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इसके दो प्रकार हैं ! १ - हम सोते हैं या थोड़ी देर के लिए झपकी लेते हैं, इसे सक्रिय आराम कहा जाता है।
२. योग, स्ट्रेचिंग, मालिश आदि निष्क्रिय विश्राम देते हैं। जो आपके स्वस्थ स्वास्थ्य में मदद करता है।
लगातार काम करने से आपका दिमाग और मन थक जाता है ! हर घंटे के बाद कम से कम १० मिनट का ब्रेक लेने की कोशिश करें ! मन को आराम दें !
पूरे दिन कंप्यूटर पे काम करना, रोशनी, चारों ओर शोर, काम के लिए बहुत सारे लोगों से बात करना, यह हमारी इंद्रियों पर बहुत अधिक भार पैदा करता है ! (कार्यालय - घर से काम)
काम करते, कम से कम एक मिनट के लिए शांत बैठना फायदेमंद है ! यह संवेदनाओं को सक्रिय रखता है बिस्तर पर जाने से पहले इलेक्ट्रॉनिक से खुद को अनप्लग करें !
काम के अलावा, चीजों, शौक, कला को करना, जो हमें पसंद हैं, क्रिएटीव्ह विश्राम - ब्रेक है। इस में ऐसी चीजें शामिल हैं जहां हमें लगता है कि हम खुद को व्यक्त कर रहे हैं !
हम सप्ताह में ४० घंटे किसी न किसी भ्रम में सोचते हैं ! इसलिए हम कुछ भी रचनात्मक नहीं कर रहे हैं ! एक रचनात्मक ब्रेक लें ! यह जीवन को बदल देगा !
दूसरों को क्या महसूस होगा, ये चिंता से भावनात्मक आराम की आवश्यकता बढ़ जाती है ! परिवारं, दोस्त, सहकर्मि + के साथ सही तरीके से व्यवहार करने में बहुत ऊर्जा खर्च की जाती है!
ऐसे समय में किसी व्यक्ती से मिलें जो आपके बारे में कोई राय न बनाए, जिससे आप कुछ भी बात कर सकें ! केवल तभी हमें "भावनात्मक आराम" मिलेगा ! ऐसे व्यक्ती को कभी भी ना खोए !
सोशल मीडिया, टीवी, मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल ने नेगेटिविटी या हिंसात्मकता के प्रगटीकरण बहुत बढ़ा दिया है ! अवचेतन रूप से यह हमारी सकारात्मकता को प्रभावित कर रहा है !
सामाजिक विश्राम उन लोगों के संपर्क में रहने की कोशिश करने के बारे में है जो प्रेरित, उत्साहित, सकारात्मक सोचते हैं ! उन लोगों के संपर्क में रहें जो आपको ऊर्जावान महसूस कराते हैं !
आध्यात्मिक विश्राम शारीरिक और मानसिकता से परे प्रेम, स्नेह, स्वीकृति की भावनाओं को गहराई से समझना है !
अपने आप को उन गतिविधियों में संलग्न करें जो दूसरों की मदद करेंगे, प्रार्थना करेंगे, ध्यान करेंगे,हर दिन अपनी पसंद की सामाजिक गतिविधियों में संलग्न होंगे !