- पृष्ठभूमि – THE BACKGROUND
- नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) क्या है?
- यह कैसे काम करेगा?
- आवश्यक दस्तावेज़:
- ऑनलाइन आवेदन के लिए व्यापक निर्देश !
- भारत के लिए निष्ठा की शपथ:
- कौन से शरणार्थी शामिल नहीं हैं?
- भारत शरणार्थियों को वीज़ा कैसे देता है?
- गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
- सीएए सारांश:
- निष्कर्ष:
११ दिसंबर, २०१९ को संसद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित किया था ! यह कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए १९५५ के नागरिकता अधिनियम को संशोधित करता है ! साथमे, ये कानून हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध या ईसाई समुदायों के लिये है जो ३१ दिसंबर २०१४ से पहले भारत के में वास्तव्य के लिये आ चुके है ! उनके प्रवासन (migration) कि वजह उनके घरेलू देशों में धार्मिक उत्पीड़न (religious persecution) के कारण होना चाहिए ! अब ये कानून मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया है ! नागरिकता कानून CAA- जानिए इसके बारे में!
सीएए एक्ट 2024 क्या है? 2024 में सीएए क्या है? CAA क्या है पूरी जानकारी हिंदी में ! इस ब्लॉग में आपको सभी सवालों के जवाब मिलेंगे ! जैसे क्या है नागरिकता संशोधन कानून, (सीएए) के प्रावधान क्या हैं? संसद से कब पारित हुआ था कानून? आगे क्या होगा? और भी कई सारे सवाल !
नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार, ११ मार्च २०२४, को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया है ! यह कदम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने से कुछ दिन पहले आया है ! सीएए २०१९ के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था !
यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से ३१ दिसंबर २०१४ को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है !
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर कहा कि पीएम मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है ! ये अधिसूचना, पात्रता मानदंडों के अनुसार, भारत में नागरिकता (India Citizenship) प्राप्त करने का मार्ग सुनिश्चित करने के लिए तैयारी है ! सीएए – CAA – पड़ोसी देशों के शरणार्थियों की मदद करेगा, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं !
भारतीय नागरिकता उस अप्रवासी (migrant) को दी जाएगी जो पिछले एक वर्ष और पिछले १४ वर्षों में से कम से कम ५ वर्षों में भारत में रहा हो ! पहले अप्रवासियों (मिग्रंट) के लिए देशीयकरण द्वारा नागरिकता ११ वर्ष थी ! (citizenship by naturalization). यह कानून संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को छूट देता है ! जिसमें, असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र जिले शामिल हैं !
पृष्ठभूमि – THE BACKGROUND
सीएए – CAA – दिसंबर २०१९ – December २०१९ – में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी ! लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे ! कई विपक्षी दलों ने कानून के खिलाफ बोलते हुए इसे “भेदभावपूर्ण” बताया था ! (“discriminatory”). सरकार ने इस तरह की कहानियों को खारिज कर दिया था और सीएए को “देश का कानून” कहा था जिसे आने वाले वक्त मे लागू किया जाएगा !
उसी पर, पिछले महीने एक बिजनेस शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा ! “हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और उकसाया जा रहा है (सीएए के खिलाफ) ! सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए थे ! यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है! ” – उन्होंने कहा था !
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) क्या है?
यह कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता और न ही किसी को नागरिकता देता है। यह केवल उन लोगों की श्रेणी को संशोधित करता है जो (नागरिकता के लिए) आवेदन कर सकते हैं ! यह आवेदकों को “अवैध प्रवासी” की परिभाषा से छूट देकर ऐसा करता है – कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से है और अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से है, जिसने ३१ दिसंबर, २०१४ या उससे पहले भारत में प्रवेश किया है, और जिसे पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, १९२० की धारा ३ की उपधारा (२) के खंड (सी) के तहत केंद्र सरकार या विदेशी अधिनियम द्वारा छूट दी गई है, या १९४६ के प्रावधानों या किसी नियम के तहत छूट दी गई है !
संक्षेप में, यह अधिसूचना अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से केवल उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाइयों को छूट देती है, जो धार्मिक उत्पीड़न के डर से ३१ दिसंबर २०१४ से पहले भारत आए हैं !
यह कैसे काम करेगा?
सोमवार को घोषणा के बाद, गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि आवेदन ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल प्रदान किया गया है ! मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना (gazette notification) में सीएए के तहत नागरिकता देने के लिए राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में एक अधिकार प्राप्त समिति के गठन की घोषणा कर दि है !
पात्रता मापदंड !
अधिसूचना में ऐसे फॉर्म शामिल हैं जहां भारतीय नागरिकता चाहने वालों को नाम, माता-पिता और पति या पत्नी का नाम, भारत में प्रवेश की तारीख, व्यवसाय और वे किस अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, सहित विवरण भरना होगा ! आवेदकों को अपने परिवार के उन सदस्यों के बारे में भी विवरण देना होगा जो उनके साथ भारत में रह रहे हैं ! उन्हें आपराधिक कार्यवाही, यदि कोई हो, का विवरण भी बताना होगा !
इसके अलावा, आवेदकों को भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ भी भरनी होगी ! उन्हें वैध या समाप्त हो चुके विदेशी पासपोर्ट की एक प्रति और वैध या समाप्त हो चुके आवासीय परमिट की एक प्रति सहित दस्तावेज जमा करने होंगे !
अधिसूचना में कहा गया है – “माता-पिता की जन्मतिथि का साक्ष्य जैसे पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति ! माता/पिता का पासपोर्ट उपलब्ध न होने की स्थिति में, आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र जिसमें माता/पिता का नाम, पता और राष्ट्रीयता स्पष्ट रूप से अंकित हो !”
नियमों के अनुसार, भारतीय नागरिक से विवाहित, भारतीय नागरिक के नाबालिग बच्चे, भारतीय माता-पिता वाले या स्वतंत्र भारत के नागरिक के रूप में एक या दोनों माता-पिता वाले व्यक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया अलग है! भारत के विदेशी नागरिक कार्डधारक और देशीयकरण के माध्यम से नागरिकता चाहने वाले किसी भी व्यक्ति!
राजपत्र समितियाँ !
अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक समिति का नेतृत्व संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के निदेशक (जनगणना संचालन) करेंगे ! पैनल में सहायक इंटेलिजेंस ब्यूरो का एक अधिकारी, जो भारत सरकार के उप सचिव स्तर से नीचे का न हो, संबंधित क्षेत्राधिकार वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी, राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी सहित सदस्य शामिल होंगे ! और संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के पोस्ट मास्टर जनरल या पोस्ट मास्टर जनरल द्वारा नामित एक डाक अधिकारी, जो भारत सरकार के उप सचिव के पद से उपर होंगे !
मंत्रालय ने इस अधिकार प्राप्त पैनल के आमंत्रित सदस्यों को भी नामित किया है, जिसमें राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के प्रधान सचिव (गृह) या अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के कार्यालय का एक प्रतिनिधि, रेलवे के क्षेत्राधिकार मंडल रेलवे प्रबंधक का एक प्रतिनिधि शामिल है ! अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि क्षेत्राधिकार के वरिष्ठ अधीक्षक या डाक अधीक्षक की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय पैनल होगा जो नामित अधिकारी होगा !
पैनल में संबंधित जिले के जिला सूचना विज्ञान अधिकारी या जिला सूचना विज्ञान सहायक और केंद्र का एक नामित व्यक्ति शामिल होगा ! इस समिति में आमंत्रित सदस्य होंगे, जिनमें नायब तहसीलदार या जिला कलेक्टर कार्यालय के समकक्ष स्तर का एक प्रतिनिधि और रेलवे का क्षेत्राधिकार प्राप्त स्टेशन मास्टर, उपलब्धता के अधीन शामिल होगा ! अधिसूचना में कहा गया है कि इनमें से प्रत्येक समिति का कोरम अध्यक्ष सहित दो से होगा। साभार – एजेंसी इनपुट और news18.com
चुनाव में पहली बार वोटिंग करने के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
आवश्यक दस्तावेज़:
देशीयकरण के लिए नागरिकता चाहने वालों को दो हलफनामे देने होंगे: आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला हलफनामा और आवेदक के चरित्र की पुष्टि करने वाले भारतीय नागरिक का हलफनामा ! साथ ही, उम्मीदवारों को आवेदक से एक घोषणापत्र देना होगा कि वे संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध आधिकारिक भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान रखते हैं ! भारत में नागरिकता का प्रमाण, भारतीय पासपोर्ट/जन्म प्रमाण पत्र की प्रत, दस्तावेज है !
आवेदक को वैध विदेशी पासपोर्ट की एक प्रति, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण (भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि) या विवाह रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की एक प्रति देनी होगी ! नियमों के अनुसार आवेदकों को स्थानीय स्तर पर प्रतिष्ठित सामुदायिक संस्थान द्वारा जारी किया गया पात्रता प्रमाण पत्र देना होगा, जिसमें पुष्टि की जाएगी कि वे “हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से हैं और इस समुदाय के सदस्य रहेंगे” ! “उल्लेखित समूह” !
हालाँकि, इन दस्तावेज़ों को जमा करना वैकल्पिक है, और उन्हें केवल “यदि उपलब्ध हो” ही प्रदान किया जाना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन के लिए व्यापक निर्देश !
सीएए के तहत नागरिकता किसे मिलेगी? चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए अनुच्छेदों को पढ़ें ! नागरिकता के लिए कहां और कैसे अप्लाई करें? यहां पढ़ें !
पंजीकरण प्रक्रिया चरण:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – Indiancitizenshiponline.nic.in
- “सीएए २०१९ के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन जमा करने के लिए क्लिक करें” पर क्लिक करें !
- अपना मोबाइल नंबर, कैप्चा कोड दर्ज करें और अगले पेज पर जाएं !
- अगले पेज पर अपनी ईमेल आईडी, नाम और कैप्चा कोड दर्ज करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें !
- अपने ईमेल और मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी को सत्यापित करें। कोड दर्ज करके उन्हें सत्यापित करें और अतिरिक्त सत्यापन के लिए कैप्चा कोड दोबारा दर्ज करें !
- सफल सत्यापन पर, आपकी उपयोगकर्ता पंजीकरण प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाता है !
ऑनलाइन आवेदन:
- लॉगिन विंडो खोलें, और कैप्चा कोड के साथ अपनी ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर दर्ज करें। फिर, “जारी रखें” पर क्लिक करें।
- आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। प्राप्त ओटीपी दर्ज करें, कैप्चा कोड दोबारा दर्ज करें और “सत्यापित करें और आगे बढ़ें” पर क्लिक करें !
- सफल सत्यापन के बाद, आपको “नया एप्लिकेशन शुरू करने के लिए यहां क्लिक करें” विकल्प दिखाई देगा !
- आवेदक की पृष्ठभूमि के संबंध में प्रश्न ८ से ११ के उत्तर दें, जिसमें २०१४ से पहले निवास, मूल स्थान और रहने की अवधि जैसे विवरण शामिल हों। उचित विकल्प का चयन करके अपने उत्तर दर्शाने के लिए “हां” या “नहीं” का प्रयोग करें !
- नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए – CAA) २०१९ के प्रावधानों के तहत प्राकृतिककरण के लिए “स्वीकार करें और सबमिट करें” का चयन करें !
- अपने वर्तमान पते, परिवार के विवरण सहित सभी आवश्यक जानकारी पूरी करें, और यदि लागू हो, तो आपराधिक मामलों के संबंध में किसी भी जानकारी का खुलासा करें !
- निर्दिष्ट आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें और दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक ऑनलाइन भुगतान करने के लिए आगे बढ़ें !
- एक बार सभी चरण पूरे हो जाने के बाद, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के तहत नागरिकता के लिए आवेदन शुरू करने के लिए “सबमिट” पर क्लिक करें !
अधिकार प्राप्त समिति, आवश्यक पूछताछ करने और संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पंजीकरण या प्राकृतिककरण के लिए दावेदार है, जैसा उचित समझा जाए, आवेदक को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का अधिकार दे सकती है ! एक बार जब अधिकृत समिति द्वारा मंजूरी प्राप्त कर ली जाए, तो नए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण हेतु ‘डिजिटल प्रमाणन’ की आवश्यकता होगी। नये विधान में उल्लेख है कि सुरक्षा की दृष्टि से चोरी होने पर ही प्रमाणपत्र की हार्ड कॉपी बनाई जाएगी !
अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष द्वारा प्रमाणपत्र पर डिजिटल हस्ताक्षर लगाया जाएगा (हार्ड कॉपी को भौतिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा) ! प्राकृतिकीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने वालों को समिति द्वारा प्राकृतिकीकरण की एक डिजिटल प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा !
भारत के लिए निष्ठा की शपथ:
सभी स्वीकृत आवेदकों से यह शपथ लेनी होगी कि वे कानून द्वारा स्थापित ‘भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे’, और वे ‘ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे’ और अपने कर्तव्यों को ‘पूरा’ करेंगे। इससे वे भारत के नागरिक बनते हैं, जैसा कि नियमों में व्यक्त किया गया है।
जिस आवेदक ने नागरिकता प्रदान करने के लिए पंजीकरण या प्राकृतिकीकरण के लिए आवेदन किया है, उसे एक डिजिटल प्रमाणपत्र की जारी की जाएगी। पंजीकरण या प्राकृतिकीकरण प्रमाणपत्र के साथ हस्ताक्षर सिर्फ तभी किए जाएंगे जब आवेदक ने आवेदन प्रक्रिया में इस विकल्प को चुना हो, और उसे इसे अधिकार प्राप्त समिति के कार्यालय, यानी निदेशक के कार्यालय से प्राप्त करना होगा। यह कार्यालय संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी में स्थित होता है (जहां जनगणना संचालन की जाती है)।
कौन से शरणार्थी शामिल नहीं हैं?
जो शरणार्थी (Refugees) पात्र नहीं हैं (चाहे वे किसी भी धर्म के हों) उन्हें भारत की तदर्थ शरणार्थी नीति के तहत संरक्षित किया जाना जारी रहेगा, जिसके तहत उन्हें भारत में रहने के लिए दीर्घकालिक प्रवास वीजा जारी किया जाता है ! (long-term stay visas)
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, म्यांमार (बर्मा), श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि देशों के कई शरणार्थी भारत में आराम से रह रहे हैं ! सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिम शरणार्थियों को कवर नहीं करता है, क्योंकि हमारी स्थिति यह है कि जब स्थिति उनके लिए सुरक्षित हो जाएगी, तो शरणार्थी अपने घरों को लौट सकते हैं और उन्हें लौटना भी चाहिए !
भारत शरणार्थियों को वीज़ा कैसे देता है?
भारत की नीति हमेशा गैर-समावेशी रही है (इस सरकार के अस्तित्व में आने से बहुत पहले) ! कुछ देश विशेष रूप से संवैधानिक रूप से इस्लामी राष्ट्र हैं ! वहां का आधिकारिक धर्म इस्लाम है, जबकि कुछ मुसलमान भागकर भारत आ जाते हैं ! वे अपने देशों में उत्पीड़न और अत्याचार की स्थितियों से भागकर यहां आते हैं ! भारत को नीतिगत दृष्टिकोण से उन्हें बेअसर करने का कोई मतलब नहीं दिखता !
गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
पड़ोसी देशों में गैर-मुसलमानों के लिए संवैधानिक समस्याएँ हैं ! ऐसा माना जाता है कि उन पर ऐसे अत्याचार किए जाते हैं मानो वे वहां रहने के लायक ही नहीं हों। इसलिए, गैर-मुसलमानों के लिए माफी मायने रखती है ! मुसलमानों को अलग मामलों के रूप में माना जाता है, जैसा कि हमने सीरिया, अफगानिस्तान आदि देशों से आने वाले मुसलमानों के लिए किया है !
सीएए सारांश:
क्रमांक | सवाल | टिप्पणी |
१ | CAA का दीर्घ रूप क्या है? सीएए का पूरा नाम क्या है? सीएए का फुल फॉर्म क्या है? CAA कौन सा संशोधन है? | Citizenship Amendment Act नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता संशोधन अधिनियम नागरिकता संशोधन विधेयक |
२ | क्या CAA बिल पास हो गया है? क्या भारत में CAA लागू हो गया है? | हा ! संसद में पारित होने के पांच साल बाद केंद्र ने सोमवार को – ११ मार्च २०२४ – नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया है ! हा ! भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है ! |
३ | CAA में कौन-कौन शामिल हैं? सीएए के लिए कौन पात्र है? | यह अधिनियम में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल/ पात्र हैं ! |
४ | CAA किन देशों के अप्रवासियों के लिए लागू है? | बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ! |
५ | सीएए प्रयोज्यता के लिए इन अप्रवासियों के लिए भारत में रहने की पात्रता मानदंड क्या है ? | जो पिछले एक वर्ष और पिछले १४ वर्षों में से कम से कम ५ वर्षों में भारत में रहा हो ! |
६ | सीएए के लिए आवेदन कैसे करें? सीएए के तहत नागरिकता किसे मिलेगी? | ऑनलाइन ! आसान शब्दोनें हमारे पड़ोस के देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के व्यक्ति, जो ३१ दिसंबर २०१४ को या उससे पहले भारत में आए थे, सीएए के तहत नागरिकता मांग सकते हैं ! |
७ | क्या कोई फॉर्म भरना है? जानकारी प्रस्तुत की जानी है? | हाँ ! फॉर्म के अनुसार विवरण देकर ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होगा ! |
८ | किसी को फॉर्म कहां मिल सकता है? | प्रपत्र सूचना लिंक. यहाँ क्लिक करें ! |
९ | क्या कोई आयु सीमा है? | नहीं ! |
१० | लिंग मानदंड ? | नहीं, पुरुष/महिला कोई भी सीएए की मांग कर सकता है ! |
११ | सीएए के नियम क्या हैं? | भारत में माइग्रेंट की निवास की आवश्यकता को ११ वर्ष से घटाकर ५ वर्ष कर दिया है ! |
१२ | सीएए से क्या फायदा है? सीएए एप्लीकेशन की जरूरत किसे है? भारत का नागरिक कौन कौन हो सकता है ? | अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हजारों गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता मिलेगी । अब तक ये प्रवासी भारत में अवैध रूप से रह रहे थे या लंबी अवधि के वीजा पर थे ! |
१३ | सीएए बिल कब पास हुआ था? भारत में सीएए कब लागू हुआ? सीएए भारत में कब लागू हुआ? सीएए कब लागू किया गया था? नागरिकता संशोधन कानून कब पारित हुआ था? | दिसंबर २०१९ में संसद में पारित किया गया था। लोकसभा में ९ दिसंबर, २०१९ को पारित किया था ! राज्यसभा ने इसे ११ दिसंबर, २०१९ को पारित किया था ! राष्ट्रपति ने ९ दिसंबर, २०१९ को सहमति दे दी थी ! सीएए के कार्यान्वयन का आरंभ दिसंबर 20, 2019 को हुआ, जब केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने पाकिस्तान से आए सात शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र दिए। |
१४ | भारत में कितने प्रकार के नागरिकता है? | एकल नागरिकता ! |
१५ | नागरिकता अधिनियम में कितनी बार संशोधन किया गया है? | नागरिकता अधिनियम, 1955 में छह बार संशोधन किया गया है ! |
१६ | भारत में पहली बार नागरिकता अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ था ? | ३० दिसंबर, १९५५ के दिन – भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण और निर्धारण के लिए एक अधिनियम ! |
१७ | भारत में नागरिकता के 4 प्रकार क्या हैं? भारत में नागरिकता कितने प्रकार की होती है? | ह मंत्रालय के अनुसार, भारतीय नागरिकता चार तरीकों से हासिल की जा सकती है: जन्म, वंश, पंजीकरण और देशीयकरण ! |
१८ | नागरिकता कब समाप्त होती है? | अगर कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से अपनी नागरिकता का त्याग कर देता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाती है !भारत सरकार को भी निम्नलिखित शर्तों के आधार पर अपने नागरिकों की नागरिकता समाप्त करने का अधिकार होता है ! |
निष्कर्ष:
यह सब सीएए के बारे में है ! सभी सूचनाओं का श्रेय इंटरनेट के साथ-साथ समाचार साइटों को भी है। यदि आपका कोई प्रश्न हो तो कृपया लिखें ! हम इसका जवाब देने की कोशिश करेंगे !
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