चंद्रयान 3 का अभियान और चाँद पर उतरने की पूरी प्रक्रिया |

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४ जुलाई २०२३। समय ठीक २.३५ ! भारतीय मानक समय ! भारत, आंध्र प्रदेश, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र !

लॉन्चिंग विवरण

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४० दिनों की लंबी यात्रा के बाद २३ अगस्त २०२३, को यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की कोशिश करेगा !

यात्रा विवरण.

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वैज्ञानिकों को हमारे निकटतम खगोलीय पड़ोसी – चंद्रमा, के इतिहास और विकास के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए डेटा एकत्र करना !

चंद्रयान ३ का उद्देश्य

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चंद्रयान ३ का बजट लगभग रु. ६१५ करोड़ जो अन्य चंद्र मिशनों की तुलना में काफी कम है।  चंद्रयान ३ एक मानवरहित मिशन है!

चंद्रयान 3 की लागत

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चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर के नाम  हैं - विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ! ( Vikram Lander & Pragyan Rover)

लैंडर और रोवर

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चंद्रयान ३ सीधे इंडिया डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) से जुड़ा है। डेटा सुरक्षा के लिए यह एक बड़ी सफलता है ! चंद्रयान ३ को लेकर एक बड़ी उपलब्धि डेटा ट्रांसपोर्ट से भी जुड़ी है !

चंद्रयान ३ और इसरो डेटा कनेक्टिविटी !

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दो मॉड्यूल हैं।प्रोपल्शन और लैंडर ! औसत वजन एक टाटा हैरियर या ऐसी किसी SUV जितना है। और कुल मिलाकर पूरे अंतरिक्ष यान का वजन कुछ ३९०० किलो! इसमें ऑर्बिटर नहीं है ! चंद्रयान २ का ऑर्बिटर कार्य कर रहा है !

चंद्रयान ३ का डिजाइन !

चंद्रयान ३ के लिए इसरो की अनोखी रणनीति !   १

सॉफ्ट लैंडिंग की कठिनाई को हल करने के लिए चंद्रयान ३ के लैंडर के लिए एक ऐसा स्थान खोजा है, जहां न तो क्रेटर हैं , न ही बेहद असमान तापमान है !

चंद्रयान ३ के लिए इसरो की अनोखी रणनीति !   २

मिशन की प्रारंभिक गति में अधिक ईंधन का उपयोग नहीं किया है ! यही ईंधन लैंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ! चांद की तरफ किसी स्लिंग शॉट की तरफ उड़ गया !

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चंद्रयान ३ के लिए इसरो की अनोखी रणनीति !   ३

चंद्रयान ३, अपनी गति को लैंडिंग से पहले काफी कम कर देगा और साथ ही लैंडिंग साइट को एक बार फिर से ठीक से निरीक्षण करने के लिए, चंद्रमा की कक्षा के चारों ओर चक्कर लगाएगा !

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चंद्रयान ३ के लिए इसरो की अनोखी रणनीति !   ४

चंद्रयान ३, चांद की सतह की जांच अपने रोवर से करने वाला है, अपने लैंडर से नहीं! साथ में वह अपने लैंडर को धूप में खड़ा करके, रोवर और पृथ्वी के बिच सिग्नल रिले करने वाला है!

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चंद्रयान ३ सॉफ्ट लैंडिंग (soft landing) की प्रक्रिया !

ऊंचाई १०० किमी। यह लैंडिंग प्रक्रिया का पहला चरण है ! ऊंचाई ३० किलोमीटर – दूसरा चरण ! ऊंचाई १०० मीटर – तीसरा चरण ! Slowed Descent – स्लोड डिसेंट – धीमी गति से उतरना – चौथा चरण ! Takedown – टेक डाउन – नीचे करें -यह लैंडिंग प्रक्रिया का पांचवा और आखिरी चरण हैं ! 

चंद्रयान-३, २३ अगस्त, २०२३ को लगभग १८:०४ बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। आईएसटी. स्रोत इसरो

चंद्रयान ३ और भारत के लिए उपलब्धि !

चंद्रयान ३ लैंडर के जरिये, चाँद के साउथ पोल (SOUTH POLE ) की जाँच जल्द से जल्द शुरू होती है , तो भारत वो पहला देश बन सकता है , जो पृथ्वी के जनम की रियल स्टोरी प्रक्टिकली प्रूव कर दिखा पायेगा

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