना लिसा के होठ बनाने में लगा था ! मोनालीसा के होठ बनाने में लियोनार्डो दा विंची ने बारह साल लगा दिए थे ! हालाँकि, पेंटिंग में लगने वाले कुल समय के बारे में अभी भी बहस/चर्चा/शोध चल रहा है।

तथ्य २१

कुछ सालों पहले एक डॉक्टर ने यह कह कर सबको हैरानी में डाल दिया कि मोनालीसा की रहस्यमय मुस्कान का राज़ है , उसके ऊपरी दो दांतों का टूटा होना !और यही वजह है कि उसका ऊपरी ओंठ (लिप) थोड़ा दबा हुआ है ! सन् २००० में, हार्वर्ड के एक एक दृश्य न्यूरोफिज़ियोलॉजिस्ट (a visual neurophysiologist) – डॉ. मार्गरेट लिविंगस्टोन (Dr. Margaret Livingstone) – ने बताया कि मोना लीसा की मुस्कान नहीं बदलती, बल्कि इंसान का नज़रिया (mindset) बदलता है ! मतलब यह आपके दिमाग का खेल है जैसा आप मोना लीसा के चेहरे को देखना चाहते हो वैसा ही आपको वह दिखेगा ! यह इस चीज़ पर निर्भर करता है कि आप किस चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हो !

इसके बारे में और अधिक पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। (English)

तथ्य २२

मोना लिसा के बारे में जो बात आर्टिस्ट (artist) और इतिहासकारों (historians) को सबसे ज़्यादा सोचनेपर मजबूर करती है वह है मोनालीसा की रहस्यमय मुस्कान ! जो अलग अलग एंगल (angle) से देखने पर अलग अलग दिखती है ! मतलब बदलती रहती है! पहले यह तस्वीर मुस्कुराती हुई दिखाई देती है ! फिर यह मुस्कान फेंकी पड़ जाती है और फिर गायब हो जाती है ! एक शोध (research) से यह पता चला है कि जिस औरत को दविंची ने इस पेंटिंग में बनाया है वह अपने अंदर कुछ राज छिपाए हुए है ! इसलिए मोना लिसा की मुस्कान इतनी रहस्यमय है !

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य २३

२३ जून १८५२ को ल्यूक मास्पेरो (Luc Maspero) नाम के एक युवा फ्रांस कलाकार ने पेरिस (Paris) के एक होटल की चौथी मंज़िल से कूद कर अपनी जान दे दी ! वो मोनालीसा की रहस्यमई मुस्कान के लिए पागल था ! उसकी सुंदरता पर मोहित था ! उसने सुसाइड नोट भी छोड़ा ! जिसमें उसने मोनालीसा के लिए अपने प्यार और सालों के इंतज़ार की बात की थी !
रेफेरेंस लिंक. (ENGLISH)

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य २४

एक उत्कृष्ट कृति के रूप में इसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मोना लिसा एक अधूरी पेंटिंग हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि मोना लिसा को पूरा करने से पहले १५१७ में दा विंची का दाहिना हाथ आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गया था। भौंहों की कमी इस सिद्धांत के लिए पर्याप्त सबूत है, कम से कम कुछ विद्वानों के लिए।

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य २५

मोना लिसा पेंटिंग को फ्रांस के बाहर केवल तीन देशों में प्रदर्शित किया गया है ! सबसे पहले, प्रथम महिला जैकी कैनेडी (Jackie Kennedy’s Request) के अनुरोध को पूरा करने के लिए पेंटिंग को १९६३ में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने तत्कालीन फ्रांसीसी संस्कृति मंत्री से अनुरोध किया कि क्या वह मोनालिसा को संयुक्त राज्य अमेरिका ले जा सकती हैं !ताकि उनके लोग भी इस सुंदरता को देख सकें। झिझकते हुए ही सही, लेकिन उसके अनुरोध को मंजूरी दे दी गई ! और मोना लिसा को डीसी और न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट , वाशिंगटन नेशनल गैलरी में लाखो अमेरिकन ने देखा ! मोना लिसा ने १९७४ में जापान और सोवियत संघ का भी दौरा किया है ।

मोना लिसा पेंटिंग का आश्चर्यजनक तथ्य २६

यह अब तक की सबसे अधिक कॉपी की गई पेंटिंग में से एक है ! आज, मोनालिसा सबसे अधिक कॉपी की गई पेंटिंग्स में से एक है। ऐसा प्रतीत होता है कि दा विंची के अतीत के छात्रों और कलाकारों में अपनी तकनीकों को निखारने के लिए महिला की नकल करने की प्रवृत्ति रही है। कुछ असाधारण अच्छी प्रतिकृतियाँ दुनिया भर के संग्रहालयों में भी प्रदर्शित की जाती हैं, जैसे मैड्रिड के प्राडो संग्रहालय में, जिसे प्रतियों में सबसे प्रमुख माना जाता है। 

ताज़ा तथ्य : शोध से पता चलता है कि दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग दुनिया की शायद पहली 3d / 3डी पेंटिंग है ! हर साल, १० मिलियन से अधिक लोग संग्रहालय में आते हैं !और शायद उनमें से ८०% मुख्य रूप से दा विंची की उत्कृष्ट कृति को देखने में रुचि रखते हैं। सीज़न में, दर्शकोंको को मोना लिसा की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है । वास्तव में, अधिकांश दर्शकोंको दूसरों को जगह देने के लिए केवल ३० सेकंड के लिए पेंटिंग को देखने की अनुमति होती है।

मोनालिसा के बारे में रोचक तथ्य पर अंतिम विचार

लियोनार्डो दा विंची द्वारा चित्रित करने के सदियों बाद भी, मोना लिसा अभी भी दुनिया भर में सभी के दिलों पर कब्जा करने में कामयाब रही है। इसे किताबों, टीवी श्रृंखलाओं, फिल्मों, गीतों और कविताओं सहित कई चर्चाओं और मीडिया के विभिन्न रूपों का विषय बनाया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी मोना लिसा के बारे में पूरी जानकारी रहस्य बनी हुई है। और शायद यही बात इस पेंटिंग को इतना अनोखा और दिलचस्प बनाती है। और वहां आपके पास मोना लिसा के बारे में २६ आश्चर्यजनक , मजेदार तथ्य हैं। क्या उनमें से किसी ने आपको आश्चर्यचकित किया? आपका पसंदीदा कौन सा है? मुझे नीचे टिप्पणी में जरूर बताये। (Pl comment ) !
सूचना श्रेय : PhiloSophic

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By gyanbyjabulani.in

मैं एक प्रमुख साइकिल चालक हूं और घूमना पसंद करता हूं। मैं प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील हूं और कृतज्ञता के साथ-साथ ब्रह्मांड में मौजूद अनंत ऊर्जाओं में भी विश्वास रखता हूं। मैं कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट हूं और मुझे आईटी के साथ-साथ प्रबंधन में भी लगभग २१ वर्षों का पेशेवर अनुभव है।

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