यह वेब स्टोरी आपको नवरात्रि और ९ नंबर के आध्यात्मिक संबंध और महत्व के बारे में कुछ अद्भुत जानकारी देगी !

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दुर्गामाता के 'नौ' अवतार: शैलपुत्री, ब्रह्यचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिरात्रि !

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नवरात्रि के घट के आसपास फैली मिट्टी में बोये जाने वाले 'नौ' अनाज हैं: साल, गेहूं, ज्वार, बाजरी, मक्का, मूंग, चना, अलसी, मटकी !

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देवी दुर्गा के 'नौ' नाम: अंबा, चामुंडा, अष्टमुखी, भुवनेश्वरी, ललिता, महाकाली, जगदंबा, नारायणी, रेणुका !

देवी दुर्गा के 'नौ' नाम: अंबा, चामुंडा, अष्टमुखी, भुवनेश्वरी, ललिता, महाकाली, जगदंबा, नारायणी, रेणुका !

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नवरात्रि के 'नौ' रंग हैं: लाल, नीला, पीला, हरा, ग्रे, केसरिया या नारंगी, सफेद, गुलाबी, बैंगनी !

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नवग्रहों की 'नौ' समिधाएँ: रुई, पलाश, खदिर, अपामार्ग, पिम्पल, औदुम्बर, शमी, दूर्वा, कुश।

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नवग्रह के 'नौ' रत्न: माणिक, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद, वैदूर्य, पीला-मोती !

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दान के 'नौ' प्रकार: भोजन दान, धन दान, भूमि दान, ज्ञान दान, अंग दान, श्रम दान, रक्त दान, वस्त्र दान, शरीर दान !

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नवविधा भक्ति के 'नौ' प्रकार: श्रवण, कीर्तन, स्मरण, अर्चन, पादसेवन, वंदन, सख्य, दास्य, आत्मनिवेदन !

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प्रसिद्ध 'नौ' नाग: शेष, वासुकी, तक्षक, शंखपाल, कालिया, कर्कोटक, पद्मक, अनंत, पद्मनाभ !

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पृथ्वी के ९ खंड जो सभी मानव जाति को समाहित करता है: भरतखंड (पूर्व), केतुमालखंड (पश्चिम), रम्यखंड (दक्षिण), विधिमलखंड (उत्तर), वृत्तखंड (दक्षिणपूर्व), द्रव्यमलखंड (दक्षिणपश्चिम), हरिखंड (उत्तरपश्चिम), हरनाखंड (उत्तरपूर्व), सुवर्णखण्ड (मध्य) !

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मानव शरीर के भीतर 'नौ' कोष हैं: अन्नमय, शब्दमय, प्राणमय, आनंदमय, मनोमय, प्राकामय, ज्ञानमय, आकाशमय, विज्ञानमय।

मानव मन के 'नौ' गुण हैं: साहस, शक्ति, भ्रम, कल्पना, वैराग्य, कर्तव्यनिष्ठा, क्रोध, विवेकहीनता, क्षमा, स्मरण, विवेक !

मानव शरीर की 'नौ' अवस्थाएँ: माँ के गर्भ में निषेचन, गर्भावस्था, जन्म, शैशवावस्था, कौमार्य, युवावस्था, वयस्कता, बुढ़ापा, मृत्यु !

माँ जगदम्बा की आप और आपके परिवार पर अनन्त कृपा बनी रहे और सभी का जीवन आनंदमय एवं मंगलमय हो, ''श्री जगदम्बा के चरणों में प्रार्थना !