आइए जानते हैं श्री राम के धनुष के बारे में कुछ अद्भुत जानकारी !

भगवान श्रीराम का धनुष अभिमंत्रित था ! जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था ! उस चमत्कारिक धनुष का नाम कोदंड था !

ये मान्यता है की कोदंड धनुष से निकला तीर लक्ष्य को भेदकर ही वापस आता था ! ये धनुष अनेक दिव्य शक्तियों से युक्त था ! ये बांस से निर्मित था।

जब श्री राम, सीता की खोज करते हुए समुद्र के पास पहुंचे और समुद्र ने उन्हें पार करने में सहायता नहीं की, तो श्री राम समुद्र देव पर क्रोधित हो गए थे !

समुद्र को सुखाने के लिए श्री राम ब्रह्मास्त्र को कोदंड की प्रत्यंचा पर चढ़ाते है ! कोदंड की दिव्य शक्ति पहचाननेवाले समुद्र देवता इससे भयभीत होकर श्री राम से दया याचना करते है !

दयालु श्री राम तब समुद्रु को समझाते हैं कि उनका तीर अमोघ है और एक बार धनुष पर चढ़ाने के बाद, अपना लक्ष्य पूरा किए बिना तिमिर में वापस नहीं जा सकता।

समुद्र देवता तब श्री राम से  कुख्यात राक्षस को मारने के लिए उस तीर को उत्तर दिशा में छोड़ने का अनुरोध करते है ! राक्षस को बिना देखे कोदंड से चला वो तीर अपना कार्य पूर्ण करके ही वापस आता है !

 ऐसा चमत्कारी कोदंड संसार का हर महास्त्र और दिव्यास्त्र को धारण करने में सक्षम था। कोदंड से श्री राम ने कई शक्तिशाली राक्षसों और अंत में रावण का वध किया।

कहा जाता है कि ऐसा अत्यंत चमत्कारिक एवं शक्तिशाली कोदंड धनुष महर्षि वशिष्ठ ने श्रीराम को दिया था।

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हाल ही में अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर में, चेन्नई की कंपनी द्वारा स्वर्ण स्वरूप कोदंड का समर्पण, प्रतिष्ठा के दौरान श्री राम लल्ला को किया गया है !

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