कुछ ऐसा है जिसके लिए रैंक किया जाना अच्छा नहीं है ! भारत दुनिया के 60% कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे (mismanaged plastic waste)  के लिए जिम्मेदार बारह देशों में से एक बनकर उभरा है !

"प्लास्टिक ओवरशूट डे" शीर्षक वाली रिपोर्ट, वैश्विक प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन (Global Plastic Waste Generation) में वृद्धि की चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डालती है !

रिपोर्ट के अनुसार, चालू वर्ष में वैश्विक प्लास्टिक वेस्ट उत्पादन अनुमानित 220 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जिसमें 70 मिलियन टन पर्यावरण को प्रदूषित करने का अनुमान है !

प्लास्टिक कचरे का प्रमुख कुप्रबंधन करने वाले बारह देश चीन, भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका और तुर्की हैं !

भारत में 2024 में 7.4 मिलियन टन कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसे रिपोर्ट में "बहुत अधिक" माना गया है !

रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा पर्यावरण में लगभग 391,879 टन माइक्रोप्लास्टिक्स और जलमार्गों में 31,483 टन रासायनिक योजक छोड़ने का अनुमान है !

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अप्रैल 2024 तक, वैश्विक आबादी का लगभग आधा हिस्सा उन क्षेत्रों में निवास करेगा जहां प्लास्टिक कचरा प्रभावी प्रबंधन की क्षमता से अधिक है !

प्रत्येक देश का अपना "प्लास्टिक ओवरशूट दिवस" होता है, जो उसकी प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन और प्रबंधन क्षमता से निर्धारित होता है ! भारत के लिए, यह दिन 23 अप्रैल 2024 को होने का अनुमान है !

जबकि सरकारी स्तर पर अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार महत्वपूर्ण है, दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है ! क्या आप "प्लास्टिक को कहें ना" अभियान का हिस्सा हैं?

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