सितंबर २०१६ में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी ! आइये उन सफल यादों को याद करें !
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सर्जिकल स्ट्राइक, एक सैन्य हमला है ! इसका उद्देश्य आस-पास के क्षेत्रों और नागरिकों को अतिरिक्त क्षति पहुंचाए बिना, दुश्मन या अतिरेकी सैन्य को लक्ष्य करके खत्म करना है !
भारत में, यह शब्द पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकवादी लॉन्च पैड पर भारतीय सेना के हमले से जुड़ा है जो भारत ने किया था २९ सितंबर २०१६ को !
१८ सितंबर २०१६ को उरी में भारतीय सेना के बेस पर चार आतंकवादियों ने फिदायीन हमला किया था ! १९ सैनिक मारे गए थे ! पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद पर इस हमले की जिम्मेदारी का आरोप था !
उरी हमला गुरदासपुर और पठानकोट के हमलों के बाद हुआ। उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने कहा कि भारत ने काफी संयम दिखाया है, लेकिन उसने "अपनी पसंद के समय और स्थान पर" जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखा है।
उरी हमले के ११ दिन बाद भारत सरकार ने घोषणा की कि उसने एलओसी के पार संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की है जो पूरी तरह से सफल हुई है !
रिपोर्टों के मुताबिक, हमला ज़मीनी था और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के क्षेत्र में १ - ३ किमी अंदर किया गया था।
दरअसल, २८ सितंबर २०१६ को किया गया हमला १८ सितंबर को कश्मीर के उरी में एक सैन्य अड्डे पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के हमले के जवाब में था, जिसमें १९ सैनिक मारे गए थे !
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य कार्रवाई का ब्योरा देते हुए कहा कि सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमले की तारीख दो बार बदली गई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की योजना इसलिए बनाई गई क्योंकि उरी में आतंकी हमले में जवानों के मारे जाने के बाद उनके और सेना के अंदर ''क्रोध'' पैदा हो गया था !
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने सैनिकों को सफलता या विफलता के बारे में न सोचने और "सूर्योदय से पहले" वापस आने का आदेश दिया था !
उरी हमले के जवाब में, जम्मू-कश्मीर में तैनात पैरा (विशेष बल) इकाइयों की विभिन्न इकाइयों के कमांडो सहित भारतीय सेना के जवानों ने सीमा पार कई ठिकानों पर छापेमारी की !
ये सभी ठिकाने सैन्य और नागरिक ठिकानों के खिलाफ हमले करने के लिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए आतंकवादियों के लॉन्च पैड थे !
पीएम मोदी ने कहा कि सेना से बात करते समय उन्हें एहसास हुआ कि वे अपने शहीद सैनिकों के लिए न्याय चाहते हैं और सरकार ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए "खुली छूट" दी है !
सर्जिकल स्ट्राइक की लोगों ने, सशस्त्र बलों ने भी सराहना की ! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि "हम आतंकवादियों को इस तरफ और सीमा पार करके भी मार सकते हैं !"
हम किसी भी सैनिक या मेजर का वास्तविक नाम कभी नहीं जान पाएंगे जिन्हें सर्जिकल स्ट्राइक में उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया गया था ! वह उस समय अपनी पैरा एसएफ रेजिमेंट के सेकेंड-इन-कमांड 2IC थे। उनका नाम और चेहरा तब तक वर्गीकृत रहेगा जब तक सेना नहीं चाहेगी !
तीनों टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर एलओसी पार की - जिनमें से एक उरी से थी ! इस योजना की जानकारी केवल देश के सर्वोच्च अधिकारियों को ही थी !
मिशन में केवल एक पैरा सैनिक मामूली रूप से घायल हुआ और कोई भी पीछे नहीं बचा ! यह इस ऑपरेशन की असाधारण उपलब्धि थी !
वापस जाते समय, मेजर और उनके लोगों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मूर्ख बनाने के लिए एक लंबा रास्ता अपनाया, जो छोटे रास्ते पर एसएफ की उम्मीद कर रहे थे !
पाकिस्तानी सैनिकों ने स्नाइपर राउंड से लेकर रॉकेट लॉन्चर से लेकर मोर्टार तक सब कुछ फायर किया, लेकिन एक भी एसएफ जवान को निशाना नहीं बना सके !
अपने ऐतिहासिक मिशन पर निकलने के ३६ घंटे बाद, सभी पैरा एसएफ सुबह ४.३० बजे एलओसी पार कर गए और भारत में वापस आये !
पूरे ऑपरेशन की निगरानी दिल्ली में सेना मुख्यालय, उधमपुर में उत्तरी कमान मुख्यालय और क्रमशः व्हाइट नाइट और चिनार कोर के मुख्यालय नगरोटा और श्रीनगर से की गई !
ऑपरेशन की पूरी अवधि के दौरान ड्रोन हवा में थे और हर विवरण को कैद कर रहे थे ! इससे भारतीय सेना को ऑपरेशन को निर्बाध रूप से अंजाम देने में मदद मिली !
मिशन के लिए चुने गए पैरा एसएफ जवान भारतीय सशस्त्र बलों के पास उपलब्ध सर्वोत्तम तकनीक से लैस थे ! प्रत्येक सैनिक की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता थी !
प्रत्येक सैनिक के पास इजरायल निर्मित असॉल्ट राइफलें, नाइट-विजन गूगल, बुलेटप्रूफ जैकेट, संचार उपकरण और एक साहसी मिशन पर उच्च प्रशिक्षित एसएफ सैनिक के लिए आवश्यक हर उपकरण था !
ऑपरेशन २८ सितंबर २०१६ को आधी रात को शुरू हुआ था और २९ सितंबर २०१६ को बहुत सवेरे सफल समापन के बाद सैनिक भारत वापस लौट आए ! तब से २८ सितंबर को "सर्जिकल स्ट्राइक दिवस"के रूप में मनाया जाता है !
इस घटना को दर्शाती हुई "उरी - द सर्जिकल स्ट्राइक" नाम की एक फिल्म भी बनाई गई है ! इस फिल्म ने कहानी की बदौलत रिकॉर्ड कलेक्शन किया है !
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