ऐतिहासिक उपलब्धि, महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में भी पास

एक पुरानी इथियोपियाई कहावत है, "जहाँ स्त्री शासन करती है, वहाँ धाराएँ ऊपर की ओर बहती हैं !" मतलब  महिलाएं अद्भुत चीजें घटित कर सकती हैं !

भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम में, राज्यसभा ने भी २१ सितंबर २०२३ , गुरुवार को ११  घंटे की बहस के बाद सर्वसम्मति से महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया।

यह विधेयक २० सितंबर २०२३ , बुधवार को भारत की लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका है ! अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण कानून बन जाएगा !

नए संसद भवन में पारित होने वाला यह पहला विधेयक है। वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने राज्यसभा में बिल पर बात की और कहा कि यह बिल देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा करेगा।

पीएम मोदी कहा - संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और शक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं।     >

यह महज एक विधान नहीं है; यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है।   >

जैसा कि हम आज मनाते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए।

महिला आरक्षण विधेयक २०२३ को नारी शक्ति वंदन अधिनियम (The Nari Shakti Vandan Adhiniyam) या संविधान (१०८ वां संशोधन) विधेयक, ९ मार्च, २०१० के नाम से भी जाना जाता है।

महिला आरक्षण विधेयक २०२३  क्या है? महिला आरक्षण विधेयक २०२३  में महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में ३३% सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है !

नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल में आगे क्या है? यह बिल अब सहमति के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा ! और फिर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए ३३% आरक्षण आधिकारिक हो जाएगा !

९ दिसंबर, १९४६  को, संविधान सभा की बैठक पहली बार कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में हुई थी, तो राष्ट्रपति मंच के सामने पहली पंक्ति में केवल एक ही महिला थीं - सरोजिनी नायडू !

नई दिल्ली  G20 - इस बात की पुष्टि करता है कि लैंगिक समानता मौलिक महत्व की है और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण में निवेश करने से सतत विकास के लिए २०३०  एजेंडा को लागू करने में कई गुना प्रभाव पड़ता है !

भारत की अध्यक्षता में, G20 ने अपना ध्यान महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित कर दिया है। भारत राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में निर्णय लेने के सभी स्तरों पर महिलाओं की पूर्ण और प्रभावी भागीदारी और नेतृत्व के समान अवसरों का पक्षधर है।