माता-पिता के लिए बच्चों का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है ! अगर बच्चों का मौखिक स्वास्थ्य अच्छा हो तो बच्चे हमेशा स्वस्थ रहते हैं। यदि माता-पिता कम उम्र में ही बच्चों में दांतों की उचित देखभाल की आदत डाल दें, तो यह आदत जीवन भर उनका साथ देगी और बदले में उनका मौखिक स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहेगा। यह ब्लॉग आपको बच्चों के दांतों की देखभाल – बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी: दंत चिकित्सा देखभाल – के बारे में कई सुझाव प्रदान करता है !
नवजात शिशुओं के लिए दंत चिकित्सा देखभाल !
जन्म के समय बच्चे के दाँत होते हैं ! लेकिन हम उन्हें नहीं देख पाते क्योंकि वे मसूड़ों में होते हैं ! जब बच्चा लगभग ६ महीने का हो जाता है तो उसके मसूड़ों से दांत निकलना शुरू हो जाते हैं ! बच्चे का पहला दांत निकलने से पहले उसके मुंह की ठीक से देखभाल की जानी चाहिए ! क्योंकि अगर मसूड़े स्वस्थ हैं, तो दांत भी स्वस्थ हैं !
बच्चे को दूध पिलाने के बाद मसूड़ों को साफ और मुलायम कपड़े से पोंछना चाहिए ! इससे दांतों में सड़न पैदा करने वाले कीटाणु (बैक्टीरिया) नष्ट हो जाते हैं !
दांत आने शुरू हो जाएं, तो नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश का उपयोग करें ! चावल के दाने के बराबर थोड़ी मात्रा में फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें ! बच्चे के दांतों को दिन में दो बार ब्रश करें !
जब कोई बच्चा बोतल से सादा दूध, फॉर्मूला दूध या जूस पीता है और बोतल मुंह में रखकर सो जाता है, तो दांतों में सड़न शुरू हो जाती है ! इसे ‘बेबी बॉटल टूथ डेके’ कहा जाता है ! इससे बचने के लिए यह बहुत जरूरी है कि बच्चे के दूध/जूस आदि पीने के बाद सोने से पहले बच्चे के मुंह से बोतल हटा दें !
दांतों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आपका बच्चा एक साल का होने से पहले या जैसे ही उसका पहला दांत आए, आप दंत जांच के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाएं !
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छोटे बच्चों के लिए दंत चिकित्सा देखभाल !
शिशु के दांतों की देखभाल ! जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनमें दंत स्वच्छता की अच्छी आदतें डालना महत्वपूर्ण है ! तीन साल की उम्र तक बच्चों के सारे दाँत आ जाते हैं, जिन्हें हम ‘प्राथमिक दाँत’ कहते हैं ! ६ साल की उम्र के आसपास ये दांत गिर जाते हैं और स्थायी दांत निकलने लगते हैं ! दूध के दांतों की दरारों से नए दांत निकलना शुरू हो जाते हैं और यह प्रक्रिया १३ साल की उम्र तक पूरी हो जाती है ! बच्चों के दांतों की देखभाल उम्र के तीसरे साल से इस प्रकार करनी चाहिए !
बच्चों के दांतों को मटर के दाने के बराबर मात्रा में फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करें और सुनिश्चित करें कि बच्चे ब्रश करने के बाद टूथपेस्ट को थूक दें ! इसे निगलने की अनुशंसा नहीं की जाती है !
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बच्चे दिन में दो बार, कम से कम दो मिनट तक अपने दाँत ब्रश कर रहे हैं !
जब दांत एक-दूसरे के करीब आ जाएं या उससे पहले ही “फ्लॉसिंग” “शुरू कर देनी चाहिए !
बच्चों को उनके दांतों को ब्रश करने और फ्लॉस करने में मदद करें और उन्हें बार-बार अपने पिछले दांतों को ब्रश करने की याद दिलाएं !
हर ६ महीने में डेंटिस्ट के पास जाकर बच्चों के दांतों की जांच करानी चाहिए ! शिशु के दांतों की देखभाल करना महत्वपूर्ण है !
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किशोरावस्था में प्रवेश करने से पहले बच्चों की दंत चिकित्सा देखभाल !
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं और उनके स्थायी दांत निकलते हैं, उन्हें अपने दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है !लेकिन इस उम्र के बच्चों को दंत स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना मुश्किल है !बच्चों में अच्छी दंत स्वच्छता की आदतें विकसित करने के लिए निम्नलिखित समाधानों को अवश्य आज़माएँ !
इस उम्र के बच्चे अपने रूप-रंग को लेकर अधिक सचेत रहते हैं ! इसलिए उन्हें समझाएं कि यदि आपके दांत अच्छे और स्वस्थ हैं, तो ही आप बेहतर दिखेंगे !
फ्लोराइड टूथपेस्ट से अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करने से वे मजबूत होते हैं, सड़ने से बचते हैं ! बच्चों को समझाएं कि इससे मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती और ताजी सांस आत्मविश्वास बढ़ाती है ! बच्चे पावर ब्रश का उपयोग करके अपने दाँत ब्रश करने का आनंद ले सकते हैं ! तो इसका भी उपयोग किया जा सकता है !
इस उम्र में फ्लॉसिंग आवश्यक है क्योंकि स्थायी दांत बनते हैं ! इससे दांतों में दरार नहीं आएगी और मुंह भी साफ रहेगा !
जो बच्चे आउटडोर खेल खेलते हैं, उन्हें अपने दांतों को चोट लगने से बचाने के लिए खेलते समय माउथ गार्ड का उपयोग करने के लिए कहें !
ब्रेसिज़ पहनने वाले बच्चों को ब्रेसिज़ हटाने के बाद उनके दांतों पर सफेद धब्बे को रोकने के लिए पावर ब्रश और फ्लॉस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें !
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों के दांतों की सूक्ष्म शिकायतों को नजरअंदाज न करें और यदि आवश्यक हो तो अपने दंत चिकित्सक से परामर्श लें ! क्योंकि बच्चों का मौखिक स्वास्थ्य – स्वस्थ दांत ही अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होते हैं !
इस संपूर्ण बहुमूल्य जानकारी का श्रेय – डॉ रुचा वाज़े मोकाशी। डेंटल सर्जन और इम्प्लांटोलॉजिस्ट, पुना.
Credit for this entire valuable information – Dr Rucha Vaze Mokashi.
Dental Surgeon and Implantologist, Pune.
घर पर ही निकालें दांतों का पीलापन !
आपकी मुस्कान आपकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो ! लेकिन अगर दांत पीले हैं तो इसका असर न सिर्फ आपके मुस्कुराते चेहरे पर पड़ेगा बल्कि दांतों में दर्द भी हो सकता है ! इस पीलेपन से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं ! आइये इनके बारे में भी जानते हैं !
एक चम्मच नींबू के रस में दो चम्मच समुद्री नमक मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे ब्रश (या ऊंगली) की मदद से दांतों पर धीरे-धीरे ब्रश करें ! इसे हफ्ते में दो से तीन बार आजमाने से दांतों का पीलापन दूर होने में मदत मिलेगी ! इससे दांतों को प्राकृतिक चमक मिलती है !
एक चम्मच बेकिंग सोडा में दो चम्मच नींबू का रस मिलाएं ! इस पेस्ट को दांतों पर लगाकर ३ से ४ मिनट तक रखें ! फिर पानी से धो लें ! बेकिंग सोडे का
ब्लीचिंग गुण दांतों को साफ करणे मे मदत करता है !
अपने दांतों को सफेद करने के लिए एक कप पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर कुल्ला कर सकते हैं। इससे सांसों की दुर्गंध जाने में भी मदत मिलती है।
ऑर्गेनिक नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है ! इससे दांतों का पीलापन दूर होता है और दांत मजबूत होते हैं ! इसके लिए तेल की कुछ बूंदें दांत पर लगाएं
उंगली से मसाज करें ! पांच मिनट बाद कुल्ला कर लें !
केले में पोटैशियम होता है ! इससे दांतों का पीलापन और दुर्गंध दोनों दूर हो जाती है ! इसके लिए केले के टुकड़ों को दांतों पर रगड़ें और मसाज करें ! पांच मिनट बाद गरम पानी से धो लें ! इससे दांत साफ और चमकदार हो जाते हैं !
निष्कर्ष :
मुझे आशा है कि आपको बच्चों के दांतों की सुरक्षा और सावधानियों के संबंध में यह संपूर्ण जानकारीपूर्ण और मूल्यवान ब्लॉग पसंद आया होगा !
मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि दांतों का इलाज कोई आसान मामला नहीं है। इसमें समय के साथ-साथ पैसा भी लगता है। इसलिए सबसे अच्छा और आसान तरीका यह है कि शुरुआत से ही दांतों की सुरक्षा के लिए सावधानी बरती जाए ! एक बार जब आप अपने बच्चों को दंत चिकित्सा देखभाल की आदत डाल देंगे, तो आपने निश्चित रूप से बहुत अच्छा काम किया है !
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