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इस बचाव कार्य मे भारत की विविध एजेंसियों और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया था ! उद्देश्य एक ही था - सभी मजदूरोंको जिंदा बाहर निकलना !
हालाँकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह (पुनर्जीवन) रेस्क्यू ऑपरेशन आसान नहीं था और यह विभिन्न चुनौतियों के साथ लगभग 17 दिनों तक चला।
अंततः रैट होल माइनिंग नामक एक प्रणाली की मदद से पुनर्जीवन अभियान चलाया गया। (rat hole mining) हालाँकि भारत में इस सिस्टम पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
रैट-होल खनन विशेषज्ञों में से एक, मुन्ना कुरेशी ने उस भावनात्मक क्षण का वर्णन किया है जब उन्होंने अंततः मलबे की दीवार को तोड़ दिया था।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन को "मानवता और टीम वर्क का अद्भुत उदाहरण" कहा है।