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आप इस लेख में मोनालीसा पेंटिंग के बारे में १९ ऐसी बातें जानोगे जो वाकई आपको हैरानी में डाल देंगी !

लगबग पांच सौ बिस (५२०) साल पहले, इटली के जिनियस लियोनार्डो दा विंची ने एक ऐसी तस्वीर / चित्रकारी बनाई थी, जो आज भी एक रहस्य  बनी हुई है –           मोना लीसा !

पेरिस के Louvre म्यूजियम) में  पैंतीस हज़ार से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएँ हैं ! लेकिन ज़्यादातर लोग मोना लीसा को देखने आते हैं और उसके सामने सेल्फी लेकर चले जाते हैं !

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मोनालीसा.  इटालियन में इसका सही उच्चारण है.मोना लीजा ! इसका मतलब होता है माय लेडी ! (मेरी हमदम) !

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मोनालिसा की प्रशंसक दुनिया भर में है !  इस पेटिंग पर कविताएँ लिखी जा चुकी है ! गाने बन चुके हैं ! इस पेटिंग को  म्यूजियम में लव लेटर्स , फूल  मिलते हैं !.

पैरानॉर्मल क्रूसिबल वेबसाइट ने ये दावा किया था की मोना लीसा की पेंटिंग में कोई एलियन (Alien) छिपा है 

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कहा गया कि अगर इस पेटिंग को बाईं तरफ  से आईने के साथ जोड़ कर देखा जाए तो एलियन जैसी आकृति बनती है !

४.१

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संदिग्ध थेअरी बताती है कि पेटिंग में इटालियन भाषा में लिखा गया है – La Risposta Si Trova Qui !  मतलब - The Answer Is Here - उत्तर यहां है. !

४.२

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मोना लीसा की भौहें और पलकें  नहीं दिखती ! पास्कल कोट्टे  का कहना है कि दा विंची ने मूल रूप से भौहें और पलकें पेंट की थीं। वक़्त के साथ धीरे धीरे गायब हो गई , शायद अति सफाई की वजह से !

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पेंटिंग का आकार ३०” * २१”  है ! वज़न ८ किलोग्राम है ! बारीक दाने वाले सफेद चिनार (White Poplar) लकड़ी के पैनल (panel) पर ऑइल पेन्ट (oil paint) से बनाया है !

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सन १८०० में  मोनालिसा पेंटिंग नेपोलियन बोनापार्ट के कब्जे में आ गई। फ्रेंच क्रांति  के बाद पेंटिंग को पेरिस के Louvre म्यूजियम में रख दिया गया !

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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार मोना लीसा इतिहास की उच्चतम मूल्यांकन वाली पेंटिंग है ! फ्रांसीसी कानून  के अनुसार इसे बेचा- खरीदा नहीं जा सकता ! यह पेंटिंग जनता के लिए है !

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लियोनार्डो ने मोना लीसा को पेंट करने में तीस से भी ज़्यादा परतों (layers) का इस्तेमाल किया था और उनमें से कुछ परतें तो एक इंसानी बाल से भी बारीक थी !

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एक विद्यार्थी ने मोना लीसा का नग्न संस्करण  भी बनाया था ! जिसे “मोना वन्ना” या “न्यूड मोना लिसा” कहा जाता है ! यह चारकोल पेंटिंग Condé Museum in Chantilly, France) में  है !

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१०

मोना लिसा पेंटिंग पर पहला और सबसे हिंसक हमला १९५६ में हुआ था। यह कलाकृति फ्रांस के दक्षिण में मोंटौबैन में एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जा रही थी, तभी एक बदमाश ने इस पर तेजाब फेंक दिया।

१९५६ में ही उगो उन्गाज़ा विलेगास नामक व्यक्ति ने तस्वीर पर एक पत्थर फेंका था ! जिसकी वजह से मोनालीसा कि बाएं हाथ की कोहनी के पास एक छोटा सा निशान आ गया है !

११.

मई २०२२ में एक व्यक्ति ने पेंटिंग के डिस्प्ले केस पर क्रीम केक लगाया। कांच के डिब्बे को तोड़ने की भी कोशिश की। सौभाग्य से, इस हमले ने पेंटिंग को कोई खास नुकसान नहीं पहुँचाया!

११.२

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विद्वानों का ये मानना है कि जो तस्वीर है वो लिसा घेरार्दिनी (Lisa Gherardini) की है !एक थेअरी ये भी कहती है कि मोनालीसा लियोनार्डो दा विंसी की खुद की तस्वीर है - औरत के रूप में !

१२

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मोना लीसा की जुड़वां पेंटिंग भी मौजूद है ! कहा जाता है पेटिंग को दा विंसी के  विद्यार्थी फ्रांसेस्को मेल्ज़ी ने बनाया था ! पेंटिंग स्पेन, मैड्रिड के प्राडो म्यूजियम में रखी है !

१२.

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मोना लीसा को पेंटिंग को Louvre म्यूजियम से चुरा लिया गया था ! चोरी के इलज़ाम में महान पेंटर पॉब्लो पिकासो को शक के घेरेमें लिया गया !  बाद में उनसे यह आरोप हटा लिया गया !

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१३

२१ अगस्त १९११ के दिन म्यूजियम के कार्यकर्ता,  (विन्सेन्ज़ो पुरुजिया) ने चुराया था ! संग्रहालय के बंद होने के बाद वह पेंटिंग को कोट में छिपाकर फरार हो गया !

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१४

विन्सेन्ज़ो पुरुजिया इटली का एक देश भक्त नागरिक था !उसका विश्वास था कि लियोनार्डो की पेंटिंग उनके देश में वापस आनी चाहिए ! इटली ने उसकी देशभक्ति के लिए उसका स्वागत किया !

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१४.

डकैती ने मोनालिसा को इतना लोकप्रिय बना दिया कि जनता ने शोक मनाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दुःख की तुलना १९९७ में राजकुमारी डायना की मृत्यु के बाद देखे गए शोक से की।

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१४.२

मोनालीसा के होठ बनाने में लियोनार्डो दा विंची ने बारह साल लगा दिए थे ! हालाँकि, पेंटिंग में लगने वाले कुल समय के बारे में अभी भी बहस/चर्चा/शोध चल रहा है।

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१५

सन् २००० में, डॉ. मार्गरेट लिविंगस्टोन ने बताया कि मोना लीसा की मुस्कान नहीं बदलती, बल्कि इंसान का नज़रिया बदलता है !आप चेहरे को जैसे देखना चाहते हो वैसा ही आपको वह दिखेगा !

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१६

पेंटिंग के बारे में जो बात सबसे ज़्यादा सोचनेपर मजबूर करती है वह है मोनालीसा की रहस्यमय मुस्कान !

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१७

२३ जून १८५२ को ल्यूक मास्पेरो, फ्रांस ने पेरिस के होटल की चौथी मंज़िल से कूद कर अपनी जान दे दी ! वो मोनालीसा की रहस्यमई मुस्कान के लिए पागल था !

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१८

शोध से पता चलता है कि दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग दुनिया की शायद पहली 3d / 3डी पेंटिंग है !

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१९

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