आइए हम उस काल्पनिक स्थिति और हमारे जीवन पर इसके प्रभाव से अवगत होने का प्रयास करें कि यदि हमारा सूर्य ब्रह्मांड से गायब हो जाए तो क्या होगा।
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पृथ्वी पर हमें इस घटना के बारे में जानने में लगभग ८.३० मिनट लगेंगे। क्योंकि सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर पहुँचने के लिए इतना समय आवश्यक होता है।
लेकिन ९ मिनट बाद पूरी पृथ्वी अंधकार में डूब जाएगी। यहाँ तक कि हम चंद्रमा से भी कोई प्रकाश प्राप्त नहीं कर पाएंगे क्योंकि उसे सूर्य से ही प्रकाश मिलता है।
गुरुत्वाकर्षण बल के अभाव में हमारी पृथ्वी हमारे सौर मंडल - "मिल्की वे' - से बाहर निकल जाएगी और बाहरी अंतरिक्ष में चली जाएगी।
लगभग एक वर्ष या उससे भी कम समय में पृथ्वी पर तापमान -७० डिग्री तक नीचे चला जायेगा। इसका यह भी अर्थ है कि सभी महासागर जम जायेंगे।
हालाँकि महासागरों का केवल ऊपरी हिस्सा ही जमेगा और बर्फ में परिवर्तित होगा, नीचे का हिस्सा अछूता रहेगा और पानी वैसे का वैसा ही रहेगा।
जोअज्ञातजीव वर्तमान में अंधेरे गहरे समुद्र के अंदर रह रहे हैं वे पानी की उपलब्धता के कारण लाखों वर्षों तक जीवित रहेंगे क्योंकि वे इस अवस्था के अभ्यस्त हैं।
पृथ्वी पर सभी पेड़ धीरे-धीरे ख़त्म हो जाएँगे क्योंकि वहाँ कोई "फोटो सिंथेसिस " गतिविधि नहीं होगी क्योंकि वहाँ सूरज की रोशनी मौजूद नहीं होगी !
अल्पावधि में, मौजूदा वातावरण समाप्त हो जाएगा और पृथ्वी पर कोई भी जीवन नहीं रहेगा !आशा है आपको हमारे सौरमंडल में सूर्य का महत्व समझ आ गया होगा?
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